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This Article is From Aug 15, 2022

Holistic Therapy क्या होती है, क्या वाकई सभी रोगों का करती है नाश, जानें होलिस्टिक थैरेपी के बारे में सब कुछ

Benefits Of Holistic Therapy: होलिस्टिक थैरेपी के जरिए असंतुलित जीवनशैली को सुंतलित जीवनशैली में बदला जाता है. इस थैरेपी में मनुष्य के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी जाती है. आइए जानते हैं क्या होती है होलिस्टिक थैरेपी और यह कैसे काम करती है.

Holistic Therapy क्या होती है, क्या वाकई सभी रोगों का करती है नाश, जानें होलिस्टिक थैरेपी के बारे में सब कुछ
Holistic Therapy Benefits: इस थैरेपी में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी जाती है

What Is Holistic Therapy: आज एक बार फिर होलिस्टिक थैरेपी को महत्व दिया जा रहा है. धार्मिक और पवित्र तरीके से उपचार लेने को ही होलिस्टिक थैरेपी (Holistic Therapy) कहा गया है. होलिस्टिक थैरेपी के जरिए असंतुलित जीवनशैली को सुंतलित जीवनशैली में बदला जाता है. इस थैरेपी में मनुष्य के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी जाती है. आइए जानते हैं क्या होती है होलिस्टिक थैरेपी और यह कैसे काम करती है.

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यह होती है होलिस्टिक थैरेपी:

जो भी लोग गोलियां, सिरप लेने और ऑपरेशन की काट-छांट से बचना चाहते हैं, ऐसे लोग होलिस्टिक थैरेपी को अपनाते हैं. अगर किसी के साथ कभी कुछ एमरजेंसी घट गई हो, तो ऐसी स्तिथि में पहले दूसरी चिकित्सा की मदद से उसे ठीक किया जाता है. इसके बाद धीरे-धीरे होलिस्टिक थैरेपी की जाती है. होलिस्टिक थैरेपी में शरीर के सभी अंगों पर बारिकी से ध्यान दिया जाता है. बता दें कि, होलिस्टिक थैरेपी किसी तरह का इलाज नहीं है, बल्कि हेल्दी लाइफस्टाइल जीने का एक बेहतर तरीका है. इस थैरेपी के दौरान बॉडी के पेन से संबंधित हर पहलू पर ध्यान दिया जाता है, हर समस्या का हल ढूंढ़ा जाता है, इसलिए उपचार के बाद संपूर्ण शरीर स्वस्थ्य हो जाता है.

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मन और शरीर का संगम हैं होलिस्टिक थैरेपी:

होलिस्टिक थैरेपी असल में लाइफस्टाइल को बदलने का ही तरीका है. इस थैरेपी में पूरा उपचार मन और शरीर के संगम से होता है. होलिस्टिक थैरेपी में पूरा उपचार होना बेहद ही महत्वपूर्ण है. इसमें शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य और भावनाओं सहित धार्मिक विश्वास पर ध्यान दिया जाता है.

थेरेपी में नहीं होता दवा उपकरणों का प्रयोग

होलिस्टिक थेरेपी में किसी भी प्रकार की दवाओं या उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. हमारा शरीर जिन पंचतत्वों से बना हैं उन पंचतत्वों के असंतुलन के कारणों को होलिस्टिक थैरेपी में देखा जाता है. इन कारणों में मुख्य रूप से पौष्टिक भोजन का सेवन नहीं करना, नियमित व्यायाम नहीं करना, मानसिक, भावनात्मक और धार्मिक जरूरतों का पूरा नहीं होना शामिल है. जब भी होलिस्टिक थैरेपी दी जाती है तो मनुष्य के दिमाग, शरीर, भावना और आत्मा को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता है.

होलिस्टिक थैरेपी देने वाला सबसे पहले व्यक्ति के शरीर का पूरा जायजा लेता है, उससे संबंधित पूरी जानकारी जुटाता है, उसके बाद कोई इलाज बताता है. इसलिए होलिस्टिक हीलर का सही चुनाव करना भी बेहद आवश्यक है. होलिस्टिक हीलर ऐसा होना चाहिए जिस पर आपको पूरा विश्वास हो साथ ही दिए जाने वाले उपचार का उसे पूरा ज्ञान हो.

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होलिस्टिक थैरेपी के प्रकार:

-अरोमा थेरेपी

- आयुर्वेदिक इलाज

- प्राकृतिक भोजन

- योग और व्यायाम

- काउंसलिंग

- हर्बल उपचार

- यूनानी चिकित्सा

- एक्युपंक्चर

- नेचुरोपैथी

- एनर्जी हीलिंग

- प्रार्थना साधना

- चाइनीज मेडीसिन

- ऑल्टरनेट मेडीसिन

- कंप्लिमेंटरी मेडीसिन

- इंटीग्रेटिव मेडीसिन

- रेकी

- प्राणिक हीलिंग

- करुणा रेकी

- एक्युप्रेशर

- ध्यान

- विपश्यना

- मालिश

- प्रेक्षा ध्यान

- सिद्धा ध्यान

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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