भारत में सेक्सुअल हेल्थ पर आज भी खुलकर बात नहीं की जाती, इस सच के बावजूद कि देश में यौन रोग (Sexual Disease) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STI) या सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) के लक्षण और इससे बचने के उपायों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता की बेहद कमी है. जबकि एसटीडी से संक्रमित होने पर पीड़ित की ओवरऑल हेल्थ पर इसका सीधा असर पड़ सकता है (चाहे वह सेक्सुअल हो या रिप्रोडक्टिव हो). इसलिए जरूरी है कि लोग इन बीमारियों को लेकर जागरूक हों, उन्हें पता होना चाहिए की यौन संबंध के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि संक्रमित होने से बचा जा सके.
गर्मियों में पतले लोग 5 फलों को खाकर तेजी से बढ़ा सकते हैं वजन, शारीरिक कमजोरी होगी दूर
यौन रोग कैसे फैलता है? | How Do STDs Spread?
एसटीडी पैदा करने वाले वायरस या बैक्टीरिया आमतौर पर खून, वीर्य, योनि, गुदा, दूसरे शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाते हैं. यह इंफेक्शन बिना सेक्सुअल एक्टिविटी किए भी फैल सकता है जैसे गर्भावस्था के दौरान मां से शिशु में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान, या पहले इस्तेमाल की गई सुइयों का दोबारा यूज करके. एसटीआई का महिलाओं की सेक्सुअल और रिप्रोडक्टिव हेल्थ (प्रजनन स्वास्थ्य) दोनों पर असर पड़ सकता है, जिससे प्रेगनेंसी में दिक्कत, इनफर्टिलिटी या एचआईवी का हाई रिस्क भी हो सकता है. एसटाई के सबसे कॉमन टाइप में सिफलिस, क्लैमाइडिया, हर्पीज, ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) और हेपेटाइटिस शामिल हैं.
सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के लक्षण | Symptoms Of Sexually Transmitted Diseases
कभी-कभी किसी व्यक्ति पता भी नहीं चलता कि उसे कोई इंफेक्शन है. इसलिए शुरुआत में बीमारी के लक्षणों पर ध्यान नहीं जा पाता है जब तक कि कॉम्प्लिकेशन पैदा नहीं हो जाते, या जब तक इनका डायग्नोज नहीं हो जाता. हालांकि, एसटीआई के कुछ सामान्य लक्षण हैं जो ध्यान देने पर नजर आ सकते हैं:
- यौन संबंध के दौरान दर्द होना
- योनि या लिंग से असामान्य स्राव होना.
- पेशाब के दौरान दर्द या जलन
- हाथ या पैर पर चकत्ते
- पेट के निचले हिस्से में दर्द
इन सावधानियों को बरतें:
एक्सपोजर के बाद ऊपर बताए लक्षणों पर ध्यान दें. हालांकि एसटीआई के लक्षण सामने आने में काफी टाइम लग सकता है. इसलिए एसटीआई या एसटीडी के प्रसार से बचने के लिए एहतियाती उपायों पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए.
- सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान सतर्क और सावधान रहना पहला और सबसे जरूरी कदम है.
- सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान हमेशा लेटेक्स कंडोम का इस्तेमाल करें.
- हेपेटाइटिस बी और एचपीवी से बचने के लिए टीका लगवाएं. एचपीवी के टीके 11-12 साल की उम्र में लगवाए जा सकते हैं.
- अपने यौनांगों को स्वच्छ रखें.
- ज्यादा लोगों के साथ यौन संबंध बनाने से बचें. कई पार्टनर होने से एसटीआई या एसटीडी होने का खतरा बढ़ सकता है.
हालांकि सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STI) फैलना बहुत आम है क्योंकि वे आसानी से फैल सकते हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि उनका इलाज किया जा सकता है और इन्हें पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है, लेकिन इसकी रोकथाम बेहद जरूरी है. सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान थोड़ी सी सावधानी बरतने से एसटीआई होने के रिस्क को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं