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This Article is From Jul 14, 2020

राजस्‍थान में गहलोत सरकार पर 'संकट' के बीच AAP ने यूं साधा कांग्रेस और बीजेपी पर निशाना..

राजस्‍थान के सियासी घटनाक्रम को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से जो ट्वीट किया गया है उसमें चार चरणों के में कांग्रेस (Congress) के चुनाव चिह्न 'हाथ के पंजे' को बीजेपी (BJP) के चुनाव चिह्न 'कमल के फूल' में तब्‍दील होते हुए दिखाया गया है.

राजस्‍थान में गहलोत सरकार पर 'संकट' के बीच AAP ने यूं साधा कांग्रेस और बीजेपी पर निशाना..
राजस्‍थान में अशोक गहलोत सरकार बचाने की चुनौती से जूझ रहे हैं
नई दिल्ली:

Rajasthan Political Crisis: राजस्‍थान के सियासी घटनाक्रम को लेकर आम आदमी पार्टी यानी AAP ने कांग्रेस और बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है. राजस्‍थान में घटनाक्रम इस तरह के है कि एक पार्टी पर सत्‍ता गंवाने का खतरा मंडरा रहा है जबकि दूसरी पार्टी इस टूट की स्थिति को अपने लिए 'अवसर' के तौर पर देख रही है. कुछ ऐसे ही हालत करीब तीन माह पहले मध्‍य प्रदेश में थे. फर्क केवल इतना है कि मध्‍य प्रदेश के मुकाबले राजस्‍थान में कांग्रेस की स्थिति विधायकों के संख्‍या बल के मामले में बेहतर है. राजस्‍थान के इस घटनाक्रम को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से जो ट्वीट किया गया है उसमें चार चरणों के में कांग्रेस (Congress) के चुनाव चिह्न 'हाथ के पंजे' को बीजेपी (BJP) के चुनाव चिह्न 'कमल के फूल' में तब्‍दील होते हुए दिखाया गया है.

राजस्‍थान में सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot)  और उनके डिप्‍टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच की तल्‍खी उस समय आम हो गई थी जब पायलट ने अपने विश्‍वस्‍त विधायकों के साथ बागी तेवर अख्तियार कर लिए. कांग्रेस पार्टी ने पायलट को समझाने का भरसक प्रयास किए लेकिन इस बार वे झुकने को तैयार नही थे. ऐसे में पार्टी ने सख्‍त रुख अपनाते हुए मंगलवार को हुए सचिन पायलट (Sachin Pilot) और उनके दो विश्‍वस्‍तों को मंत्री पद से हटाने की घोषणा की. सचिन पायलट को राजस्‍थान कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से भी बेदखल कर दिया गया है. कांग्रेस की बैठक में सचिन पायलट के साथ उनके दो भरोसेमंद साथी विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्रिपद से हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया. पायलट और उनके विश्‍वस्‍तों पर कार्रवाई की घोषणा कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला (RS Surjewala) ने की.

सुरजेवाला ने इस मौके पर कहा, 'राजस्थान के चार दिन के घटनाक्रम से सब परिचित हैं. भाजपा ने एक षड्यंत्र के तहत राजस्थान की चुनी हुई सरकार को गिराने की साज़िश की गई है. भाजपा ने धनबल, सत्ता बल, ईडी और इनकम टैक्स विभाग का गलत इस्तेमाल किया गया है. पूरे देश ने देखा कि अशोक गहलोत सरकार के विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई. यह दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि सचिन (पायलट) और कुछ विधायक भ्रमित होकर सरकार गिराने की साज़िश में शामिल हो गए. पायलट को पदों से हटाने की घोषणा करते हुए कांग्रेस की ओर से कहा गया कि पार्टी ने उन्‍हें पर्याप्‍त सम्‍मान और पद दिया लेकिन वे सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने लगे.

इस नए घटनाक्रम के बाद बीजेपी की बांछें खिली हुई हैं. दूसरी ओर, विधायकों के संख्‍या बल के मामले में अशोक गहलोत की सरकार इस समय असमंजस की सी स्थिति में है. ऐसा माना जा रहा है कि गहलोत को समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या 100 या इससे भी कुछ नीचे है. भारतीय ट्राइबल पार्टी (ITP) के दो सदस्य, जो कांग्रेस सरकार के साथ बैठे थे, भी सोमवार को गहलोत सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर चुके हैं. 200 सदस्‍यीय राजस्‍थान विधानसभा में बहुमत के लिए 101 के आंकड़े के जरूरत है.

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