राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि पंजाब के चुनाव नतीजे कांग्रेस के लिए ‘झटका' हैं, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को दिल्ली में उसकी सरकार के प्रदर्शन का फायदा मिला है. पवार ने इस बात की भी पैरवी की कि विपक्षी पार्टियों को साथ लाकर बीजेपी का विकल्प देने की ‘प्रक्रिया' शुरू करनी चाहिए. पंजाब में रुझानों और नतीजों में अरविंद केजरीवाल नीत ‘आप' बड़ी जीत की ओर अग्रसर है, जहां वह कांग्रेस को सरकार से बेदखल करेगी.
मुंबई में पत्रकारों से बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव से बीजेपी विरोधी दलों को मायूस नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें इस बात का आकलन करना चाहिए कि उनसे कमी कहां रह गई है और उसके मुताबिक सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए.
शरद पवार ने यह भी कहा कि ‘कुछ लोग' ईवीएम को लेकर शिकायतें कर रहे हैं लेकिन वह यह नहीं मानते हैं कि (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर) में गैर भाजपा दलों की हार के लिए ईवीएम कारण है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, “पंजाब वह राज्य है, जहां कांग्रेस सत्ता में है... पंजाब में बदलाव भाजपा के लिए भी अनुकूल नहीं है. नतीजों से कांग्रेस को झटका लगा है.” एनसीपी प्रमुख ने कहा कि ‘आप' के दिल्ली के शासन ने उसकी पंजाब में मदद की, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले आम लोगों ने केजरीवाल नीत पार्टी को स्वीकार किया है.
उन्होंने यह भी कहा, “ मेरे ख्याल से पंजाब के लोगों ने पिछले छह महीने में कांग्रेस के (पार्टी के) आंतरिक तौर पर लिए गए फैसलों को स्वीकार नहीं किया. वहां अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में सरकार थी. उन्हें हटा दिया गया. वहां नया नेतृत्व लाया गया. ऐसा लगता है कि लोगों को वह फैसला पसंद नहीं आया.” अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी और अपनी पार्टी बना ली थी.
पवार ने कहा कि पंजाब में इस तरह की धारणा थी कि अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद भाजपा के साथ संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “पंजाब के लोगों ने इसे पसंद नहीं किया”, क्योंकि पंजाब का किसान कृषि कानूनों को लेकर भाजपा से पहले से ही खफा था.
उन्होंने न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर विपक्षी दलों को साथ लाकर भाजपा का एक ‘प्रभावी विकल्प' देने की प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा, “ मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह कल ही हो जाएगा. संसद का सत्र 14 मार्च से शुरू होगा. हम वहां एक महीने तक रहेंगे. हम साथ बैंठगे, चर्चा करेंगे और भविष्य की कार्रवाई पर फैसला करेंगे.” महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “यह हमारा फर्ज होगा कि हम साथ कदम उठाकर लोगों की लोकतंत्र को मजबूत करने में मदद करें.”
एनसीपी नेता ने कहा कि वह नहीं समझते हैं कि गैर भाजपाई दलों की हार ईवीएम की वजह से हुई है. उन्होंने कहा कि जब वे जीतते हैं तो वे ईवीएम को दोष नहीं देते हैं लेकिन जब उन्हें अनुकूल परिणाम नहीं मिलते हैं तो वे मशीनों पर संदेह उठाते हैं.
पवार ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा को टक्कर देने के लिए तारीफ की जहां भगवा दल पूर्ण बहुमत के साथ एक बार फिर सरकार बना रहा है.
वरिष्ठ नेता ने पांच राज्य के चुनावी नतीजों का असर महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा व कांग्रेस सरकार पर पड़ने की संभावना से इनकार किया. महाराष्ट्र में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर पूछे गए सवाल पर पवार ने कहा कि जेपी नड्डा नीत पार्टी को अभी ढाई साल और इंतजार करना होगा (जब राज्य में अगले विधानसभा चुनाव होंगे).
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं