राजस्थान के जालोर में रानीवाड़ा की गर्म रेतों पर एक मासूम जिंदगी ने प्यास से तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. मृत बच्ची के बगल में उसकी दादी बेहोश पड़ी मिली. अधिकारियो ने पांच साल की बच्ची की मौत का करण डीहाइड्रेशन बताया है. बच्ची और उसकी दादी चिलचिलाती गर्मी में अपने घर से करीब 10 किमी. दूरी पर स्थित दूसरे गांव जा रहे थे. इस दौरान उन्हें भीषण गर्मी और उमस से संघर्ष करना पड़ा. हीट स्ट्रोक के चलते बच्ची की मौत हो गई. जबकि बेहोश पड़ी बुजुर्ग दादी वहां से गुजर रहे एक चरवाहे को मिली. चरवाहे ने गांव के प्रधान को इसकी जानकारी दी तब जिले के अधिकारियों को बुलाया गया. पुलिस ने भी बच्ची की मौत का कारण डिहाइड्रेशन बताया है.
मामले से जुड़े पुलिस अधिकारी पद्मराम राणा ने कहा, "बुजुर्ग महिला और उसकी पोती अपने साथ पानी नहीं ले जा रहे थे और यही उनकी मौत का कारण प्रतीत होता है."
बुजुर्ग महिला सुखी का अब स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है और प्रशासन का कहना है कि ऐसा लगता है कि उसे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हैं. जिला कलेक्टर नम्रता वार्ष्णेय ने एनडीटीवी से बताया कि प्रशासन की जांच से पता चला है कि बच्ची अपनी दादी के साथ अकेली रहती थी.
उन्होंने कहा, "बच्चे की मां ने कुछ साल पहले दूसरी शादी करने के लिए परिवार छोड़ दिया था. सुखी एक एनएफएसए लाभार्थी है, लेकिन अब कुछ महीनों से उसने मुफ्त राशन नहीं लिया है." उन्होंने कहा, "स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्ची और उसकी दादी कभी भोजन के लिए भीख मांगती थीं और कभी पड़ोसी भोजन में उनकी मदद करते थे."
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महिला के एक रिश्तेदार से संपर्क किया गया है और जिला प्रशासन उसके पुनर्वास की दिशा में काम कर रहा है.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को पांच साल की बच्ची की मौत पर केंद्र के जल जीवन मिशन के प्रति उदासीनता के लिए राज्य सरकार पर हमला किया. केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि गहलोत सरकार ने केंद्र सरकार की योजनाओं से दूरी बना कर जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए प्राप्त बजट का उपयोग नहीं किया.
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