प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
2002 में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हमले के मामले से बरी हुए दो लोगों की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट मुआवजे के आदेश नहीं दे सकता। याचिकाकर्ता इसके लिए निचली कोर्ट जाकर पुलिस के खिलाफ केस दायर कर सकते हैं।
दरअसल आजम भाई सुलेमान भाई अजमेरी और अब्दुल कय्यूम को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 2014 में बरी कर दिया था। इसके बाद दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में सालों तक जेल में रहने और परेशानी उठाने की एवज में मुआवजा दिलाने की मांग की थी।
अक्षरधाम मंदिर हमले में 33 लोगों की मौत हो गई थी। सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने कहा था कि उन्हें ट्रायल कोर्ट से सजा हुई और फिर हाईकोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा। इसलिए इसके लिए पुलिस को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
दरअसल आजम भाई सुलेमान भाई अजमेरी और अब्दुल कय्यूम को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 2014 में बरी कर दिया था। इसके बाद दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में सालों तक जेल में रहने और परेशानी उठाने की एवज में मुआवजा दिलाने की मांग की थी।
अक्षरधाम मंदिर हमले में 33 लोगों की मौत हो गई थी। सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने कहा था कि उन्हें ट्रायल कोर्ट से सजा हुई और फिर हाईकोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा। इसलिए इसके लिए पुलिस को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
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