
World Prematurity Day 2025: वर्ल्ड प्रीमैच्योरिटी डे हर साल 17 नवंबर को मनाया जाता है. यह दिन प्रीमैच्योर बेबी यानी समय से पहले जन्मे शिशुओं के सामने आने वाली चुनौतियों और नवजात देखभाल के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है. बता दें, दुनिया भर में, हर साल अनुमानित 13.4 मिलियन बच्चे समय से पहले (गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले) पैदा होते हैं. आइए ऐसे में जानते हैं प्रीमैच्योर होने वाले बेबी को क्या- क्या समस्याएं हो सकती है.
कब से मनाया जा रहा है वर्ल्ड प्रीमेच्योरिटी डे | When is World Prematurity Day being celebrated
वर्ल्ड प्रीमेच्योरिटी डे हर साल 17 नवंबर को मनाया जाता है. इसकी स्थापना 2008 में यूरोपियन फाउंडेशन फॉर द केयर ऑफ न्यूबॉर्न इन्फैंट्स (EFCNI) और इसके सहयोगी संगठनों द्वारा की गई थी.
वर्ल्ड प्रीमेच्योरिटी डे का महत्व | Importance of World Prematurity Day
समय से पहले जन्म के वैश्विक संकट को उजागर करने और इन शिशुओं की बेहतर देखभाल को बढ़ावा देने के लिए हर साल मनाया जाने वाला वर्ल्ड प्रीमेच्योरिटी डे काफी महत्व रखता है. यह दिन समय से पहले जन्मे बच्चों और उनके परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालता है और जीवित रहने की दर और दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए माताओं और नवजात शिशुओं दोनों के लिए सुलभ, गुणवत्तापूर्ण देखभाल के महत्व पर जोर देता है.
प्रीमैच्योर बेबी से जुड़े फैक्ट्स | Facts related to premature baby
समय से पहले जन्मे बच्चे गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले पैदा होते हैं और पूर्ण अवधि के शिशुओं की तुलना में उन्हें हेल्थ से जुड़ी समस्या का ज्यादा खतरा होता है. वहीं प्रीमैच्योर बेबी से जुड़े फैक्ट्स की बात करें तो 24 सप्ताह के आसपास पैदा हुए बच्चों के बचने की संभावना 30-40% होती है, जबकि 28-29 सप्ताह में पैदा हुए बच्चों के बचने की संभावना 90-95%, 30 सप्ताह या बाद में पैदा हुए बच्चों के बचने की संभावना बहुत अधिक होती है. वहीं 30-34 सप्ताह में पैदा हुए बच्चों के बचने की संभावना 95-98% होती है, और 34 सप्ताह के बाद पैदा हुए बच्चों के बचने की संभावना कम से कम 99% होती है.
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प्रीमैच्योर बेबी के बीमारी के लक्षण | Symptoms of disease in premature babies
गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले पैदा हुए समय से पहले जन्मे शिशुओं में अक्सर उनके अविकसित तंत्र (underdeveloped system) के कारण कई तरह के लक्षण दिखते हैं. इनमें श्वास संबंधी समस्याएं जैसे सांस का रुक जाना, कम ब्लड शुगर, पीलिया, भोजन करने में कठिनाई और संक्रमण का जोखिम बढ़ जाना शामिल हो सकता है. अन्य संभावित समस्याओं में एनीमिया, मस्तिष्क में रक्तस्राव और तापमान विनियमन संबंधी समस्याएं शामिल हैं.
क्यों प्रीमैच्योर बेबी को रहता है ज्यादा खतरा | Why premature babies are at greater risk
गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले पैदा हुए प्रीमैच्योर बेबी को उनके अविकसित अंगों और प्रणालियों के कारण बहुत ज्यादा जोखिम का सामना करना पड़ता है. इसमें अविकसित फेफड़े, मस्तिष्क और इम्यून सिस्टम शामिल हैं, जो विभिन्न जटिलताओं और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं (Long-Term Health Issues) का कारण बन सकते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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