
Cervical pain remedy : आज के दौर में कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल इतना बढ़ गया है कि लोग दिनभर इन्हीं डिवाइसों से जुड़े रहते हैं. खासकर ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी या स्टूडेंट्स, जो लंबे समय तक एक ही जगह पर एक ही तरह की मुद्रा में बैठे रहते हैं, उन्हें अक्सर गर्दन, कंधों और हाथों में दर्द की समस्या होने लगती है. इस दर्द को मेडिकल भाषा में सर्वाइकल पेन कहा जाता है.
कच्ची हल्दी, सूखी हल्दी या फिर हल्दी पाउडर, क्या है सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद, जानिए यहां
यह हमारी सेहत और काम करने की क्षमता को प्रभावित करता है. इसके चलते न सिर्फ गर्दन में जकड़न महसूस होती है बल्कि यह दर्द कंधों और हाथों तक भी पहुंच सकता है, जिससे काम करते समय काफी परेशानी होती है.
सर्वाइकल पेन का कारण
सर्वाइकल पेन के पीछे की वजहों में एक ही पोश्चर में बैठना, गलत तरीके से डिवाइस का इस्तेमाल करना, या गर्दन की मांसपेशियों का तनाव आदि शामिल है. अगर इस समस्या को नजरअंदाज कर दिया जाए, तो यह धीरे-धीरे गंभीर हो सकती है, जिससे सिरदर्द, बाजू और हाथों में कमजोरी भी हो सकती है. हालांकि, शुरुआत में इस समस्या को समझकर और कुछ सावधानियां बरतकर इसे आसानी से दूर किया जा सकता है.
आयुष मंत्रालय भी इस बात पर जोर देता है कि योग और सरल व्यायाम इस समस्या से राहत पाने के लिए बेहद फायदेमंद हैं. योगासन न केवल दर्द कम करते हैं, बल्कि शरीर का लचीलापन बढ़ाने, तनाव घटाने और मानसिक शांति देने में भी सहायक होते हैं.
सर्वाइकल पेन से राहत पाने के लिए योगासन
भुजंगासनसर्वाइकल पेन से राहत पाने के लिए सबसे प्रभावी योगासनों में भुजंगासन का नाम सबसे पहले आता है. इस आसन में आपको पेट के बल लेटकर अपने हाथों की मदद से शरीर के ऊपरी हिस्से को धीरे-धीरे ऊपर उठाना होता है. गर्दन को अपनी सहूलियत के अनुसार पीछे झुकाना होता है. इससे गर्दन और कंधों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और खिंचाव की समस्या कम होती है. भुजंगासन न केवल गर्दन के दर्द से राहत देता है, बल्कि पेट की चर्बी को कम करने और दिमाग को शांत करने में भी मदद करता है.
बालासनबालासन एक सरल और प्रभावी योगासन है, जो सर्वाइकल पेन के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी है. इस आसन को करने के लिए आपको पहले वज्रासन में बैठना होता है, फिर हाथों को ऊपर उठाते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकना होता है ताकि सिर जमीन को छू सके. इस स्थिति में कुछ समय तक बने रहना होता है. बालासन गर्दन और कंधों को आराम देने के साथ-साथ पूरे शरीर को शांति और स्थिरता प्रदान करता है. इसे नियमित अभ्यास करने से मांसपेशियों का तनाव कम होता है और शरीर को नई ऊर्जा मिलती है.
मार्जरी आसनमार्जरी आसन का भी सर्वाइकल पेन में खासा महत्व है. यह आसन हाथों और पैरों के बल खड़े होकर शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाने का अभ्यास है. इस दौरान सिर को ऊपर उठाकर कमर को नीचे की ओर दबाना होता है, जिससे गर्दन, पीठ और कमर की मांसपेशियां अच्छी तरह से स्ट्रेच होती हैं. मार्जरी आसन से न केवल सर्वाइकल पेन में राहत मिलती है, बल्कि यह पीठ दर्द और कमर की कमजोरी से भी निजात दिलाता है. इसे नियमित करने से शरीर के लचीलेपन में सुधार आता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं