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This Article is From Nov 07, 2016

एंबुलेंस के लिए नहीं थे पैसे, हाथगाड़ी पर पत्नी का शव रखकर 60 किलोमीटर की दूरी तय की

एंबुलेंस के लिए नहीं थे पैसे, हाथगाड़ी पर पत्नी का शव रखकर 60 किलोमीटर की दूरी तय की
रामुलू के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह वाहन किराये पर ले पाता
हैदराबाद: हैदराबाद में दिल को झकझोर देने वाले एक मामले में भीख मांगकर गुजारा करने वाला एक व्यक्ति जब पैसे की कमी के कारण पत्नी के शव को अपने पैतृक स्थान ले जाने के लिए वाहन किराये पर नहीं ले पाया, तो उसने शव को एक ठेले पर रखकर 60 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की, लेकिन दुर्भाग्यवश वह रास्ता भटक गया और अपने गंतव्य स्थान मेडक जिले के बजाय विकाराबाद शहर पहुंच गया.

कुष्ठ रोग के मरीज कविता और रामुलू दोनों ही यहां के लैंगर हौज में भीख मांगकर जैसे तैसे गुजारा करते थे. बीमारी के कारण चार नवंबर को कविता (45) की लिंगमपल्ली रेलवे स्टेशन के पास मौत हो गई. मेडक जिले में मनूर मंडल के रहने वाले रामुलू ने पत्नी की मौत के बाद अपने पैतृक गांव में उसका अंतिम संस्कार करने का फैसला किया और कुछ स्थानीय निजी वाहनों से पत्नी के शव को ले जाने की गुहार की, लेकिन उन्होंने उससे 5,000 रुपये मांगे.

विकाराबाद टाउन सर्किल इंस्पेक्टर जी रवि ने बताया, ‘रामुलू के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह वाहन किराये पर ले पाता, इसलिए उसने कविता के शव को एक हाथगाड़ी पर रखा और उसके साथ चलते हुए बीती दोपहर विकाराबाद पहुंच गया.’ इंस्पेक्टर ने बताया कि कुछ स्थानीय लोगों ने रामुलू को उसकी पत्नी के शव के पास रोते देखकर पुलिस को सूचित किया जिसके बाद एक एंबुलेंस की व्यवस्था की गई और शव को रामुलू के पैतृक स्थान पहुंचाया गया.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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