Effects of working for long hours on health: कर्नाटक सरकार ने आईटी कंपनियों में काम करने वाले एम्पलॉइज के लिए हफ्ते में 70 घंटे काम करने का प्रपोजल लेकर आई है. मौजूदा समय में भारत में एक एंप्लॉय ऑफिस में हर सप्ताह करीब 48 घंटे काम करता है. इस नए प्रपोजल के बाद आईटी कर्मचारियों को हर दिन 14 घंटे तक काम करना होगा जबकि मौजूदा नियमों के मुताबिक एक दिन में अधिकतम कार्य सीमा 12 घंटे की है. आईटी कर्मचारियों से लेकर अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स के बीच डिबेट और चिंता का विषय बन गया है. आईटी एम्पलॉइज काम के घंटे बढ़ाने की सिफारिश करने वाले इस प्रपोजल का जमकर विरोध कर रहे हैं. ज्यादा देर काम करने से फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को लेकर लोग काफी चिंतित हैं.
ज्यादा घंटे काम करने से हेल्थ पर पड़ने वाला प्रभाव (Effects of working for long hours on health)
बहुत ज्यादा देर तक काम करने से शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बुरी तरह प्रभावित हो सकता है.
1. हृदय रोगों का खतरा (Risk of heart diseases)
ज्यादा देर तक काम करने से व्यक्ति लंबे समय तक वर्क स्ट्रेस से जूझता रहता है. इससे कोर्टिसोल नाम का स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होता है जो आपके हृदय की सेहत के लिए नुकसानदायक होता है. इससे स्ट्रोक, कोरोनरी आर्टरी डिजीज और टाइप 2 डायबिटीज से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों तक का खतरा बढ़ जाता है.
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2. प्रोडक्टिविटी में कमी (Lower productivity)
लंबे समय तक काम करने से व्यक्ति की प्रोडक्टिविटी में कमी आ जाती है जो आपको मानसिक स्तर पर परेशान कर सकता है. स्टैनफोर्ड के एक रिसर्च पेपर के मुताबिक, हर हफ्ते 70 घंटे तक काम करने वाले एम्पलॉई असल में 56 घंटे प्रति सप्ताह काम करने वाले लोगों से ज्यादा टास्क पूरा नहीं कर पाते हैं. इससे साफ होता है कि ज्यादा लंबे समय तक काम करने से प्रोडक्टिविटी में कमी आ जाती है.
3. शराब और स्मोकिंग की लत (Alcohol and smoking addiction)
ज्यादा घंटों तक काम करने पर रिलैक्स करने के लिए लोग शराब और स्मोकिंग जैसी चीजों का सहारा लेने लगते हैं. एक हफ्ते में 40 घंटे से ज्यादा काम करने वाले लोगों में हेल्थ के लिए रिस्की क्वांटिटी तक शराब के सेवन करने की लत लगने की आशंका ज्यादा होती है. एक हफ्ते में अधिकतम महिलाओं को 14 और पुरूषों को 21 ड्रिंक ही लेनी चाहिए.
4. नींद की कमी और दिन भर थकान (Lack of sleep and fatigue throughout the day)
हफ्ते में 70 घंटे तक काम करने का मतलब है कि आप पर्याप्त नींद नहीं ले पाएंगे. इसके अलावा फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज जैसी जरूरी चीजें भी निश्चित तौर पर स्किप होगी. नींद की कमी की वजह से व्यक्ति दिन भर थका हुआ महसूस करता है जिस वजह से काम करने में भी ठीक से मन नहीं लग पाता है.
5. पीठ और गर्दन में दर्द (Back and neck pain)
आईटी सेक्टर में कंप्यूटरों पर ही सारा काम होता है. लंबे समय तक कंप्यूटर के सामने बैठ कर काम करने से पीठ और गर्दन में दर्द होती है. मसल टेंशन की वजह से पुरूषों के पीठ के निचले हिस्से और महिलाओं को आमतौर पर गर्दन के पास दर्द होता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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