अभिषेक मनु सिंघवी बोले- 'अहंकार, जिद्द की राजनीति खत्म हो', पेट्रोल-डीजल पर सेस को लेकर भी साधा निशाना

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'लंबे समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रताड़ना झेल रहे हैं. उनकी मांगों पर सबसे पहले संसद में चर्चा होनी चाहिए.

नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने किसान आंदोलन, पेट्रोल-डीजल पर सेस और पीएफ (PF) के ब्याज पर टैक्स जैसे मुद्दों को लेकर केद्र सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि देश से अहंकार और जिद्द की राजनीति खत्म होनी चाहिए. एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'लंबे समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रताड़ना झेल रहे हैं. उनकी मांगों पर सबसे पहले संसद में चर्चा होनी चाहिए. हिंसा का बहाना बनाकर अभियान तोड़ने के लिए किलों का इस्तेमाल किया जा रहा है जैसे कि कोई सामने शत्रु बैठा है. अहंकार और जिद्द की राजनीति खत्म होनी चाहिए.'

पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाने के फैसले पर भी उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'पेट्रोल डीजल पर सेस लगाने का फैसला एक मजाकिया फैसला है. सरकार ने सेस लगाया लेकिन एक्साइज ड्यूटी कम कर दी  ऐसा क्यों किया गया? सेस लगाने के पीछे मुख्य कारण है कि राज्यों को सेस के नाम पर इकट्ठा किया गया पैसा ना देना पड़े और सरकार पूरा पैसा खुद खा सकती है.'

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बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन तेल उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कटौती की, लेकिन साथ ही उपकर लगा दिया. आम बजट 2021-22 में वित्त मंत्री ने कृषि अवसंरचना विकास उपकर लगाया, और उतनी ही उत्पाद शुल्क में कटौती कर दी, जिसका खामियाजा राज्यों को उठाना पड़ेगा.  गौरतलब है कि केंद्र सरकार को उपकर राज्यों के साथ साझा नहीं करना पड़ेगा, जबकि उत्पाद शुल्क को साझा करना पड़ता है.

आपके PF के ब्याज पर सरकार की नजर, इससे ज्यादा के योगदान पर देना होगा टैक्स

वहीं, पीएफ के ब्याज पर टैक्स के उन्होंने कहा कि प्रोविडेंट फंड जैसे फंड से बहुत ध्यान से निपटने की जरूरत है. पीएफ से इनकम पर टैक्स लगाने का मैं समर्थन नहीं करता. बता दें, पीएफ में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा निवेश करने वालों को इस बजट में झटका लगा है. दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को बजट (Budget 2021) में ऐलान किया कि जो भी कर्मचारी भविष्य निधि (PF Contribution) में किसी वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा का योगदान देते हैं, उन्हें इस पर टैक्स देना होगा. ये लोग पीएफ से मिलने वाले ब्याज पर कर छूट का दावा नहीं कर पाएंगे. 1 अप्रैल से बजट का यह प्रावधान लागू होगा

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