दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for Women) ने ऑटो चालक (Auto Driver) द्वारा 14 साल की लड़की के किए गए अपहरण और उसके यौन उत्पीड़न (sexually assaulted) की शिकायत पर नोटिस जारी कर दिया है. शिकायत मिलने के 8 घंटे के भीतर ही एक ऑटो चालक द्वारा अपहरण और यौन उत्पीड़न की शिकार 14 वर्षीय लड़की को रेस्क्यू करवाया. आयोग ने पीड़िता से मिलने के बाद एफआईआर (FIR)में संबंधित धाराओं को जोड़ने के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को नोटिस जारी कर 72 घंटे के भीतर जवाब भी मांगा.
14 वर्षीय दिल्ली की लड़की 25.10.2021 से लापता थी और अगले दिन पीड़िता की मां ने इस मामले में थाना हजरत निजामुद्दीन में एफआइआर दर्ज कराई. लापता लड़की की मां ने 1.11.2021 को डीसीडब्ल्यू महिला पंचायत कार्यालय को संपर्क किया और उनके माध्यम से आयोग में अपनी शिकायत कर्ज करवाई. मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने तुरंत एक्शन लिया और लड़की की मां से बात की जिसने आयोग को सूचित किया कि उनकी बेटी ने एक फोन नंबर के माध्यम से उनको संपर्क करने की कोशिश की थी.
आयोग ने तुरंत ही हजरत निजामुद्दीन थाने को संपर्क किया और अपनी एक टीम भेजी जिसने पुलिस अधिकारियों को उस फोन नंबर को ट्रेस करने को कहा जिस नंबर से पीड़िता की कॉल प्राप्त हुई थी. कड़ी मेहनत के बाद उस नंबर की लोकेशन पता लगाने में आयोग की टीम को सफलता मिली और दिल्ली पुलिस और डीसीडब्ल्यू की एक संयुक्त टीम ने तुरंत ही मौके पर जाकर 14 वर्षीय बच्ची को रेस्क्यू कर लिया. आयोग ने तब पीड़िता की काउंसलिंग की, जिसके दौरान पीड़ित बच्ची ने बताया कि उसका दिल्ली में एक ऑटो चालक ने अपहरण कर लिया था, जो उसे जोर जबरदस्ती करके अपने घर ले गया.
लड़की ने कहा कि आरोपी ऑटो चालक ने अपने आवास पर कई बार उसका यौन शोषण किया और उसे बंदी बनाकर रखा. पीड़ित बच्ची ने यह भी बताया कि ऑटो चालक की पत्नी ने सब कुछ देखा और लड़की की मां को संपर्क करने में उसने पीड़िता की मदद करी. बच्ची ने आयोग को ये भी बताया कि ऑटो चालक अपनी पत्नी को प्रताड़ित करता था क्युकी वो बच्ची को बंधी बनने का और उसका यौन शोषण करने का विरोध करती थी.
आयोग ने सुनिश्चित किया कि आरोपी ऑटो चालक को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया जाए. आयोग ने इस मामले में प्राथमिकी (जो शुरू में धारा 363 के तहत दर्ज की गई थी) में संबंधित धाराओं को जोड़ने की मांग करते हुए एक नोटिस भी जारी किया और 72 घंटे के भीतर जवाब मांगा.
डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, "वो लड़की सिर्फ़ 14 साल की है और उसने काफ़ी यातनाएँ झेली हैं. दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और बच्ची का पुनर्वास होना चाहिए. हमने शिकायत मिलने के 8 घंटे के भीतर ही लड़की को रेस्क्यू करवाया है और उसको सुरक्षित उसके मां बाप तक पहुंचाया. आगे भी न्याय के लिए उसके संघर्ष में उसके लिए हर संभव मदद सुनिश्चित करेंगे. ”
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं