अंगूठे मैच न होने से नहीं मिल रहा राशन
नई दिल्ली:
गुरुवार को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान पर देश के अलग राज्यों से लोग आधार कार्ड से जुड़ी अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे. सरकार के निर्देश के अनुसार जन-कल्याण स्कीम का फायदा लेने के लिए आधार लिंक होना जरुरी है. इस नियम के तहत पीडीएस के दुकान पर एक पॉइंट ऑफ़ सेल मशीन होगा इस मशीन इंटरनेट से जुड़ा होगा जब भी कोई राशन लेने जाएगा तो अपने अंगूठा या आंख की पुतली मैच करने पर ही राशन मिलेगा. सरकार की इस नियम के बाद कई लोगों को राशन नहीं मिल रहा हैं. एक तो उन लोगों को राशन नहीं मिल रहे हैं जिनका आधार लिंक नहीं हुआ है दूसरे तरफ वो लोग है जिनका आधार तो लिंक हुआ है लेकिन अंगूठा और आरएस मैच न करने के वजह से राशन नहीं मिल रहा है. मीडिया रिपोर्ट में अनुसार पिछले छह महीने में आधार के वजह से राशन न मिलने के वजह से 10 लोगों की भूख से मौत हो गई है।
आधार और पैन में नाम की स्पेलिंग अलग-अलग है तो आयकर विभाग की साइट पर ऐसे करे लिंक
राशन न मिलने पर हुई मौत?: अक्टूबर 2017 को मीडिया में खबर आई थी कि आधार लिंक न होने के वजह राशन न मिलने पर झारखंड में एक 11 साल की लड़की की भूख से मौत हो गई थी लेकिन झारखंड सरकार का कहना था कि मौत भूख से नहीं बल्कि मलेरिया से हुई है. गांधी शांति प्रतिष्ठान पर झारखंड से आईं उषा देवी मिलीं. उषा देवी झारखंड से दिल्ली पहुंची है. दूसरों खेती में मजदूरी करके अपना परिवार चलाने वाले उषा देवी अपने साथ कई शिकायतें लेकर आई थीं. उषा देवी यह आरोप लगा रही है कि आधार लिंक न होने के वजह से उस के सास को राशन नहीं मिला जिस वजह से भूख और ठंड से उनकी मौत हो गयी. तीन महीने इस घटना से उषा देवी काफी टूट चुकी है. उषा देवी का कहना है, सास की मौत के बाद तुरंत 30 किलो राशन मिल गया लेकिन इसका क्या फायदा जब सास ही नहीं बची है. दिल्ली की महिलाएं भी परेशान: वसंत विहार के कुसुमपुर पहाड़ी में रहने वाले रमा, मोहिनी और उर्मिला देवी भी राशन न मिलने से परेशान हैं तीनों की उम्र 60 साल से ज्यादा है. रमा देवी ने कहा कि आधार लिंक तो हुया है लेकिन बायोमीट्रिक मशीन में अंगूठा मैच न होने के वजह से पिछले तीन महीने से राशन नहीं मिल रहे हैं. रमा देवी के पास दूसरा कोई कमाई नहीं है. मोहिनी देवी का उम्र 70 साल की हो गयी है. दूसरों के घर मे काम करके मोहिनी अपना गुजारा करती है. मोहिनी को भी पिछले तीन महीने से राशन नहीं मिल रहा, वजह है बायोमैट्रिक मशीन में अंगूठा मिसमैच. मोहिनी देवी का कहना है कि जनवरी के महीने में उन्हें राशन नहीं मिला लेकिन ऑनलाइन रिकॉर्ड में मिलने की बात लिखी हुई है. इस पहाड़ी में रहने वाली उर्मिला देवी सरकार के ऊपर कई सवाल खड़ी कर रही है. उर्मिला देवी का कहना पिछले 40 सालों से राशन लेने में कोई दिक्कतें नहीं हुई थीं लेकिन जनवरी 2018 के बाद अंगूठा मैच न करने के वजह राशन नहीं मिल रहा.
राजस्थान से आईं महिलाएं ने बताई अपना कहानी: राजस्थान से भी आईं कई महिलाएं परेशान दिखीं. सीता देवी के पास बीपीएल कार्ड है लेकिन इसका क्या फायदा जब राशन ही नहीं मिल रहे हैं। बायोमैट्रिक मशीन में अंगूठा मैच न होने के वजह से सीता देवी को राशन नहीं मिल रहे हैं। सीता देवी का बेटा का भी राशन कार्ड में नाम है लेकिन बेटा शहर से बाहर काम करता है जब बेटा घर आता है राशन मिल पाता है। पिछले एक साल।में सीता देवी सिर्फ तीन बार राशन ले पाई है। सीता देवी के साथ धोखाधड़ी भी हुई है। ऑनलाइन PoS ट्रांसक्शन दिखा रहा है कि सीता देवी को 40, 20 और 20 किलो गेहूं मिले हैं जब कि सीता देवी को कुल मिलाकर 40 किलो मिले हैं।सुवा देवी राजस्थान के किशनगढ़ ज़िले से आई है. सुवा देवी अकेले रहती है. सुवा देवी को कई सालों से नेशनल फ़ूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत राशन मिलते थे लेकिन बायो मीट्रिक मशीन में ऊगली मिस मैच के वजह से सुवा देवी पिछले अप्रैल 2017 से राशन नहीं मिल रहा है. एक गांव कई परिवारों का 20 सालों से राशन कार्ड नहीं: मध्य प्रदेश से कुछ ऐसे लोग मिल गए जिनका पिछले 20 सालों से राशन कार्ड ही नही बन पाया है. कई कोशिश के बावजूद भी इन लोगों का कार्ड नहीं बन पाया है. गांव में कुछ लोगों का तो राशन कार्ड बना है लेकिन ज्यादातर लोगों का नहीं बना है. यह लोग कलेक्टर से भी मिल चुके है. कलेक्टर के तरफ से इनकी मामले को छानबीन करने के लिए एक कमिटी भी बनाया गया था लेकिन इस कमिटी ने रिपोर्ट दिया कि सब के पास राशन कार्ड है और राशन मिल रहे है लेकिन इन लोगों का कहना है ना उनके पास राशन कार्ड है ना ही राशन मिल रहे हैं. इनका कहना है हो सकता है इनके नाम पर कोई दूसरा राशन लेता हो. पश्चिम बंगाल से भी एक 26 साल का लड़का मिला जिस का राशन कार्ड अभी-तक नहीं बन पाया है. राशन न मिलने के वजह से वह काफी परेशान है. रोज़गार नहीं है पहले चाय बगीचे में काम करता था लेकिन अब काम छूट गया है.
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राशन न मिलने पर हुई मौत?: अक्टूबर 2017 को मीडिया में खबर आई थी कि आधार लिंक न होने के वजह राशन न मिलने पर झारखंड में एक 11 साल की लड़की की भूख से मौत हो गई थी लेकिन झारखंड सरकार का कहना था कि मौत भूख से नहीं बल्कि मलेरिया से हुई है. गांधी शांति प्रतिष्ठान पर झारखंड से आईं उषा देवी मिलीं. उषा देवी झारखंड से दिल्ली पहुंची है. दूसरों खेती में मजदूरी करके अपना परिवार चलाने वाले उषा देवी अपने साथ कई शिकायतें लेकर आई थीं. उषा देवी यह आरोप लगा रही है कि आधार लिंक न होने के वजह से उस के सास को राशन नहीं मिला जिस वजह से भूख और ठंड से उनकी मौत हो गयी. तीन महीने इस घटना से उषा देवी काफी टूट चुकी है. उषा देवी का कहना है, सास की मौत के बाद तुरंत 30 किलो राशन मिल गया लेकिन इसका क्या फायदा जब सास ही नहीं बची है.
राजस्थान से आईं महिलाएं ने बताई अपना कहानी: राजस्थान से भी आईं कई महिलाएं परेशान दिखीं. सीता देवी के पास बीपीएल कार्ड है लेकिन इसका क्या फायदा जब राशन ही नहीं मिल रहे हैं। बायोमैट्रिक मशीन में अंगूठा मैच न होने के वजह से सीता देवी को राशन नहीं मिल रहे हैं। सीता देवी का बेटा का भी राशन कार्ड में नाम है लेकिन बेटा शहर से बाहर काम करता है जब बेटा घर आता है राशन मिल पाता है। पिछले एक साल।में सीता देवी सिर्फ तीन बार राशन ले पाई है। सीता देवी के साथ धोखाधड़ी भी हुई है। ऑनलाइन PoS ट्रांसक्शन दिखा रहा है कि सीता देवी को 40, 20 और 20 किलो गेहूं मिले हैं जब कि सीता देवी को कुल मिलाकर 40 किलो मिले हैं।सुवा देवी राजस्थान के किशनगढ़ ज़िले से आई है. सुवा देवी अकेले रहती है. सुवा देवी को कई सालों से नेशनल फ़ूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत राशन मिलते थे लेकिन बायो मीट्रिक मशीन में ऊगली मिस मैच के वजह से सुवा देवी पिछले अप्रैल 2017 से राशन नहीं मिल रहा है.
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