Kadha For Strong Immune System: कोरोना काल में काढ़ा सबसे ज्यादा प्रचलित हुआ है. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा (Ayurvedic Kadha For Increase Immunity) सबसे ज्यादा उपयोग में लाया गया है. आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं जो संक्रमण को दूर कर कमजोर इम्यून सिस्टम (Weak Immune System) को बूस्ट करने में फायदेमंद होती हैं. इन्हीं के मिश्रण से इम्यूनिटी बूस्ट करने वाला काढ़ा (Immunity Boosting Kadha) बनाया जाता है. मजबूत इम्यून सिस्टम के लिए काढ़ा कारगर हो सकता है, लेकिन अगर आपको इसका सेवन करने शरीर में कुछ बदलाव नजर आते हैं तो आपको काढ़े का सेवन बंद कर देना चाहिए. क्योंकि कई लोगों को काढ़ा के साइडइफेक्टस (Side Effects Of Kadha) के बारे में पता नहीं होता है और वह काढ़े के नुकसान करने वाले संकेतों को पहचान नहीं पाते हैं और किसी दूसरी समस्या के शिकार हो जाते हैं.
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इम्यूनिटी मजबूत करने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन इम्यूनिटी बूस्ट करने वाला काढ़ा सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है. काढ़ा के नुकसान (Disadvantages Of Kadha) कई हैं. अगर समय रहते हैं इनपर ध्यान नहीं दिया गया तो बाद में इसके लक्षण काफी बढ़ सकते हैं. यहां काढ़े से होने वाले नुकसानों के बारे में बताया गया है जो हर किसी को पता होने चाहिए.
काढ़ा के साइडइफेक्ट्स होने पर दिखते हैं ये संकेत | These Signs Are Seen When There Are Side Effects Of Kadha
1. पेट में जलन होना
2. पेशाब करते समय जलन
3. अपच और पेचिश जैसी समस्या
4. नाक से खून आना
5. मुंह में छाले पड़ना
6. चक्कर आना
7. आंखों के आगे अंधेरा होना
8. नाक से खून आना
9. त्वचा पर दाने
10. वजन में तेजी से कमी
11. गैस, अपच और कब्ज की समस्या
Disadvantages Of Kadha: काढ़ा कई स्वास्थ्य लाभों से भरा होता है, लेकिन इन संकतों को नजरअंदाज न करें
इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा के नुकसान के पीछे क्या है वजह | What Is The Reason Behind The Loss Of Immunity Booster Kadha
इसके पीछे कोई बड़ा कारण नहीं है बल्कि जिन आयुर्वेदिक चीजों से काढ़ा बनाया जाता है उनकी वजह से ही शरीर को कुछ नुकसान हो सकते हैं. इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा बनाने के लिए आमतौर पर काली मिर्च, सोंठ, पीपली, दालचीनी, हल्दी, गिलोय, अश्वगंधा जैसी औषधियों का इस्तेमाल किया जाता है, इन सभी चीजों की तासीर बहुत गर्म होती है. अगर इनका सेवन ज्यादा मात्रा में या रोजाना किया जाए तो यह शरीर में गर्मी बढ़ा देते हैं. इसके साथ ही किसी का शरीर इन जड़ू-बूटियों से एलर्जिक रिएक्शन कर सकता है.
नुकसान से बचने और फायदे लेने के लिए काढ़ा बनाते समय इन बातों को ध्यान रखें
आप काढ़े से होने से नुकसानों से बचना चाहते हैं तो आपको इसे बनाते समय कुछ बातों को नोट करना जरूरी है, ताकि यह आपके शरीर को नकारात्मक रूप से प्रभावित न कर पाए. काढ़ा बनाते समय औषधियों की मात्रा पर खास ध्यान रखें. सभी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करें. काढ़े के सेवन से आपको किसी तरह का कोई नुकसान दिखे तो सोंठ, काली मिर्च, अश्वगंधा और दालचीनी की मात्रा कम कर दें. काढे़ में पानी की मात्रा ज्यादा रखें.
ध्यान देने वाली कुछ जरूरी बातें
हमेशा हमारा शरीर वात पित्त और कफ संतुलन पर चलता है. काढ़े के सेवन से कफ और सर्दी-जुकाम की समस्या में राहत मिल सकती है. इसलिए कफ दोष से प्रभावित लोगों के लिए ये काढ़ा बहुत फायदेमंद हो सकता है, लेकिन वात या पित्त से प्रभावित लोगों को आयुर्वेदिक काढ़ों को पीते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. ध्यान रखें कि गर्म तासीर वाली चीजों के बजाय ठंडी तासीर वाली चीजों का प्रयोग करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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