विज्ञापन
This Article is From Oct 12, 2023

World Sight Day 2023: स्क्रीन के ज्यादा इस्तेमाल से आंखें हो गई हैं कमजोर या ड्राई तो एक्सपर्ट से जान लीजिए कारगर उपाय

Dry Eyes: ड्राई आई सिंड्रोम और कमजोर आंखों की रोशनी आज के समय में यंग लोगों को काफी परेशान कर रही है. समस्या के गंभीर होने से पहले उसका समाधान करना जरूरी है.

World Sight Day 2023: स्क्रीन के ज्यादा इस्तेमाल से आंखें हो गई हैं कमजोर या ड्राई तो एक्सपर्ट से जान लीजिए कारगर उपाय
ड्राई, कंडिशनिंग एयर टियर वेपोरेशन को तेज करने में एक बड़ा कारक है.

World Sight Day 2023: वर्ल्ड साइट डे अक्टूबर के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है. इस साल ये 12 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. इस दिन ग्लोबल आई हेल्थ कम्यूनिटी आई को हल्के में न लेने के महत्व को लेकर जागरूक करने के लिए एकजुट होता है. ये लोगों को अपनी आंखों की देखभाल करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है. वर्ल्ड साइट डे 2023 वर्कप्लेस पर आई हेल्थ को प्राथमिकता देने पर फोकस्ड है. डिजिटल स्क्रीन के साथ ड्राई आई सिंड्रोम (डीईएस) तेजी से बढ़ रहा है, खासकर वर्किंग प्रोफेशनल्स के बीच. इस डिजिटल युग में वर्कप्लेस अनजाने में इस बीमारी का हॉटस्पॉट बन गया है, जिससे समस्या के गंभीर होने से पहले उसका समाधान करना जरूरी हो गया है.

ये भी पढ़ें: चलना और दौड़ना दोनों एक्सरसाइज में से कौन ज्यादा फायदेमंद है? एक्सपर्ट से जानिए सब कुछ

ड्राई आई सिंड्रोम क्या है?

ड्राई आई सिंड्रोम जिसे मेडिकल लैंगुएज में केराटोकोनजंक्टिवाइटिस कॉइन कहा जाता है. ये एक ऐसी कंडिशन है जहां आंखें या तो पर्याप्त आंसू पैदा नहीं करती हैं या आंसू बहुत तेजी से वाष्पित हो जाते हैं. इससे आंखों में सूखापन, लालिमा, खुजली जैसे लक्षण सामने आते हैं. लंबे समय तक स्क्रीन एक्सपोजर, कम पलक झपकने की दर और कृत्रिम रूप से नियंत्रित जलवायु.

मॉडर्न वर्कप्लेस में बढ़ती आंखों की समस्याएं

एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि डीईएस ने अर्बन ऑफिस सेटिंग में काम करने वाले लगभग 60 प्रतिशत व्यक्तियों को प्रभावित किया है. औसत इंडियन प्रोफेशनल्स, कंप्यूटर स्क्रीन में तल्लीन होकर, सामान्य दर से 50 प्रतिशत कम पलकें झपकाते हैं, जिससे ड्राईनेस बढ़ जाती है.

वर्कप्लेस पर कुछ एहतियाती उपाय | Some precautionary measures at workplace

1. ब्लिंक ट्रेनिंग ऐप्स

कम पलक झपकाने की दर से निपटने के लिए कई ब्लिंक ऐप्स मौजूद, जो यूजर्स को पलकें झपकाने की याद दिलाने के लिए डिजाइन किए गए हैं. कुछ लोग आंखों के बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और पलकें झपकाने की आदतों को सुदृढ़ करने के लिए व्यायाम भी प्रदान करते हैं.

ये भी पढ़ें: हर महीने बढ़ रहा है वजन तो गेहूं की बजाय खाएं इस आटे की रोटियां, 1 महीने में पेट की चर्बी और वजन रह जाएगा आधा

2. ब्लूट-कट ग्लोसेस

ये कई यंग प्रोफेशनल्स के लिए लगभग जरूरी बन गए हैं. स्क्रीन से हाई-एनर्जी वाली नीली रोशनी को फिल्टर करके, इन चश्मों का उद्देश्य आंखों के संबंधित स्ट्रेस को कम करना और संभावित रूप से डीईएस की शुरुआत को धीमा करना है.

3. नियमित ब्रेक - 20-20-20 नियम

यह सरल लेकिन प्रभावी नियम हर 20 मिनट में 20 सेकंड का ब्रेक लेने और 20 फीट दूर किसी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह देता है. यह न केवल आंखों को राहत देता है बल्कि बेहतर पोश्चर को बढ़ावा देता है.

4. ऑफिस में ह्यूमिडिफायर

ड्राई, कंडिशनिंग हवा टियर इवेपोरेशन को तेज करने में एक बड़ा कारक है. इसे पहचानते हुए कई मॉडर्न ऑफिश ह्यूमिडिफायर को इंटिग्रेटेड कर रहे हैं, जिससे ये परिवेश की नमी का लेवल आंखों के आराम का सपोर्ट करता है.

ये भी पढ़ें: 15 दिन में घटकर पेट रह जाएगा आधा, बस रोज पी लीजिए ये ड्रिंक, लोग पूछेंगे इतनी तेजी से वजन कैसे कम किया

5. कृत्रिम आंसू

तत्काल राहत के लिए ओवर-द-काउंटर लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप एक वरदान हो सकता है. हालांकि, इनका उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से और विशेषज्ञ मार्गदर्शन के तहत किया जाना चाहिए, क्योंकि सभी फॉर्मूलेशन सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते हैं.

6. जांच करवाएं

अगर समस्याएं अभी भी मौजूद हैं, तो एक नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलें जहां आपको मध्यम से गंभीर ड्राई आई के इलाज के लिए ड्राई आई स्टेप 1 और 2 टेस्ट और हल्की पल्स थेरेपी की सलाह दी जा सकती है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com