World Sight Day 2024: विश्व दृष्टि दिवस अक्टूबर के दूसरे गुरुवार को मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में आई हेल्थ और दृष्टि दोष के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. इस दिन को मनाना आई केयर की इंपोर्टेंस और अंधेपन की रोकथाम को बढ़ावा देना है. अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (IAPB) द्वारा आयोजित, वर्ल्ड आई साइट डे आई केयर सर्विसेस तक पहुंच की बढ़ती जरूरतों पर फोकस्ड है और सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को टाले जा सकने वाले अंधेपन की रोकथाम को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करता है. यहां हम वर्ल्ड साइट डे के पीछे की थीम, इतिहास और महत्व के बारे में बता रहे हैं. साथ ही हम आपकी आंखों को नीली किरणों से बचाने के महत्व के बारे में बता रहे हैं.
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वर्ल्ड साइट डे की थीम (World Sight Day Theme)
वर्ल्ड साइट डे की थीम है "बच्चे, अपनी आंखों से प्यार करें." यह आई हेल्थ और आई प्रोटेक्शन, अंधेपन के बारे में जागरूकता बढ़ाने और आंखों की देखभाल को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर देता है. WHO बच्चों की आई हेल्थ खास ध्यान देता है, सभी बच्चों के लिए आई केयर सर्विसेज को सुलभ उपलब्ध और किफ़ायती बनाने की जरूरत पर जोर देता है.
वर्ल्ड साइट डे का इतिहास (World Sight Day History)
विश्व दृष्टि दिवस की स्थापना साल 2000 में IAPB द्वारा अपनी "विज़न 2020: राइट ऑफ विजन" पहल के हिस्से के रूप में की गई थी. यह पहल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और IAPB के बीच एक सहयोग थी, जिसका उद्देश्य साल 2020 तक रोकथाम योग्य अंधेपन को समाप्त करना था. हालांकि विजन 2020 पहल 2020 में समाप्त हो गई, लेकिन विश्व दृष्टि दिवस नेत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक सतत प्रयास के रूप में जारी है कि हर किसी को उनकी परिस्थितियों की परवाह किए बिना, आई केयर सर्विस तक पहुंच हो.
वर्ल्ड साइट डे का महत्व (World Sight Day Significance)
वर्ल्ड साइट डे का महत्व रोकथाम योग्य अंधेपन और समय पर हस्तक्षेप के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर इसके फोकस में निहित है. नेत्र रोग, अगर जल्दी पता चल जाए, तो अक्सर दृष्टि हानि को रोकने के लिए प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है. विश्व दृष्टि दिवस मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, अपवर्तक त्रुटियों और डायबिटीज रेटिनोपैथी जैसे दृष्टि संबंधी समस्याओं को संबोधित करने में वैश्विक सहयोग की जरूरत पर जोर देता है, जो अंधेपन के प्रमुख कारण हैं.
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हमारी आंखों को ब्लू रेंज से बचाना क्यों ज़रूरी है?
स्मार्टफ़ोन, कंप्यूटर और टेलीविज़न जैसी डिजिटल स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों में गहराई तक प्रवेश करती है और इससे आंखों में डिजिटल स्ट्रेस, असुविधा और यहां तक कि रेटिना को नुकसान भी हो सकता है. नीली किरणों से हमारी आंखों की सुरक्षा करना ज़रूरी है क्योंकि नीली रोशनी के लंबे समय तक संपर्क में रहने से संभावित नुकसान हो सकता है.
नीली किरणों के लंबे समय तक संपर्क में रहने से नींद के पैटर्न में गड़बड़ी हो सकती है, क्योंकि नीली रोशनी मेलाटोनिन के प्रोडक्शन में बाधा डालती है, जो नींद को कंट्रोल करने के लिए जिम्मेदार हार्मोन है. लंबे समय में बहुत ज्यादा नीली रोशनी के संपर्क में आने से उम्र से संबंधित मैक्यूलर डिजनरेशन (AMD) का जोखिम बढ़ सकता है, जो एक गंभीर नेत्र रोग है जो आई साइट लॉस का कारण बन सकता है. आज के डिजिटल युग में, जहां स्क्रीन का समय काफी बढ़ गया है, ऐसे में सुरक्षात्मक उपाय करना जरूरी है जैसे कि नीली रोशनी को रोकने वाले चश्मे पहनना, स्क्रीन फिल्टर का उपयोग करना और आंखों पर तनाव कम करने के लिए स्क्रीन से नियमित रूप से ब्रेक लेना. नीली किरणों के संपर्क को कम करके व्यक्ति अपनी आंखों की रक्षा कर सकते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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