यह ख़बर 22 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

2जी घोटाले में अदालत ने तय किए सख्त आरोप

खास बातें

  • कोर्ट ने पूर्व संचार मंत्री ए राजा के अलावा सिद्धार्थ बेहुरा पर सीधे तौर पर धारा 409 लगाई गई है, जिसके तहत कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है।
New Delhi:

पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, डीएमके सांसद कनिमोई और देश की कई बड़ी कंपनियों के एक्जिक्यूटिव्स पर धोखाधड़ी के मामले चलेंगे। सीबीआई की विशेष अदालत में जज ओपी सैनी ने 2जी मामले में 14 लोगों और 3 अलग−अलग कंपनियों- रिलायंस टेलीकॉम, यूनीटेक वायरलैस और स्वान टेलीकॉम पर सीबीआई ने जो आरोप तय किए हैं, उन्हें मान लिया है। इनमें से ज्यादातर पर धारा 420 लगाई गई है। सीबीआई ने इन लोगों पर आपराधिक साजिश से लेकर जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। कोर्ट ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के अलावा सिद्धार्थ बेहुरा पर सीधे तौर पर धारा 409 लगाई गई है, जिसके तहत इन्हें कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है। इसमें उम्रकैद तक की सजा का भी प्रावधान है। मामले में इस महत्वूपर्ण चरण के पूरा हो जाने के बाद आरोपी अब जमानत के लिए जा सकते हैं, जैसा कि इससे पहले कनिमोई की जमानत याचिका के मामले में उच्चतम न्यायालय ने माना था। विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड, स्वान टेलीकॉम और यूनिटेक (तमिलनाडु) वायरलेस लिमिटेड के खिलाफ आरोप तय करने के लिए साक्ष्य हैं। न्यायमूर्ति सैनी ने कहा कि सीबीआई के पास रिलायंस अनिल धीरूबाई अंबानी समूह के प्रबंध निदेशक गौतम दोषी, समूह के अध्यक्ष सुरेंद्र पिपारा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरि नायर के खिलाफ आरोप तय करने के लिए सबूत हैं। उन्होंने कहा कि कलईनार टीवी के शरद कुमार और फिल्मकार करीम मोरानी के भी खिलाफ आरोप तय करने के लिए प्रथम दृष्टया साक्ष्य हैं।(कुछ अंश भाषा से भी)


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