चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर
नई दिल्ली:
अगर आपको लगता है कि कहीं भी किसी की भी तारीफ कर देने से सामने वाला खुश ही होगा तो फिर मिलिए भारत के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर से. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक वकील ने CJI ठाकुर को हैंडसम कहा तो कोर्ट में मौजूद लोग मुस्कुरा उठे लेकिन जस्टिस ठाकुर ने नाराज़ होकर कहा कि वकील को कोर्ट रूम से बाहर निकाल दिया जाए. हालांकि बाद विनती करने पर उन्होंने वकील को सुनवाई में मौजूद रहने की इजाजत दे दी.
दरअसल बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर अहम सुनवाई चल रही थी. चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर लगातार केंद्र सरकार पर सवाल उठा रहे थे, वह कह रहे थे कि सरकार कोलेजियम की भेजी गई लिस्ट को दबाकर बैठी है. चीफ जस्टिस नाराज़ होकर सरकार पर सवाल उठा रहे थे. उसी वक्त एक वकील ने कहा कि उन्होंने भी इस मुद्दे पर एक अर्जी दी है, वो भी कोर्ट में दलीलें देना चाहते हैं. लेकिन चीफ जस्टिस ने उन्हें चुप रहने को कहा. कुछ देर बाद वकील ने फिर से बोलना शुरू किया और कहा कि हम जस्टिस ठाकुर का सम्मान करते हैं, वह हैंडसम हैं. इस बात पर कोर्टरूम में सब लोग मुस्कुराने लगे.
एक बार जस्टिस ठाकुर के चेहरे पर मुस्कान आई लेकिन दूसरे ही पल वह गंभीर हो गए. चीफ जस्टिस ने अपने कोर्ट मास्टर को कहा कि इस शख्स को बाहर निकाला जाए. ये मामला गंभीर है. हालांकि फिर चीफ जस्टिस ने कहा कि वो कोर्ट में सुनवाई तो सुन सकते हैं, लेकिन बोलेंगे नहीं.
गौरतलब है कि जजों की नियुक्ति के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशासनिक उदासीनता इस संस्थान को खराब कर रही है. आज हालात ये हैं कि कोर्ट को ताला लगाना पड़ा है. कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट में पूरा ग्राउंड फ्लोर बंद है. क्यों ना पूरे संस्थान को ताला लगा दिया जाए और लोगों को न्याय देना बंद कर दिया जाए.
दरअसल बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर अहम सुनवाई चल रही थी. चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर लगातार केंद्र सरकार पर सवाल उठा रहे थे, वह कह रहे थे कि सरकार कोलेजियम की भेजी गई लिस्ट को दबाकर बैठी है. चीफ जस्टिस नाराज़ होकर सरकार पर सवाल उठा रहे थे. उसी वक्त एक वकील ने कहा कि उन्होंने भी इस मुद्दे पर एक अर्जी दी है, वो भी कोर्ट में दलीलें देना चाहते हैं. लेकिन चीफ जस्टिस ने उन्हें चुप रहने को कहा. कुछ देर बाद वकील ने फिर से बोलना शुरू किया और कहा कि हम जस्टिस ठाकुर का सम्मान करते हैं, वह हैंडसम हैं. इस बात पर कोर्टरूम में सब लोग मुस्कुराने लगे.
एक बार जस्टिस ठाकुर के चेहरे पर मुस्कान आई लेकिन दूसरे ही पल वह गंभीर हो गए. चीफ जस्टिस ने अपने कोर्ट मास्टर को कहा कि इस शख्स को बाहर निकाला जाए. ये मामला गंभीर है. हालांकि फिर चीफ जस्टिस ने कहा कि वो कोर्ट में सुनवाई तो सुन सकते हैं, लेकिन बोलेंगे नहीं.
गौरतलब है कि जजों की नियुक्ति के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशासनिक उदासीनता इस संस्थान को खराब कर रही है. आज हालात ये हैं कि कोर्ट को ताला लगाना पड़ा है. कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट में पूरा ग्राउंड फ्लोर बंद है. क्यों ना पूरे संस्थान को ताला लगा दिया जाए और लोगों को न्याय देना बंद कर दिया जाए.
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