यह ख़बर 16 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

सिडनी के कैफे में बंधक बनाए गए दोनों भारतीय सुरक्षित

सिडनी में कैफे से बाहर निकलते इंफोसिस कर्मचारी विश्वकांत अंकित रेड्डी (फोटो- एपी)

नई दिल्ली:

भारी हथियारों से लैस पुलिसकर्मी आज सिडनी के कैफे में घुस गए और दो भारतीयों सहित करीब 15 लोगों को ईरानी मूल के उस बंदूकधारी के कब्जे से मुक्त कराया, जो पिछले 16 घंटे से उन्हें बंधक बनाए हुए था।

अधिकारियों ने आज रात बताया कि दोनों भारतीय सुरक्षित हैं। विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि इंफोसिस कंपनी में कार्यरत 30-35 साल की उम्र के विश्वकांत अंकित रेड्डी और पुष्पेंदु घोष दोनों सुरक्षित हैं और पुलिस के संरक्षण में हैं।

घोष से जुड़ी ज्यादा जानकारियां तत्काल उपलब्ध नहीं है। शुरू में अंकित रेड्डी के अकेले भारतीय बंधक होने की बात मानी जा रही थी।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार घटनाक्रम पर निगाह बनाए हुए थे। सुषमा ने अभियान खत्म होने के बाद अपने पहले ट्वीट में कहा, 'सिडनी में जारी संकट खत्म हो गया। विश्वकांत अंकित रेड्डी सुरक्षित हैं। उनकी कुछ चिकित्सा जांच की जा रही है और वह सुरक्षित घर लौटेंगे।' पांच मिनट के बाद उन्होंने दोबारा ट्वीट किया और लिखा, 'दूसरे भारतीय बंधक श्री पुष्पेंदु घोष भी सुरक्षित हैं।'

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विदेश मंत्री ने लिखा, 'हम सिडनी स्थित अपने मिशन और श्री रेड्डी के परिवार के साथ लगातार संपर्क में थे। प्रधानमंत्री लगातार हालात पर निगाह बनाए हुए थे।'