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3 हफ्तों में बदल जाए आपकी सेहत, इस देसी-डाइट से घटाएं वजन, शुगर और खतरनाक कोलेस्ट्रॉल

Desi Diet for Weight Loss: अगर आप सिर्फ तीन हफ्तों के लिए इस वेस्टर्न और हैवी प्रोसेस्ड फूड्स की जगह देसी, पारंपरिक, फाइबर फूड्स और प्राकृतिक भोजन अपनाएं, तो आपकी सेहत दोनों लेवल पर बदल सकती है.

3 हफ्तों में बदल जाए आपकी सेहत, इस देसी-डाइट से घटाएं वजन, शुगर और खतरनाक कोलेस्ट्रॉल
Desi Diet for Weight Loss: क्या खाने से आएगा शरीर में बदलाव?

3-Week Weight Loss Challenge: आज-कल की तेज-तर्रार जिंदगी में अक्सर हम फास्ट-फूड, पैक्ड स्नैक्स और तला-भुना भोजन खा लेते हैं. ये भोजन झटपट मिलता है और स्वादिष्ट भी होता है, लेकिन लंबे समय तक ऐसा खाने से शरीर धीरे-धीरे बोझिल और अनहेल्दी हो जाता है. मोटापा बढ़ता है, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल अनकंट्रोल हो जाते हैं और सूजन या इंफ्लेमेशन की शिकायतें बढ़ जाती हैं. लेकिन, अगर आप सिर्फ तीन हफ्तों के लिए इस वेस्टर्न और हैवी प्रोसेस्ड फूड्स की जगह देसी, पारंपरिक, फाइबर फूड्स और प्राकृतिक भोजन अपनाएं, तो आपकी सेहत दोनों लेवल पर बदल सकती है, यानी शरीर की बाहरी बनावट भी हल्की हो जाएगी और अंदर से आपके शरीर के सिस्टम मजबूत बनेंगे.

कुछ अध्ययन और लोगों के अनुभव बताते हैं कि नॉन-इंडस्ट्रियलाइज्ड स्टाइल डाइट अपनाने वालों में 3 हफ्तों में मोटापा घटा, LDL कोलेस्ट्रॉल कम हुआ, ब्लड शुगर कंट्रोल हुआ और सूजन का एक बड़ा मार्कर (C-Reactive Protein) भी घटा. आइए जानें कैसे यह देसी-डाइट काम करती है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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देसी-डाइट क्या है और क्यों है असरकारक | What is Desi Diet and Why is it Effective?

प्रोसेसिंग से दूर: इस डाइट में पैकेट, रेडी-टू-ईट या फ्राई किया हुआ भोजन नहीं, बल्कि घर में बने भोजन, सादे मसाले, साबुत अनाज, दालें, हरी सब्जियां और मौसमी फल शामिल होते हैं.

फाइबर से भरपूर: बाजरा, ज्वार, रागी, गेहूं: इनसे पाचन अच्छा रहता है, पेट लंबे समय तक भरा रहता है, भूख कंट्रोल होती है और अनावश्यक कैलोरी नहीं आती.

प्राकृतिक फैट और प्रोटीन: देसी घी, ताजा दही, मुट्ठी भर नट्स, दालें, ये आपके शरीर को एनर्जी देते हैं, लेकिन साथ ही खून में खराब कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ने देते.

मिनिमम शुगर / पैकेटेड शुगर: कोल्ड ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक्स, पैकेटेड मिठाई, कुकीज़ आदि से बचना चाहिए. इनके बजाय ताजा फल, दूध या छाछ लें.

इस देसी डाइट से मिलने वाले फायदे | Benefits of Indian Diet

1. वजन कम करना

फाइबर से भरपूर और लो कैलोरी वाला भोजन पेट जल्दी भर देता है और ओवरईटिंग नहीं होती. स्थिर शुगर और इंसुलिन लेवल से क्रेविंग कम होती हैं. धीरे-धीरे शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी पिघलती है पेट, कमर और जांघ की चर्बी कम होती है.

2. ब्लड शुगर बैलेंस

पका भोजन खाने से ब्लड शुगर अचानक बढ़ता है, लेकिन देसी-डाइट में छोटे कार्बोहाइड्रेट (complex carbs) होते हैं, जो धीरे-धीरे पचते हैं. इससे डायबिटीज के खतरे कम होते हैं और अगर पहले शुगर थी, तो उसे कंट्रोल में खाने में मदद मिलती है.

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3. खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) कम होना

प्रोसेस्ड और फ्राइड फूड्स, पैकेटेड स्नैक्स, ट्रांस–फैट्स LDL बढ़ाते हैं. देसी घी, दालें, हरी सब्जियां, नट्स और साबुत अनाज आपके शरीर को हेल्दी फैट और प्रोटीन देते हैं, जिससे LDL में गिरावट आती है और HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) सामान्य रहता है.

4. सूजन और इन्फ्लेमेशन कम होना

नेचुरल फूड्स मसालों का सीमित उपयोग, पैकेटेड एडिटिव्स से बचने से शरीर की जांच पड़ताल ठीक होती है. कई मामलों में एक सूजन–मार्कर (जैसे C-Reactive Protein) तीन हफ्तों में गिरा पाया गया, जिससे दिल, लिवर, जोड़ों की सेहत बेहतर होती है.

कैसे शुरू करें? आसान टिप्स

  • हर दिन पूरे अनाज (जैसे बाजरा, ज्वार, गेहूं) को रोटी या चावल की जगह इस्तेमाल करें.
  • रोज कम-से-कम एक बार दाल या सब्जी के साथ हल्का दही या छाछ लें.
  • मिठाई या पैकेटेड स्नैक्स की जगह ताजा फल, नट्स, मूंगफली लें.
  • तेल, घी, नमक और चीनी में बचत करें. हल्का खाना बनाएं.
  • खाने के बाद हल्की सैर करें, लगभग 15–20 मिनट. पाचन और मेटाबॉलिज्म में मदद मिलेगी.

अगर आप वेस्टर्न फूड, पैकेटेड स्नैक्स और तली चीजों को छोड़कर सिर्फ तीन हफ्तों के लिए देसी, पारंपरिक और फाइबर से भरपूर भोजन अपनाएं. यानी साबुत, दालें, हरी सब्जियां, दही, नट्स, ताजे फल तो आपका शरीर खुद जा कर बदलाव दिखाएगा. वजन कम होगा, शुगर कंट्रोल होगा, LDL कोलेस्ट्रॉल घटेगा और आपकी सेहत अंदर-बाहर तरोताजा महसूस करेगी.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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