
International Yoga Day 2025: योग हमारी जिंदगी का बेहद जरूरी हिस्सा है. इससे न सिर्फ हमारा शरीर फिट रहता है, बल्कि मन को भी सुकून मिलता है. जो लोग योग की शुरुआत कर रहे हैं, उनके लिए 'त्रिकोणासन' एक बढ़िया और आसान तरीका है. इसे ट्रायंगल पोज भी कहा जाता है. इस आसन को करने से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और तनाव भी दूर होता है. आयुष मंत्रालय की ओर से वेबसाइट और कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दी गई जानकारी के अनुसार, त्रिकोणासन शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है. इसे करने से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है, जिससे कमर और पीठ से जुड़ी दिक्कतों में राहत मिलती है. इसके अलावा, यह आसन पिंडली, जांघ और कमर के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जिससे शरीर में ताकत और संतुलन दोनों बढ़ते हैं.
त्रिकोणासन करने के स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits of Doing Trikonasana)
1. फेफड़ों के लिए फायदेमंद
त्रिकोणासन का असर सिर्फ शरीर के बाहरी हिस्सों तक ही नहीं रहता, बल्कि यह हमारे अंदरूनी अंगों पर भी शानदार असर डालता है. खासतौर से यह फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है और श्वसन प्रणाली बेहतर काम करती है. जो लोग सांस की तकलीफ या थकान महसूस करते हैं, उनके लिए यह आसन काफी फायदेमंद हो सकता है.
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2. डायबिटीज में मददगार
त्रिकोणासन करने से त्वचा से जुड़ी परेशानियों जैसे दाने, झाइयां या रूखापन आदि से राहत मिलती है, क्योंकि यह आसन शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह आसन काफी मददगार माना जाता है, क्योंकि यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को सक्रिय करता है और ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने में मदद करता है.
3. तनाव से राहत
जो लोग हर समय तनाव या चिंता में रहते हैं, उनके लिए त्रिकोणासन राहत देने वाला योगासन है. इसे करने से दिमाग शांत होता है और मन हल्का महसूस करता है.
4. पाचन के लिए फायदेमंद
त्रिकोणासन करने से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है, जिससे गैस, एसिडिटी जैसी दिक्कतें कम होती हैं.
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कैसे करें त्रिकोणासन?
आयुष मंत्रालय के अनुसार, त्रिकोणासन करने के लिए सबसे पहले सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं. फिर एक पैर को उठाकर दूसरे से लगभग डेढ़ फुट की दूरी पर रखें, लेकिन ध्यान रखें कि दोनों पैर एक सीध में हों. अब गहरी सांस लें और दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैलाएं. इसके बाद धीरे-धीरे कमर से आगे की ओर झुकें और सांस बाहर छोड़ें. अब दाएं हाथ से बाएं पैर को छुएं और बाएं हाथ को सीधा ऊपर की ओर उठाएं. गर्दन घुमाकर ऊपर उठी हथेली की ओर देखें और इस स्थिति में 2-3 सेकंड तक सांस रोककर रहें. फिर धीरे-धीरे शरीर को सीधा करें और सांस लेते हुए वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं.
आयुष मंत्रालय ने स्लिप डिस्क, साइटिका और पेट या आंत से संबंधित बीमारी में किसी भी प्रकार की सर्जरी होने के कम से कम 3 महीनों तक त्रिकोणासन न करने की सलाह दी है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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