प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:
12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर संसद में गतिरोध बना हुआ है. राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सरकार और विपक्षी दलों को इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए कहा है. जिसके बाद सरकार की तरफ से निलंबित सांसदों के चार दलों को आज बातचीत के लिए बुलाया है. लेकिन, विपक्ष इसे अपनी एकता में फूट डालने की कोशिश के तौर पर देख रहा है.
- संसद में चल रहे गतिरोध को हल करने की यह कवायद बीच में ही अटक सकती है. विपक्षी दलों ने संकेत दिया है कि वो 12 निलंबित सांसदों की बहाली की अपनी मांग को लेकर पीछे नहीं हटेंगे. उनका कहना है कि इन सांसदों को गलत तरीके से सजा दी गई.
- कांग्रेस ने बातचीत के लिए सिर्फ़ चार दलों को बुलाए जाने को अनुचित करार दिया है.
- टीएमसी ने भी साफ किया है कि तमाम गतिरोध के बावजूद वो इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ तालमेल करने को तैयार है. राज्यसभा में तृणमूल सांसद डेरेक ओब्रायन ने संकेत दिया है उभरते मतभेदों के बावजूद इस मुद्दे पर पार्टी कांग्रेस के साथ है.
- शिवसेना नेता संजय राउत ने भी कहा कि उन्हें सरकार की ओर से बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है. और इसमें भाग लेने को लेकर अंतिम फैसला विपक्षी दलों की सुबह होने वाली बैठक के बाद होगा.
- राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चार विपक्षी दलों को भेजे गए न्योते को लेकर संसदीय कार्य मंत्री को पत्र लिखा है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने लिखा, 12 सांसदों के निलंबन के खिलाफ सभी विपक्षी दल एकजुट हैं.
- साथ ही खड़गे ने लिखा है, हम 29 नवंबर से अनुरोध कर रहे हैं कि राज्यसभा चेयरमैन या सदन के नेता पीयूष गोयल सभी विपक्षी दलों के साथ एक बैठक बुलाएं, ताकि गतिरोध को खत्म किया जा सके. लेकिन इस पर कुछ नहीं किया गया. ऐसे में सभी विपक्षी दलों को बुलाने की बजाय चार दलों को बुलाना अन्यायपूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण है.
- सांसदों के निलंबन के विरोध में विपक्षी दल लगातार विरोध करते आ रहे हैं. संसद के दोनों सदनों में निलंबन रद्द करने को लेकर लगातार मांग उठाई जा रही है. संसद में इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव देखने को मिल रहा है.
- संसद का मौजूदा शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर तक चलेगा और अब इसकी कुल चार दिन कार्यवाही चलेगी.