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अनसेफ सेक्‍स से होने वाली एक बीमारी, जो हड्डियों को गला देती है, बन सकती है मौत की वजह

अनसेफ सेक्स (बिना सुरक्षा के यौन संबंध) सिर्फ़ एड्स (AIDS), एचआईवी (HIV) या सर्विक्स कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां ही नहीं फैलाता, बल्कि एक और खतरनाक बीमारी भी हो सकती है. यह बीमारी धीरे-धीरे आपकी हड्डियों को भी नुकसान पहुंचाकर खत्म कर देती है. इसे सिफलिस (Syphilis) कहा जाता है.

अनसेफ सेक्‍स से होने वाली एक बीमारी, जो हड्डियों को गला देती है, बन सकती है मौत की वजह

अनसेफ सेक्स (बिना सुरक्षा के यौन संबंध) सिर्फ़ एड्स (AIDS), एचआईवी (HIV) या सर्विक्स कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां ही नहीं फैलाता, बल्कि एक और खतरनाक बीमारी भी हो सकती है. यह बीमारी धीरे-धीरे आपकी हड्डियों को भी नुकसान पहुंचाकर खत्म कर देती है. इसे सिफलिस (Syphilis) कहा जाता है. यौन संबंधों से फैलने वाली खतरनाक बीमारियों में सिफलिस (Syphilis) का नाम आता है. यह बीमारी Treponema pallidum नाम के बैक्टीरिया से फैलता है और समय रहते इलाज न होने पर शरीर को अंदर से खोखला कर देती है. खासकर, यह धीरे-धीरे हड्डियों को नुकसान पहुंचा कर उन्हें कमजोर, खोखला और विकृत कर सकती है.

सिफलिस की तीन स्टेज (Three Stages of Syphilis)

प्राइमरी स्टेज (Primary Stage): 

संक्रमण के शुरुआती दिनों या हफ्तों में जननांग, मुंह या गुदा के आसपास छोटे और बिना दर्द वाले घाव दिखाई देते हैं. ये घाव अपने आप ठीक हो सकते हैं, लेकिन बैक्टीरिया शरीर में सक्रिय बना रहता है.

सेकेंडरी स्टेज (Secondary Stage):

कुछ महीनों में पूरे शरीर पर लाल चकत्ते, बुखार, गले में खराश और थकान जैसे लक्षण सामने आते हैं. इस समय संक्रमण खून के जरिए पूरे शरीर में फैलने लगता है और हड्डियों तक पहुंच सकता है.

तीसरी स्टेज (Tertiary Stage):

कई सालों बाद यह स्टेज आती है, जिसमें बैक्टीरिया शरीर के विभिन्न अंगों के साथ-साथ हड्डियों को भी गहराई से नुकसान पहुंचाता है. इस अवस्था को सबसे खतरनाक माना जाता है.

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हड्डियों पर सिफलिस का असर

Caries Sicca: खोपड़ी की हड्डियों पर गड्ढे और दाग पड़ जाते हैं, जिन्हें मेडिकल टर्म  में caries sicca कहा जाता है. इससे चेहरे की बनावट बदल सकती है.

Femur (जांघ की हड्डी): शरीर की सबसे बड़ी हड्डी भी सिफलिस के असर से अछूती नहीं रहती. इसमें गहरे निशान और कमजोरी आने लगती है, जिससे चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है.

लगातार दर्द और सूजन: प्रभावित हड्डियों में लगातार दर्द, जलन और असुविधा बनी रह सकती है.

हड्डी की विकृति: लंबे समय तक संक्रमण रहने पर हड्डियां टेढ़ी-मेढ़ी हो सकती हैं या गंभीर मामलों में हड्डियां टूट भी सकती है.

सिफलिस एक खतरनाक यौन रोग है, जो समय रहते इलाज न मिलने पर हड्डियों को कमजोर और विकृत कर देती है. आज इसका इलाज संभव है. एंटीबायोटिक (जैसे पेनिसिलिन) से यह पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है. जरूरी है कि शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं. सही समय पर जांच और ट्रीटमेंट कराने से हड्डियों और शरीर को गंभीर नुकसान से बचाया जा सकता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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