Painful Frozen Shoulder (Adhesive Capsulitis): फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) में कंधे की हड्डियों को बिल्कुल हिलाना-डुलाना मुश्किल हो जाता है. मेडिकल भाषा में इस समस्या को एडहेसिव कैप्सूलाइटिस (Adhesive Capsulitis) कहा जाता है. दरअसल, हमारे शरीर में हर जॉइंट (Bone Joints) के बाहर में एक कैप्सूल होता है. फ्रोजन शोल्डर की परेशानी में यही कैप्सूल स्टिफ यानी सख्त हो जाते हैं. यह दर्द धीरे-धीरे शुरू होता है और फिर पूरे कंधे को ही जाम कर लेता है. ड्राइविंग करते हुए या कंप्यूटर के सामने बैठे काम करते समय या कोई घरेलू काम करते हुए ये दर्द अचानक हो सकता है.
जानिए फ्रोजन शोल्डर क्यों होता है और क्या है इलाज | What Causes Frozen Shoulder, Cure, Treatment, Exercise
क्यों होता है फ्रोजन शोल्डर (What Causes Frozen Shoulder)
ये एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें कंधे में दर्द और कड़ापन या अकड़न आ जाती है. ये परेशानी पहले हल्के दर्द के रूप में शुरू होती है लेकिन कुछ ही दिनों के भीतर दर्द इस कदर बढ़ जाता है कि मरीज रोजमर्रा के काम भी सही ढंग से नहीं कर पाता. 40 के पार के लोग या डायबिटीज के मरीजों में इसकी संभावना अधिक होती है. कई बार अचानक से भारी वजन उठाने से या अधिक एक्सरसाइज करने से भी फ्रोजन शोल्डर हो सकता है.
दरअसल, हमारे कंधे की हड्डियों के चारों ओर टिशू होते हैं, जो उन्हें किसी तरह की चोट से बचाने का काम करते हैं. इन टिशू यानी कि ऊतकों को कैप्सूल भी कहते हैं. फ्रोजन शोल्डर की परेशानी तब आती है, जब हड्डियों के चारों तरफ ऊतकों की खोल सख्त हो जाती है और ये कंधे के जोड़ों को हिलने-डुलने में बाधा उत्पन्न करती है. लंबे समय तक बिना ब्रेक के कंप्यूटर के आगे बैठे रहने और वॉकिंग या फिर एक्सरसाइज़ के लिए समय न निकाल पाने से, या लगातार एक ही पॉश्चर में बैठे या खड़े रहने से ऐसी समस्या पैदा होती है.
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फ्रोजन शोल्डर का इलाज (What is the best treatment for frozen shoulder)
डॉक्टर एक्स-रे या एमआरआई कराने की सलाह देते हैं और फिर केस को समझते हुए इलाज करते हैं. पहले पेन किलर देकर दर्द को कम करने की कोशिश की जाती है, ताकि मरीज को तत्काल राहत मिल सके और वो कंधे को हिला-डुला सके.
दर्द कुछ कम हो जाए इसके बाद फिजियोथेरेपी शुरू होती है. इसमें हॉट और कोल्ड कंप्रेसर पैक्स भी दिया जाता है, जिससे कंधे की सूजन और दर्द में राहत मिल पाती है. वहीं कुछ मामलों में मरीज को स्टेरॉयड्स भी देने पड़ते हैं, हालांकि ऐसा अपरिहार्य हालात में ही किया जाता है, क्योंकि इससे नुकसान होने की आशंका होती है.
कभी-कभी लोकल एनेस्थीसिया देकर भी शोल्डर को मूव कराया जाता है. इसके अलावा कुछ मामलों में डॉक्टरों को सर्जरी का ऑप्शन भी अपनाना पड़ता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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