पीरियड्स का आना अमूमन हर महिला के लिए परेशानी का सबब बन ही जाता है. खासतौर से वो साल जब हार्मोनल चेंजेस की वजह से ये पांच दिन हर बार से ज्यादा तकलीफ दायक हो जाते हैं. तो बार बार मूड चेंज होना. जिसे मूड स्विंग भी कहा जाता है, ये एक आम बात हो जाती है. जरा सी बात पर रोना आना या कभी गुस्से से फट पड़ना या फिर कभी कभी डिप्रेशन ही हो जाना. इन्हें प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) कहा जाता है. इसके अलावा थकान, सिरदर्द, मुंहासे, क्रैम्प की तकलीफ भी होती ही है. पीरियड्स के दौरान ये सारी समस्याएं आम हैं. जिन्हें रोका नहीं जा सकता पर थोड़ी सी एक्सरसाइज से उनसे राहत जरूर हासिल की जा सकती है. हम आपको बताते हैं ऐसी पांच एक्सरसाइज जो आपको हर महीने होने वाली इन तकलीफों से काफी हद तक आराम भी दिलाएंगी और महीने के बाकी दिन फिट भी रखेंगी.
साइड लंजेस
पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन से बचने के लिए ये एक बेहतरीन व्यायाम है. ये न सिर्फ आपको उन पांच दिनों में होने वाली ऐंठन से बचाती है बल्कि आपके हिप्स मसल्स को भी टोन्ड रखती है. घुटने के बल साइड लंजेस कीजिए और कमाल देखिए. साइड लंजेस करने से आपके शरीर की गतिशीलता और लचीलापन दोनों बढ़ता है. यही वजह है कि ये एक्सरसाइज आपको बेहद आराम देती है.
लेग लिफ्ट्स
ये एक ऐसी एक्सरसाइज है जिसे आप आराम से अपने बेड पर लेटे लेटे ही कर सकती हैं. बस अपने पैरों को 90 डिग्री के एंगल पर सीधा ऊपर उठाएं और थोड़ी देर होल्ड करें. वैसे तो लेग लिफ्ट करने के और भी बहुत से तरीके हैं पर ये सबसे आराम है. लेग लिफ्ट का ये तरीका आपके पेट, पीठ और पेल्विक मसल्स को रिलेक्स करता है. जिससे आप दिनभर एक्टिव फील करेंगी. वैसे अगर चटाई पर लेट कर इस एक्सरसाइज को सही तरीके से किया जाए तो इसके और भी बहुत से फायदे हो सकते हैं.
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स्विमिंग
स्विमिंग नाम ही उस एक्सरसाइज का है जिसे देखकर ही ताजगी आ जाती है. आप ये जरूर सोच सकती हैं कि पीरियड्स के दिनों में क्या स्विमिंग एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है. इसका जवाब है हां बिलकुल. बस आपको अपनी हाइजीन का थोड़ा ध्यान रखना होगा. हैवी फ्लो वाले दिनों में इसे अवॉइड करना ही बेहतर है. बाकी दिन टैम्पोन या मेन्सुरल कप का इस्तेमाल करें और बेझिझक इस व्यायाम का मजा लें.
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वॉकिंग
पीरियड्स हों या सामान्य दिन हो वॉकिंग हमेशा ही फायदेमंद साबित होती है. ये कार्डियोवस्कुलर सिस्टम से जुड़ी समस्याओं को दूर करती है. हर दिन तेज रफ्तार में कम से कम आधे घंटे का वॉक पीरियड्स के दौरान होने वाले पीएमएस के लक्षणों से छुटकारा दिला सकता है. एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को संतुलित कर वॉकिंग यानि पैदल चलने से थकान भी कम होती है और सुस्ती भी दूर होती है.
पाइलेट्स/ पिलाटेज
पाइलेट्स/ पिलाटेज थोड़ी कठिन एक्सरसाइज जरूर नजर आती है. पर हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने के लिए ये एक बेहतरीन एक्सरसाइज है. इसे न सिर्फ पीरियड्स के पांच दिन बल्कि हर रोज करके आप अपनी फिगर को भी मेंटेन रख सकती हैं. यानि हर दिन चुस्त दुरूस्त रहने का ये एक बेहतरीन तरीका है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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