क्या आपने कभी सोचा है कि कई महिलाएं शादी को लेकर पुरुषों की तुलना में अधिक इच्छुक क्यों दिखाई देती हैं? यह सिर्फ़ भावनाओं का मामला नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई कारण होते हैं जैसे बायोलॉजिकल क्लॉक, सोशल प्रेशर, इमोश्नल सिक्योरिटी, फाइनेंशियल स्टेबिलिटी और मॉर्डन डेटिंग की चुनौतियों जैसे कई चीजें काम करती हैं.
बायोलॉजिकल क्लॉक और सोशल प्रेशर का असर
कई महिलाओं के लिए उनकी “बायोलॉजिकल क्लॉक” यानी फर्टिलिटी की सीमित समय-सीमा शादी और परिवार बनाने से जुड़ी सबसे बड़ी चिंता बन जाती है. उम्र बढ़ने के साथ फर्टिलिटी कम होती है, खासकर 35 साल की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी से जुड़े खतरे बढ़ जाते हैं. यही वजह है कि कई गायनोकॉलोजिस्ट 30 की उम्र में महिलाओं को ‘एग फ्रीजिंग' जैसे ऑप्शन पर विचार करने की सलाह देते हैं.
इसके साथ ही समाज में यह अपेक्षा भी रहती है कि महिलाओं को एक फिक्स उम्र तक शादी कर लेनी चाहिए. कई बार समाज में महिलाओं से बार-बार यह सवाल किया जाता है कि “कब शादी करोगी?” इससे भी महिलाओं पर काफी ज्यादा प्रेशर बढ़ जाता है.
इमोशनल सिक्योरिटी और स्टेबिलिटी की तलाश
महिलाएं अक्सर शादी को सिर्फ एक रिश्ता नहीं, बल्कि इमोशनल सपोर्ट के रूप में देखती हैं. एक हेल्दी और सपोर्टिव शादी एक महिला को मानसिक स्टेबिलिटी और आत्मविश्वास देती है. यही इमोशनल बेस कई बार परिवार बनाने और शादी करने की इच्छा को मजबूत करता है.

फाइनेंशियल स्टेबिलिटी
आज भी ज्यादातर रिश्तों में पुरुष ही ज़्यादा कमाते हैं. इसी वजह से कई महिलाओं के लिए शादी आर्थिक सुरक्षा से जुड़ जाती है. जब घर में पैसों की स्टेबिलिटी होती है, तो रिश्ता भी ज्यादा टिकाऊ महसूस होता है.
पर्सनल गोल्स और मां बनने की इच्छा
कई महिलाओं के लिए शादी एक "लाइफ माइलस्टोन" की तरह महसूस होती है. सफलता और सामाजिक मान्यता की भावना भी इससे जुड़ी होती है. इसके साथ ही मां बनने की इच्छा और परिवार बनाने का सपना भी शादी की ओर महिलाओं को प्रेरित करता है. रिसर्च बताती हैं कि शादीशुदा माता-पिता के बच्चों में स्टेबल माहौल ज्यादा होता है. जिससे बच्चे के भविष्य से जुड़ी सुरक्षा की भावना भी कई महिलाओं को शादी की ओर ले जाती है.
फैमिली और सोसाइटी का असर
महिलाएं अपने आस-पास अगर सफल शादीशुदा रिश्ते देखती हैं, तो वे भी वैसी ही स्टेबिलिटी और पार्टनरशिप की उम्मीद रखने लगती हैं. माता-पिता और रिश्तेदारों के लगातार सवाल और शादी को लेकर सामाजिक उम्मीदें भी फैसले को प्रभावित करती हैं, खासकर जब भाई-बहन या दोस्तों की शादियां होने लगती हैं.
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मॉर्डन डेटिंग की चुनौतियाँ
आज का डेटिंग माहौल महिलाओं के लिए आसान नहीं है. सही पार्टनर्स की सीमित संख्या, डेटिंग ऐप्स की मुश्किलें, धोखाधड़ी का डर और बढ़ती उम्र में ऑप्शन का कम होना, यह सब शादी की इच्छा को तेज करता है. बिना शादी के रह जाने का डर कई बार महिलाओं को जल्द फैसला लेने की ओर धकेलता है.
सोशल मीडिया और पॉप कल्चर का असर
सोशल मीडिया और फ़िल्में अक्सर शादी को फैनटसी वर्ल्ड की तरह पेश करती हैं जैसे- खूबसूरत लोकेशन, सपनों जैसी लव स्टोरी और ग्लैमरस शादियां. सेलिब्रिटी कपल्स की वायरल फोटोज और ट्रेंडिंग वेडिंग वीडियोज़ महिलाओं में एक आइडियल इमेज बना देते हैं, जिससे शादी का उत्साह बढ़ जाता है.
बदलती भूमिकाएं और मॉर्डन रिलेशनशिप का दायरा
नए दौर में महिलाएं देर से शादी कर रही हैं क्योंकि वह अपने करियर को प्रायोरिटी मानती हैं, इसके अलावा आज के समय में शादी से पहले सेक्स का चलन भी काफी ज्यादा बढ़ गया है. लेकिन कई बार इन सब में महिलाओं को धोखा मिलने के चांसेस काफी ज्यादा होते हैं जिस कारण शादी महिलाओं के लिए एक सेफ ऑप्शन के तौर पर नजर आती है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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