हैदराबाद:
यह जानकर कतई हैरानी नहीं होती कि हैदराबाद के नए मेयर ऐसे शख्स हैं, जो 'केसीआर' के नाम से मशहूर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के प्रति अपनी वफादारी जताने के लिए जाने जाते हैं।
केसीआर की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की युवा शाखा के प्रमुख 42-वर्षीय बोंटू राममोहन पेशे से वकील हैं, और कभी भी मुख्यमंत्री के प्रति अपने मन में मौजूद श्रद्धा को दिखाने में संकोची नहीं रहे। उन्होंने पिछले दो सालों के दौरान हर मुमकिन मौके पर पूरे शहर को केसीआर की तारीफ करते पोस्टरों से पाट दिया। वर्ष 2014 में केसीआर के जन्म की 60वीं वर्षगांठ पर भी राममोहन 60 किलोग्राम को केक लेकर आए थे, जिसे केसीआर की बेटी 'कविताक्का' ने काटा था, क्योंकि केसीआर उस समय दिल्ली में थे।

पिछले ही सप्ताह तेलंगाना की राजधानी ग्रेटर हैदराबाद में हुए नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव में टीआरएस ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री की पार्टी ने जीएचएमसी की 150 में से 99 सीटों पर जीत दर्ज की, और जीतने वाले प्रत्याशियों में चेर्लापल्ली सीट से राममोहन भी शामिल थे।
उनकी इतनी बड़ी जीत काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि केसीआर की पार्टी ने वर्ष 2009 में हुआ पिछला निगम चुनाव नहीं लड़ा था। वर्ष 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग कर किए गए तेलंगाना के गठन के बाद नए राज्य के लिए सफल आंदोलन चलाने वाले केसीआर को मुख्यमंत्री चुना गया। हालांकि इसके बाद हैदराबाद में उनकी पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा, लेकिन अब इस नई जीत से राजधानी में उनकी बढ़ती लोकप्रियता का पता चलता है।
हैदराबाद के निगम चुनाव के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगूदेशम (टीडीपी) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ गठबंधन किया था, लेकिन उन्हें कुल पांच सीटों पर जीत मिली, और चुनाव में दूसरे नंबर पर असदुद्दीन ओवैसी की मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुसलमीन (एमआईएम) रही।
केसीआर की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की युवा शाखा के प्रमुख 42-वर्षीय बोंटू राममोहन पेशे से वकील हैं, और कभी भी मुख्यमंत्री के प्रति अपने मन में मौजूद श्रद्धा को दिखाने में संकोची नहीं रहे। उन्होंने पिछले दो सालों के दौरान हर मुमकिन मौके पर पूरे शहर को केसीआर की तारीफ करते पोस्टरों से पाट दिया। वर्ष 2014 में केसीआर के जन्म की 60वीं वर्षगांठ पर भी राममोहन 60 किलोग्राम को केक लेकर आए थे, जिसे केसीआर की बेटी 'कविताक्का' ने काटा था, क्योंकि केसीआर उस समय दिल्ली में थे।

पिछले ही सप्ताह तेलंगाना की राजधानी ग्रेटर हैदराबाद में हुए नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव में टीआरएस ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री की पार्टी ने जीएचएमसी की 150 में से 99 सीटों पर जीत दर्ज की, और जीतने वाले प्रत्याशियों में चेर्लापल्ली सीट से राममोहन भी शामिल थे।
उनकी इतनी बड़ी जीत काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि केसीआर की पार्टी ने वर्ष 2009 में हुआ पिछला निगम चुनाव नहीं लड़ा था। वर्ष 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग कर किए गए तेलंगाना के गठन के बाद नए राज्य के लिए सफल आंदोलन चलाने वाले केसीआर को मुख्यमंत्री चुना गया। हालांकि इसके बाद हैदराबाद में उनकी पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा, लेकिन अब इस नई जीत से राजधानी में उनकी बढ़ती लोकप्रियता का पता चलता है।
हैदराबाद के निगम चुनाव के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगूदेशम (टीडीपी) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ गठबंधन किया था, लेकिन उन्हें कुल पांच सीटों पर जीत मिली, और चुनाव में दूसरे नंबर पर असदुद्दीन ओवैसी की मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुसलमीन (एमआईएम) रही।
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