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समय रैना की बढ़ीं मुश्किलें, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) से जूझ रहे शिशु का उडाया मजाक, जानें क्या ये डिसऑर्डर, लक्षण, कारण और इलाज

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) एक दुर्लभ और गंभीर न्यूरोमस्कुलर विकार है, जो मुख्य रूप से बच्चों और नवजात शिशुओं को प्रभावित करता है. यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है.

समय रैना की बढ़ीं मुश्किलें, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) से जूझ रहे शिशु का उडाया मजाक, जानें क्या ये डिसऑर्डर, लक्षण, कारण और इलाज
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) एक दुर्लभ और गंभीर न्यूरोमस्कुलर विकार है,

समय रैना (Samay Raina) की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक बार फिर रैना विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. कॉमेडियन समय रैना के चुटकुलों - जिसमें कथित तौर पर अंधे लोगों और एसएमए या स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित एक शिशु का मजाक उड़ाया गया है, जिसे जीवित रहने के लिए 16 लाख रुपये के इंजेक्शन की जरूरत है. इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने चिन्हित किया है. श्री रैना पहले से ही साथी कॉमेडियन रणवीर अल्लाहबादिया के 'इंडियाज गॉट लेटेंट' शो में माता-पिता और यौन संबंध के बारे में मजाक करने के कारण परेशानी में हैं और अब कोर्ट इन 'चुटकुलों' के मामले की अलग से सुनवाई करेगा.

समय रैना ने क्या कहा?

अपने शो में, रैना ने दो महीने के बच्चे से जुड़े एक "चैरिटी केस" के बारे में बात की. उन्होंने घोषणा की कि "कुछ पागलपन" हुआ है, "दो महीने के बच्चे को 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की जरूरत है."

फिर दर्शकों में एक महिला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "मैडम, आप मुझे बताएं... अगर आप वह मां होतीं और एक दिन आपके बैंक खाते में 16 करोड़ रुपये आ जाते... जबकि आपके पास दो महीने का बच्चा होता... तो क्या आप कम से कम एक बार अपने पति की तरफ नहीं देखतीं और कहतीं... 'हम्म... महंगाई बढ़ रही है."

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रैना एक अंधे व्यक्ति के बारे में 'मजाक' के लिए भी आलोचनाओं का शिकार हुए हैं. उन्होंने कथित तौर पर पूछा, "क्या मैं आपसे एक सवाल पूछ सकता हूं, मेरे भाई... मुझे आपकी किस आंख में देखना चाहिए?" और दूसरे व्यक्ति से कहा, "तुम भगवान की आंखों में देखो..."

याचिकाकर्ता ने समय रैना के चुटकुलों की आलोचना करते हुए कहा है कि "सोशल मीडिया पर कई ऐसे उदाहरण हैं... जिनमें दिव्यांग व्यक्ति (और उनके मुद्दे) उपहास, दया या सार्वजनिक मनोरंजन की वस्तु हैं". फाउंडेशन ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ "ऐसे गंभीर मुद्दों पर खुलकर बोलने और ऐसे बयानों को 'व्यंग्य' कहकर खारिज करने की स्वतंत्रता नहीं हो सकती."

क्या है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA)?

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) एक दुर्लभ और गंभीर न्यूरोमस्कुलर विकार है, जो मुख्य रूप से बच्चों और नवजात शिशुओं को प्रभावित करता है. यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर होती जाती हैं और व्यक्ति को चलने, बैठने या सांस लेने में कठिनाई हो सकती है.  स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी मांसपेशियों की कमजोरी और शोष (जब मांसपेशियां छोटी हो जाती हैं) का कारण बनती है. ये बच्चे की रेंगने, चलने, बैठने और सिर की हरकतों को कंट्रोल करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है. गंभीर SMA सांस लेने और निगलने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है.

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का कारण

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी SMN1 जीन में पैदा होने वाले आनुवंशिक बदलाव के कारण होता है. यह जीन मोटर न्यूरॉन्स (ब्रेन और रीढ़ की हड्डी में पाए जाने वाले विशेष तंत्रिका कोशिकाएं) को हेल्दी रखने के लिए जिम्मेदार होता है. जब यह जीन सही तरीके से कार्य नहीं करता, तो मोटर न्यूरॉन्स धीरे-धीरे नष्ट हो जाते हैं, जिससे मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं.

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स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी के प्रकार

टाइप 1 (Werdnig-Hoffmann disease) – यह सबसे गंभीर प्रकार होता है, जो जन्म के कुछ महीनों के भीतर नवजात शिशुओं को प्रभावित करता है.
टाइप 2 - यह बचपन में विकसित होता है, जिससे बच्चा खड़ा होने और चलने में असमर्थ हो सकता है.
टाइप 3 (Kugelberg-Welander disease) – यह हल्का प्रकार होता है,  समें व्यक्ति किशोरावस्था या वयस्क होने तक सामान्य रूप से चल सकता है, लेकिन बाद में मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं.
टाइप 4 – यह वयस्कों को प्रभावित करता है और इसके लक्षण अपेक्षाकृत हल्के होते हैं.

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी के लक्षण

  • मांसपेशियों की कमजोरी
  • चलने, बैठने और खड़े होने में कठिनाई
  • सांस लेने और निगलने में परेशानी
  • रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन (स्कोलियोसिस)
  • वजन बढ़ाने और पोषण संबंधी समस्याएं

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का इलाज

वर्तमान में SMA का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन कई मेडिकल ऑप्शन उपलब्ध हैं:

  • जीन थेरेपी (जैसे Zolgensma) SMA के मूल कारण को लक्षित करती है और SMN1 जीन की कार्यक्षमता को बहाल करने में मदद कर सकती है.
  • कुछ दवाएं भी इस डिसऑर्डर को ठीक करने के लिए दी जाती हैं.
  • लाइफस्टाइल और केयर

SMA से प्रभावित व्यक्तियों को बेहतर लाइफस्टाइल और सही देखभाल से मदद मिल सकती है.

  • बैलेंस डाइट
  • रेगुलर एक्सरसाइज और फिजियोथेरेपी
  • सांस लेने में मदद के लिए स्पेशल मेडिकल डिवाइसेज.
  • मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए परिवार और दोस्तों का सहयोग

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक गंभीर लेकिन दुर्लभ बीमारी है, जिसे सही इलाज और देखभाल से कंट्रोल किया जा सकता है. मेडिकल साइंस में प्रगति के साथ SMA से प्रभावित लोगों के लाइफ क्वालिटी में सुधार लाने के लिए नए ट्रीटमेंट ऑप्शन विकसित हो रहे हैं. अगर कोई व्यक्ति इस बीमारी से प्रभावित है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)