क्या आधार डेटाबेस में मात्र 2500 रुपये में की जा सकती है सेंधमारी? जानिये UIDAI ने क्या कहा...

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार डेटाबेस (Aadhaar) में सेंधमारी की खबर को पूरी तरह भ्रामक बताया है. UIDAI ने कहा कि आधार का डेटा हैक करना संभव नहीं है.

क्या आधार डेटाबेस में मात्र 2500 रुपये में की जा सकती है सेंधमारी? जानिये UIDAI ने क्या कहा...

UIDAI ने कहा कि आधार के डेटाबेस में सेंधमारी संभव नहीं है. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • UIDAI ने आधार डेटाबेस में सेंधमारी की खबर को किया खारिज
  • UIDAI ने कहा -डाटा पूरी तरह से सुरक्षित, सेंध लगाना संभव नहीं
  • आधार डाटा में सेंधमारी की खबर के बाद यूआईआईएआई का बयान
नई दिल्ली:

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार डेटाबेस (Aadhaar) में सेंधमारी की खबर को पूरी तरह भ्रामक बताया है. यूआईडीएआई ने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट न केवल भ्रामक है, बल्कि गैरजिम्मेदाराना है. आधार की डेटाबेस पूरी तरह सुरक्षित है. मंगलवार को आधिकारिक बयान जारी कर UIDAI ने कहा कि सोशल मीडिया में आधार इनरोलमेंट सॉफ्टवेयर के कथित तौर पर हैक किए जाने की रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है. यूआईडीएई ने कहा कि आधार के डेटाबेस में सेंधमारी संभव नहीं है. बता दें कि मार्च महीने में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान UIDAI के सीईओ ने संविधान पीठ के सामने एक पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन भी दिया था. उन्होंने अपने 80 मिनट के इस प्रजेंटेशन में कोर्ट को बताया था कि आधार में दर्ज डाटा पूरी तरह से सुरक्षित है. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि आधार का सारा बॉयोमैट्रिक डाटा 2048 bit एनक्रिप्शन से सुरक्षित है. लिहाजा इस डाटा को चुरा पाना किसी के लिए असंभव जैसा है.उन्होंने कहा कि एनक्रिप्शन की को तोड़ने के लिए ब्रह्माण्ड की उम्र लग जाएगी.

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बता दें कि तीन महीने लंबी पड़ताल के बाद एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि आधार के डेटाबेस में एक सॉफ्टवेयर पैच के जरिए सेंध लगाई जा सकती है. 'हफपोस्ट इंडिया' की रिपोर्ट में दावा किया गया कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति मात्र 2,500 रुपये में आसानी से मिलने वाले इस पैच के जरिए दुनिया में कहीं से आधार आईडी बना सकता है. 
 
 
कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा, 'आधार नामांकन सॉफ्टवेयर के हैक हो जाने से आधार डेटाबेस की सुरक्षा खतरे में आ सकती है. हमें उम्मीद है कि अधिकारी भावी नामांकनों को सुरक्षित करने और संदिग्ध नामांकन की पुष्टि के लिए उचित कदम उठाएंगे.' पिछले महीने फ्रांसीसी सुरक्षा विशेषज्ञ इलियट एल्डर्सन ने यूआईडीएआई से सवाल किया था कि क्यों इसकी हेल्पलाइन संख्या कई लोगों के फोन पर उनकी जानकारी के बिना दर्ज हो गई, जिससे काफी विवाद हुआ था. अब उन्होंने एक बार फिर कहा है कि यूआईडीएआई डेटा में सेंध को रोकने के लिए हैकर्स के साथ काम करें.

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उन्होंने कहा, 'मैं दोहराता हूं कि कोई भी चीज ऐसी नहीं है, जिसे हैक न किया जा सके. यह आधार पर भी लागू होती है. कभी भी बहुत देर नहीं होती. सुनिए और हैकर्स को धमकी देने के बजाए उनसे बात कीजिए.'

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