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ट्रैफि‍क जाम में आता है गुस्‍सा और बेचैन होने लगता है दिल, ये अजीब रोग हो सकता है वजह

Traffic Stress Syndrome: क्या आपने महसूस किया है कि जब आप ट्रैफिक में फंसते हैं, तो आपको गुस्सा आने लगता है, दिल धड़कने लगता है, बेचैनी महसूस होती है? अगर ऐसा होता है तो ये आम नहीं है. ये किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है.

ट्रैफि‍क जाम में आता है गुस्‍सा और बेचैन होने लगता है दिल, ये अजीब रोग हो सकता है वजह
Traffic Stress Syndrome: क्यों आपको भी ट्रैफिक में आता है गुस्सा? जानिए.

Traffic Stress Syndrome: आजकल सड़कों पर ट्रैफिक जाम आम बात हो गई है. ऑफिस जाने वाले हों या स्कूल के बच्चे, लंबी यात्राएं हो, हर कोई कभी न कभी इस झंझट से गुजरता है. लेकिन, क्या आपने महसूस किया है कि जब आप ट्रैफिक में फंसते हैं, तो आपको गुस्सा आने लगता है, दिल धड़कने लगता है, बेचैनी महसूस होती है और कभी-कभी सिर भी भारी हो जाता है. आप तेज हॉर्न बजाते हैं, सड़क पर गुस्सा और तेज गति से गाड़ी चलाते ये न केवल खुद को बल्कि अन्य यात्रियों को भी प्रभावित कर सकता है और इसका सबसे बड़ा परिणाम तनाव है.

जब हमें कहीं जाने में देरी होती है तो यह चिंता, खुद पर कंट्रोल की कमी, निराशा, घबराहट जैसे लक्षण पैदा करता है. यह लक्षण सिर्फ सामान्य नहीं हैं. इसके पीछे एक अजीब लेकिन गंभीर बीमारी हो सकती है, जिसे मेडिकल साइंस में ट्रैफिक स्ट्रेस सिंड्रोम या इंवायरनमेंटल ट्रिगर डिसऑर्डर कहा जाता है. यह मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से असर डालने वाला एक सिंड्रोम है, जो लगातार ट्रैफिक से जुड़ी परेशानी के कारण होता है.

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ट्रैफिक में गुस्सा क्यों आता है?

ट्रैफिक जाम में फंसने पर हमारा दिमाग इसे एक खतरे की स्थिति मानता है. इससे शरीर में कॉर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाते हैं. यही हार्मोन गुस्सा, चिड़चिड़ापन और बेचैनी पैदा करते हैं.

दिल की धड़कन क्यों बढ़ती है?

जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर फाइट या फ्लाइट मोड में चला जाता है. इससे दिल की धड़कन तेज हो जाती है, ब्लड प्रेशर बढ़ता है और सांसें उखड़ने लगती हैं. लंबे समय तक ऐसा होना हार्ट रोगों का कारण बन सकता है.

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ये है ट्रैफिक स्ट्रेस सिंड्रोम?

यह एक ऐसा मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति ट्रैफिक से जुड़ी हर चीज़ से तनाव महसूस करने लगता है. इसमें सिरदर्द, बेचैनी, पसीना आना, गुस्सा और कभी-कभी पैनिक अटैक भी शामिल हो सकते हैं. यह उन लोगों में ज्यादा होता है जो रोजाना लंबा सफर करते हैं या ट्रैफिक में ज्यादा समय बिताते हैं.

प्रदूषण भी है एक बड़ा कारण

ट्रैफिक में फंसने पर हम धुएं, धूल और शोर के संपर्क में आते हैं. ये चीजें हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती हैं और मानसिक थकावट बढ़ाती हैं. इससे मूड खराब होता है और ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है.

कैसे करें इससे बचाव?

  • डीप ब्रीदिंग और माइंडफुलनेस तकनीक अपनाएं.
  • ट्रैफिक में फंसने पर म्यूजिक सुनें या पॉडकास्ट का सहारा लें.
  • अगर संभव हो तो ऑफ-पीक टाइम में यात्रा करें.
  • नियमित रूप से योग और मेडिटेशन करें ताकि मानसिक संतुलन बना रहे.

ट्रैफिक जाम सिर्फ समय की बर्बादी नहीं है, यह हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है. अगर आपको बार-बार गुस्सा, बेचैनी या दिल की धड़कन तेज होने जैसी समस्याएं होती हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें. यह एक संकेत हो सकता है कि आपका शरीर और दिमाग ट्रैफिक स्ट्रेस सिंड्रोम से जूझ रहा है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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