अक्सर जब हम ड्राई फ्रूट्स (Dry Fruits) खरीदने जाते हैं, तो सामने दो तरह की किशमिश (Kishmish) रखी होती हैं- एक चमकीली पीली (गोल्डन) और दूसरी गहरे रंग की काली. मन में सवाल आता है कि यार, इन दोनों में से सबसे ज्यादा फायदेमंद कौन सी है? इसका जवाब थोड़ा मजेदार है, क्योंकि दोनों ही सेहत को गजब फायदे पहुंचाती हैं, बस फायदे थोड़े अलग-अलग हैं.
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पीली किशमिश दिखने में सुंदर और स्वाद में मीठी
पीली या गोल्डन किशमिश को अंगूर से बनाया जाता है, लेकिन इन्हें सुखाने की प्रोसेस थोड़ी तेज होती है. इनका सुनहरा रंग बनाए रखने के लिए कभी-कभी सल्फर डाइऑक्साइड का इस्तेमाल भी होता है. ये खाने में थोड़ी ज्यादा मीठी और देखने में सुंदर लगती हैं. अगर आपको मीठा ज्यादा पसंद है, तो ये आपके लिए परफेक्ट है. इनमें फाइबर और आयरन खूब पाया जाता है.
काली किशमिश एंटीऑक्सीडेंट का पावरहाउस
अब बात करते हैं काली किशमिश की. इन्हें आमतौर पर सूरज की तेज धूप में, प्राकृतिक तरीके से सुखाया जाता है. इसी वजह से इनका रंग गहरा होता है. ये गहरा रंग दिखाता है कि इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) की मात्रा बहुत ज्यादा है. ये चीज इन्हें 'सुपर हेल्दी' बना देती है. काली किशमिश खासतौर पर शरीर में आयरन की कमी दूर करने और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जानी जाती है.
दोनो में फिर ज्यादा हेल्दी कौन
काली किशमिश (Black Raisins) एंटीऑक्सीडेंट्स के मामले में पीली किशमिश से थोड़ी आगे निकल जाती है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि पीली किशमिश बेकार है. दोनों ही शरीर को फाइबर, पोटैशियम और आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्व देती हैं.
अगर आप एंटीऑक्सीडेंट का फायदा ज्यादा लेना चाहते हैं, तो काली किशमिश चुनें. अगर थोड़ी मीठी और सुंदर वाली पसंद है, तो पीली किशमिश खाएं. बस एक बात याद रखें, चाहे कोई भी किशमिश खाएं, लिमिट में ही खाएं, तभी आपको असली फायदा मिलेगा.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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