आइए जानें, पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन से जुड़ीं 10 खास बातें

देश के सत्ताधारी दल बीजेपी के संस्थापकों में से एक पंडित दीन दयाल उपाध्याय रहे हैं. आज की बीजेपी पहले जन संघ हुआ करती थी. 

आइए जानें, पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन से जुड़ीं 10 खास बातें

पं दीन दयाल उपाध्याय.

नई दिल्ली:

  1. दीन दयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को मथुरा के नगलाचंद्रबन गांव में हुआ. 
  2. दीन दयाल उपाध्याय के पिता एक ज्योतिषी थे. जब वह तीन साल के थे तब उनकी माता का देहांत हो गया और जब 8 साल के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया. 
  3. पढ़ाई में बचपन ही तेज दीन दयाल हाई स्कूल के लिए राजस्थान के सीकर चले गए. सीकर के महाराज ने दीन दयाल को पढ़ाई के लिए किताबें खरीदने के लिए 250 रुपये और 10 रुपये के स्कॉलरशिप की व्यवस्था की.
  4. पिलानी में 12वीं डिस्टिंक्शन से पास करने के बाद दीन दयाल बीए करने के लिए कानपुर चले गए. यहां पर सनातन धर्म कॉलेज में दाखिला लिया. 1937 में अपने मित्र बलवंत महाशब्दे के कहने पर दीन दयाल ने आरएसएस से नाता जोड़ा. बीए करने के बाद दीन दयाल एमए की पढ़ाई के लिए आगरा चले गए. दीन दयाल एमए पूरा नहीं कर पाए. 
  5. यहां पर दीन दयाल उपाध्याय ने नानाजी देशमुख और भाऊ जुगाड़े के साथ पूरी तरह से आरएसएस के लिए काम किया.  अपने एक रिश्तेदार के कहने पर सरकारी नौकरी की परीक्षा में दीन दयाल बैठे और परिणाम आने पर वह चयनित  लोगों की वरीयता सूची में सबसे ऊपर थे. इसके बाद वह इलाहाबाद में बीटी करने चले गए. 
  6. इलाहाबाद में भी वह आरएसएस के लिए काम करते रहे और यहां से वह 1955 में लखीमपुर चले गए जहां पर पूरी तरह आरएसएस के लिए समर्पित हो गए.  
  7. लखनऊ में पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने राष्ट्र धर्म प्रकाशन की स्थापना की. यहां से पत्रिका राष्ट्र धर्म का प्रकाशन आरंभ किया. इसके बाद उन्होंने वर्तमान में आरएसएस का मुखपत्र पांचजन्य शुरू किया और इसके बाद स्वदेश नाम से एक पत्रिका का प्रकाशन आरंभ किया. 
  8. 1950 में जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू की कैबिनेट से इस्तीफा दिया. तब 21 सितंबर 1951 को पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने यूपी में भारतीय जन संघ की स्थापना की थी. पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी से मिलकर 21 अक्टूबर 1951 को जन संघ का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया. 1968 में वह जन संघ के अध्यक्ष बने. इसके कुछ ही समय में 11 फरवरी 1968 को उनका देहांत हो गया. 
  9. दीन दयाल उपाध्याय ने राजस्थान में 9 में से 7 पार्टी विधायको को पार्टी से निकाल दिया था जब उन्होंने राज्य में जमींदारी हटाने के कानून का विरोध किया था. 1964 में उन्होंने पार्टी के सत्ता में सिद्धांत को को भी पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने रखा था. बाद में इसका विस्तार उन्होंने 1965 में प्रस्तुत किया. 
  10. उपाध्याय ने बाद में 'इंटिग्रल ह्यूमैनिज्म' चार लेक्चरों के जरिए बॉम्बे में पार्टी की विचारधारा का अंतिम रूप दिया. बाद में भारतीय जन संघ ने इसे पार्टी की विचारधारा बनाया और यही फिर बीजेपी की विचारधारा बनी.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com