एक अध्ययन में यह पाया गया है कि लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करने से पार्किंसंस रोग का जोखिम बढ़ सकता है. एशियाई लोगों पर इन निष्कर्षों को सही साबित करने के लिए, सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी अस्पताल, दक्षिण कोरिया के शोधकर्ताओं ने 40 साल और उससे अधिक उम्र के 298,379 लोगों की जांच की, जिन्होंने 2004-2005 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य परीक्षण करवाया था. न्यूरोलॉजी क्लिनिकल प्रैक्टिस जर्नल में प्रकाशित निष्कर्षों से यह पता चला है कि जो लोग एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल नहीं करते, उनके मुकाबले जो लोग 121 दिनों से ज्यादा समय तक एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करते हैं, उन्हें पार्किंसंस रोग का खतरा 29 प्रतिशत ज्यादा होता है.
यह भी पढ़ें: सिर्फ 7 दिन तक बासी मुंह चबाएं 2 इलायची, अद्भुत फायदे कर देंगे हैरान, हफ्तेभर में दिखने लगेगा असर!
121 दिनों से ज्यादा समय तक एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन खतरनाक:
इसके अलावा, जो लोग 1 से 14 दिनों तक एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, उनकी तुलना में जो लोग 121 दिनों से ज्यादा समय तक एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करते हैं, उन्हें पार्किंसंस रोग का खतरा 37 प्रतिशत ज्यादा होता है.
शोधकर्ताओं ने कारण और तंत्र की पुष्टि के लिए और ज्यादा शोध की जरूरत जताते हुए कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं का लंबे समय तक इस्तेमाल पार्किंसंस रोग के मामलों से जुड़ा हुआ था. पार्किंसंस रोग एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो इंसान के मूवमेंट को प्रभावित करता है, जिसके कारण कंपन, कठोरता और संतुलन में दिक्कत जैसी समस्याएं होती हैं.
क्या कहते हैं डॉक्टर्स?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, हैदराबाद के डॉ. सुधीर कुमार ने एंटीबायोटिक दवाओं और पार्किंसंस रोग के बीच संबंध के पीछे आंत की भूमिका को एक संभावित कारण के रूप में बताया.
कुमार ने कहा, "एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग आंत के माइक्रोबायोटा को बदल सकता है और यह बदलाव कई सालों तक जारी रह सकता है. एंटीबायोटिक्स गट-ब्रेन एक्सिस को प्रभावित कर सकते हैं." उन्होंने यह भी कहा कि एंटीबायोटिक्स ब्रेन पर न्यूरोटॉक्सिक प्रभाव डाल सकते हैं.
यह भी पढ़ें: ब्लड सेल्स बनाने वाले इस विटामिन की कमी कर देती है शरीर को कमजोर, नाश्ते में खाएं ये चीजें, नहीं पड़ेगी दवा की जरूरत
न्यूरोलॉजिस्ट का सुझाव:
न्यूरोलॉजिस्ट ने सुझाव दिया कि लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं के संपर्क में रहने के संभावित नुकसान को देखते हुए इनका सावधानीपूर्वक उपयोग किया जाना चाहिए. पार्किंसनिज्म एंड रिलेटेड डिसऑर्डर जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में यह पाया गया कि एंटीफंगल दवाओं के दो या दो से ज्यादा कोर्स लेने से पार्किंसंस रोग का खतरा 16 प्रतिशत बढ़ जाता है.
दूसरी ओर, जिन लोगों को पेनिसिलिन एंटीबायोटिक के पांच या उससे ज्यादा कोर्स मिले, उन्हें इस बीमारी का खतरा लगभग 15 प्रतिशत कम था.
क्या आईपिल लेने के बाद कोई महिला गर्भवती हो सकती है? यहां जानें गर्भनिरोधन के बेस्ट तरीके...
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं