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8 शेप वॉक क्या है? जानिए 8 Shape Walk कैसे नॉर्मल वॉक से ज़्यादा फायदेमंद है

8 Shape Walk- 8-शेप वॉक, जिसे इन्फिनिटी वॉक भी कहते हैं. मतलब फिगर-8 पैटर्न में घूमना, सीधी लाइन नहीं. यही सिंपल चेंज आपकी वॉक को गेम-चेंजर बना सकता है.

8 शेप वॉक क्या है? जानिए 8 Shape Walk कैसे नॉर्मल वॉक से ज़्यादा फायदेमंद है
8-shape walk: सीधी लाइन छोड़ो, ऐसे घूमो और फिटनेस का लेवल बढ़ाओ

What is 8-shape walk: नॉर्मल वॉक तो ठीक है, पर रोज़ वही सीधी लाइन पकड़कर चलना बोरिंग हो जाता है. टाइम देखते-देखते मोटिवेशन भी डाउन हो जाता है. ऐसे में एक छोटा-सा ट्विस्ट ट्राय करें: 8-शेप वॉक, जिसे इन्फिनिटी वॉक भी कहते हैं. मतलब फिगर-8 पैटर्न में घूमना, सीधी लाइन नहीं. यही सिंपल चेंज आपकी वॉक को गेम-चेंजर बना सकता है.

8-शेप वॉक होता क्या है (What is 8-shape walk)

जैसे जमीन पर एक बड़ा 8 या ∞ बना लिया और उसी रास्ते पर चलते रहे. आगे बढ़ने के साथ ही बार-बार पिवट, टर्न और लूप लगते हैं. डायरेक्शन लगातार बदलने से बॉडी के अलग-अलग मसल्स एक्टिव होते हैं और ब्रेन भी अलर्ट रहता है. ऐसा लगेगा जैसे वॉक हार्ड हो गई है, लेकिन फील उतनी टफ नहीं होगी.

बोरिंग वॉक को बना दो फन लूप

ट्रेडमिल पर सीधा चलते रहना या एक ही सड़क पर आगे-पीछे घूमना जल्द ही रूटीन बन जाता है. 8-शेप में मोड़ आते ही मूवमेंट डाइनैमिक हो जाती है. आप ज़्यादा अवेयर रहते हैं, टाइम जल्दी कटता है और वॉक लंबी चल जाती है.

कोर मसल्स को बिना मेहनत के मजबूत बनाओ

जब आप 8-शेप में चलते हैं, तो हर मोड़ पर आपका शरीर बैलेंस बनाए रखने की कोशिश करता है. इस दौरान आपकी कोर मसल्स, यानी पेट, साइड और अंदरूनी हिस्से की मसल्स, ज़्यादा एक्टिव होती हैं. जबकि सीधी लाइन में चलने पर ये मसल्स ज़्यादा कुछ नहीं करतीं. लेकिन 8-शेप वॉक में इन्हें लगातार काम करना पड़ता है. इससे आपकी कोर खुद-ब-खुद मजबूत होने लगती है, वो भी बिना कोई एक्स्ट्रा एक्सरसाइज़ किए.

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बिना जिम गए मसल्स मजबूत

सीधी लाइन में चलने से कुछ गिनी-चुनी मसल्स ही काम करती हैं. लेकिन जब आप मोड़ लेकर चलते हैं तो आपके हिप्स, थाइज, ग्लूट्स और एंकल्स जैसी कई और मसल्स भी एक्टिव हो जाती हैं. शरीर को हर बार नई दिशा में एडजस्ट करना पड़ता है, जिससे मसल्स पर हल्का प्रेशर आता है. ये असर धीरे-धीरे आपके पैरों और लोअर बॉडी को टोन करने में मदद करता है. अच्छा ये है कि इसके लिए किसी मशीन या जिम की जरूरत नहीं होती.

दिल की सेहत को भी फायदा

चलना वैसे भी दिल के लिए अच्छा होता है. लेकिन जब आप 8-शेप में चलते हैं तो शरीर की कई मसल्स एक साथ काम करती हैं. इससे दिल को थोड़ा ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है ताकि पूरे शरीर में सही तरीके से ब्लड पहुंचे. इसका नतीजा ये होता है कि आपकी कार्डियो फिटनेस यानी स्टैमिना धीरे-धीरे बेहतर होने लगता है. और आपको बहुत ज्यादा तेज़ चलने की भी ज़रूरत नहीं होती.

ज्यादा कैलोरी बर्न, बिना एक्स्ट्रा मेहनत के

अगर आप चाहते हैं कि उतने ही टाइम में ज्यादा कैलोरी बर्न हो, तो 8-शेप वॉक इसके लिए बहुत बढ़िया तरीका है. क्योंकि जब आप बार-बार दिशा बदलते हैं, तो शरीर को ज्यादा एक्टिव होना पड़ता है. इससे दिल की रफ्तार बढ़ती है और कैलोरी बर्न भी ज्यादा होती है. अच्छी बात ये है कि ये सब बिना तेज़ चलने या पसीना बहाने के भी हो जाता है. जो लोग वजन कम करना चाहते हैं या फिट रहना चाहते हैं, उनके लिए ये एक आसान और असरदार तरीका है.

कहीं भी किया जा सकता है

इस वॉक को करने के लिए आपको किसी बड़े मैदान या जिम की ज़रूरत नहीं है. अगर आपके पास सिर्फ 6 से 10 फीट की खाली जगह भी है, तो आप शुरू कर सकते हैं. चाहे वो आपके घर का कमरा हो, बैकयार्ड हो या कोई छोटा पार्क. ये उन लोगों के लिए भी बढ़िया है जो घर से काम करते हैं या जिन्हें बाहर जाने का टाइम नहीं मिलता. बस 10 मिनट लूप में घूम लीजिए, और आपका माइंड और बॉडी दोनों एक्टिव हो जाएंगे.

दिमाग को भी मिलती है एक्टिविटी

हर बार जब आप मुड़ते हैं, तो दिमाग को तय करना पड़ता है कि अगला स्टेप कैसे और कहां रखना है. इस वजह से ब्रेन भी एक्टिव रहता है. एक जैसी वॉक से जो बोरियत होती है, वो इसमें नहीं होती. मूड भी अच्छा रहता है और माइंड भी थोड़ा शार्प बनता है.

सबके लिए फायदेमंद और मज़ेदार

बच्चों को इसका पैटर्न खेलने जैसा लगता है. डॉग्स भी इसमें मज़ा लेते हैं. और बुजुर्गों के लिए ये बैलेंस और कोआर्डिनेशन बढ़ाने का बढ़िया तरीका है. इसे अकेले भी कर सकते हैं और साथ में भी. जैसे ही ये वॉक रूटीन का हिस्सा बनती है, ये काम की तरह नहीं लगती बल्कि खेल जैसा लगने लगता है.

छोटा बदलाव, बड़ा असर

कई बार फिट रहने के लिए ज़्यादा करने की नहीं, बस थोड़ी समझदारी से कुछ अलग करने की ज़रूरत होती है. 8-शेप वॉक एक ऐसा ही तरीका है. ये वॉक आपकी मसल्स को जगाती है, दिमाग को एक्टिव करती है और दिल को हेल्दी रखती है और सबसे अच्छी बात – ये थकाने वाला वर्कआउट नहीं लगता, बल्कि एक आसान और मज़ेदार आदत बन जाती है.

तो अगली बार जब चलने निकलें, सीधी लाइन की जगह दिमाग में एक 8 बना लें और उसी के हिसाब से मूव करें. नतीजे देखकर खुद हैरान हो जाएंगे.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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