विज्ञापन
This Article is From Apr 04, 2023

जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने से शरीर में आ जाता है ये पॉजिटिव बदलाव, ऋजुता दिवेकर ने बताया मंत्र

आजकल लोग रात को देर से सोते हैं और सुबह उससे भी लेट उठते हैं. यहीं वजह है हम न सिर्फ शरीर से बल्कि मानसिक रूप से भी कम प्रोडक्टिक हो जाते हैं. अपनी लाइफस्टाइल सुधारने के लाभों के बारे में बात करते हुए ऋजुता दिवेकर ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की.

जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने से शरीर में आ जाता है ये पॉजिटिव बदलाव, ऋजुता दिवेकर ने बताया मंत्र
व्यायाम करने और अच्छी नींद लेने के लाभों को सभी जानते हैं.

क्या आप अपने स्वास्थ्य पर अनहेल्दी लाइफस्टाइल के नकारात्मक प्रभावों को जानते हैं? हर कोई चाहता है कि उसकी काया किसी सेलिब्रिटी जैसी हो, लेकिन संघर्ष कोई नहीं करना चाहता. आजकल लोग रात को देर से सोते हैं और सुबह उससे भी लेट उठते हैं. यहीं वजह है हम न सिर्फ शरीर से बल्कि मानसिक रूप से भी कम प्रोडक्टिक हो जाते हैं. अपनी लाइफस्टाइल सुधारने के लाभों के बारे में बात करते हुए ऋजुता दिवेकर ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की.

नाक के बाल तोड़ने की आदत है तो छोड़ दें, अनजाने में बुरी तरह बिगड़ सकती है सेहत, जानें कैसे

व्यायाम करने और अच्छी नींद लेने के लाभों को सभी जानते हैं, लेकिन ऋजुता ने नियमित रहने और अपने सोने, जागने और खाने के टाइम के बारे में बात की. उन्होंने कैप्शन में लिखा, "जल्दी सोना, सुबह जल्दी उठना, भोजन समय पर करना हमें सेक्सी, सुंदर और दयालु बनाता है."

"थाली में - आलू पालक, मिश्र उसल, तड़का वाला दही, पापड़ और मकई की रोटी."

कर्नाटक के जिला अस्पताल में नवजात के शव को जबड़े में ले जाते दिखा कुत्ता, मामला दर्ज

ऋजुता कि इस पोस्ट पर कई फैंस ने सपोर्टिव कमेंट करते हुए लिखा, "मैम आप हमें बहुत ही सरलता से परंपराओं से जोड़ते हैं और हम इसे फिर से मनाना पसंद करते हैं."

एक अन्य यूजर ने लिखा, "काश मैं खुद को इस पौष्टिक और हेल्दी भोजन के लिए आमंत्रित कर पाता! उन फलियों और साग का होना बहुत जरूरी है. एक अच्छी तरह से संतुलित सादा भोजन"

गर्मियों में धूप से स्किन पर पड़े काले पैच और टैनिंग को हटाने 3 नेचुरल फेस पैक, घर पर इस तरीके से लगाएं

इससे पहले इंस्टा पोस्ट में ऋजुता दिवेकर ने सिथिल लाइफस्टाइल से पुरुषों में होने वाले हार्ट के बारे में बात की थी.

ऋजुता ने ने लंदन में बस कंडक्टरों और बस चालकों का अध्ययन करने वाले एक वैज्ञानिक द्वारा 90 के दशक में किए गए एक अध्ययन का हवाला देते हुए दिवेकर ने कहा कि बस चालकों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक है और बस कंडक्टरों की तुलना में स्ट्रोक जो बस ड्राइवरों की तुलना में हेल्दी लाइफस्टाइल व्यतीत करते प्रतीत होते थे - वे हेल्दी, खुश और फिटर थे. उन्होंने कहा कि वे दोनों पुरुष हैं और लगभग एक ही उम्र के हैं और उनके पास एक ही काम है, काम करने की स्थिति और सामाजिक वर्ग भी समान है, लेकिन मुख्य अंतर यह था कि ड्राइवर मुख्य रूप से बैठा था, जबकि बस कंडक्टर इधर-उधर घूम रहा था.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com