UIDAI ने कहा कि आधार के डेटाबेस में सेंधमारी संभव नहीं है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार डेटाबेस (Aadhaar) में सेंधमारी की खबर को पूरी तरह भ्रामक बताया है. यूआईडीएआई ने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट न केवल भ्रामक है, बल्कि गैरजिम्मेदाराना है. आधार की डेटाबेस पूरी तरह सुरक्षित है. मंगलवार को आधिकारिक बयान जारी कर UIDAI ने कहा कि सोशल मीडिया में आधार इनरोलमेंट सॉफ्टवेयर के कथित तौर पर हैक किए जाने की रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है. यूआईडीएई ने कहा कि आधार के डेटाबेस में सेंधमारी संभव नहीं है. बता दें कि मार्च महीने में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान UIDAI के सीईओ ने संविधान पीठ के सामने एक पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन भी दिया था. उन्होंने अपने 80 मिनट के इस प्रजेंटेशन में कोर्ट को बताया था कि आधार में दर्ज डाटा पूरी तरह से सुरक्षित है. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि आधार का सारा बॉयोमैट्रिक डाटा 2048 bit एनक्रिप्शन से सुरक्षित है. लिहाजा इस डाटा को चुरा पाना किसी के लिए असंभव जैसा है.उन्होंने कहा कि एनक्रिप्शन की को तोड़ने के लिए ब्रह्माण्ड की उम्र लग जाएगी.
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बता दें कि तीन महीने लंबी पड़ताल के बाद एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि आधार के डेटाबेस में एक सॉफ्टवेयर पैच के जरिए सेंध लगाई जा सकती है. 'हफपोस्ट इंडिया' की रिपोर्ट में दावा किया गया कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति मात्र 2,500 रुपये में आसानी से मिलने वाले इस पैच के जरिए दुनिया में कहीं से आधार आईडी बना सकता है.
कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा, 'आधार नामांकन सॉफ्टवेयर के हैक हो जाने से आधार डेटाबेस की सुरक्षा खतरे में आ सकती है. हमें उम्मीद है कि अधिकारी भावी नामांकनों को सुरक्षित करने और संदिग्ध नामांकन की पुष्टि के लिए उचित कदम उठाएंगे.' पिछले महीने फ्रांसीसी सुरक्षा विशेषज्ञ इलियट एल्डर्सन ने यूआईडीएआई से सवाल किया था कि क्यों इसकी हेल्पलाइन संख्या कई लोगों के फोन पर उनकी जानकारी के बिना दर्ज हो गई, जिससे काफी विवाद हुआ था. अब उन्होंने एक बार फिर कहा है कि यूआईडीएआई डेटा में सेंध को रोकने के लिए हैकर्स के साथ काम करें.
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उन्होंने कहा, 'मैं दोहराता हूं कि कोई भी चीज ऐसी नहीं है, जिसे हैक न किया जा सके. यह आधार पर भी लागू होती है. कभी भी बहुत देर नहीं होती. सुनिए और हैकर्स को धमकी देने के बजाए उनसे बात कीजिए.'
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No operator can make or update Aadhaar unless resident himself give his biometric. Any enrolment or update request is processed only after biometrics of the operator is authenticated and resident’s biometrics is de-duplicated at the backend of UIDAI system: UIDAI
— ANI (@ANI) September 11, 2018
बता दें कि तीन महीने लंबी पड़ताल के बाद एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि आधार के डेटाबेस में एक सॉफ्टवेयर पैच के जरिए सेंध लगाई जा सकती है. 'हफपोस्ट इंडिया' की रिपोर्ट में दावा किया गया कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति मात्र 2,500 रुपये में आसानी से मिलने वाले इस पैच के जरिए दुनिया में कहीं से आधार आईडी बना सकता है.
The hack of the Aadhaar enrollment software jeopardises the sanctity of the Aadhaar database. We hope the authorities will take the appropriate moves to secure future enrollments and verify the suspect enrollments. https://t.co/KDetuXoBgE
— Congress (@INCIndia) September 11, 2018
कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा, 'आधार नामांकन सॉफ्टवेयर के हैक हो जाने से आधार डेटाबेस की सुरक्षा खतरे में आ सकती है. हमें उम्मीद है कि अधिकारी भावी नामांकनों को सुरक्षित करने और संदिग्ध नामांकन की पुष्टि के लिए उचित कदम उठाएंगे.' पिछले महीने फ्रांसीसी सुरक्षा विशेषज्ञ इलियट एल्डर्सन ने यूआईडीएआई से सवाल किया था कि क्यों इसकी हेल्पलाइन संख्या कई लोगों के फोन पर उनकी जानकारी के बिना दर्ज हो गई, जिससे काफी विवाद हुआ था. अब उन्होंने एक बार फिर कहा है कि यूआईडीएआई डेटा में सेंध को रोकने के लिए हैकर्स के साथ काम करें.
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उन्होंने कहा, 'मैं दोहराता हूं कि कोई भी चीज ऐसी नहीं है, जिसे हैक न किया जा सके. यह आधार पर भी लागू होती है. कभी भी बहुत देर नहीं होती. सुनिए और हैकर्स को धमकी देने के बजाए उनसे बात कीजिए.'
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