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50 या 55 साल तक की उम्र में भी हो रहे हैं पीरियड्स? इन बातों का जरूर रखें ख्याल, एक्सपर्ट से जानिए समाधान 

Periods After 55 : महिलाओं में पीरियड्स का आना एक उम्र तक ही सीमित रहता है उसके बाद पीरियड्स आना रुक जाते हैं. इस स्थिति को मेनोपॉज कहा जाता है. ये स्थिति लगभग 50 से 55 साल की उम्र में होती है. अगर इसके बाद भी पीरियड्स आते हैं तो क्या करें?

50 या 55 साल तक की उम्र में भी हो रहे हैं पीरियड्स? इन बातों का जरूर रखें ख्याल, एक्सपर्ट से जानिए समाधान 
क्या है मेनोपॉज की सही उम्र, कब बढ़ जाती है मुश्किल

Periods After 55 : 9 से 12 साल की उम्र शुरू हुए पीरियड्स 50 से 55 साल की उम्र तक आते-आते बंद हो जाते हैं. जिसे मीनोपॉज कहा जाता है. ये एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें महिलाओं के पीरियड्स धीरे-धीरे करके रुकने लगते हैं. इस दौरान पीरियड्स का इरेगुलर होना एक सामान्य बात है. लेकिन अगर किसी महिला को 50 से 52 साल की उम्र तक पीरियड्स हो रहे हैं तो उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रही हैं FMRI की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की निदेशक, डॉ नुपुर गुप्ता.


50 से 55 साल तक पीरियड्स होने पर क्या करें (What to do if you have periods till 50 to 55 years old)


1. हर साल कराएं चेकअप : डॉ नुपुर गुप्ता के अनुसार अगर किसी महिला में पीरियड 50 साल की उम्र तक खत्म नहीं हो रहे हैं तो उन्हें हर साल अपना चेकअप करवाना चाहिए. इस दौरान आपको अपना अल्ट्रासाउंड करवाना चाहिए. ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग करवानी चाहिए. 

2. बढ़ जाता है कैंसर का खतरा : मेनोपॉज के दौरान दो तरह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, सर्वाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर. अगर पीरियड बंद नहीं होते हैं तो यूटराइन कैंसर का प्री कर्सर जिसे एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया या कैंसर इन सी टू की स्टेज कहते हैं ये स्थिति के बारे में अल्ट्रासाउंड के जरिए पता चलता है.

3. मेनोपॉज के बाद न हो पीरियड्स : मेडिकल कंडिशन के अनुसार महिलाओं में मेनोपॉज के बाद पीरियड्स नहीं होना चाहिए. कई बार लेट मेनोपॉज होता है. जिससे यूटराइन कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है. अगर मेनोपॉज के बाद पीरियड्स फिर से आ रहे हैं तो इसे पोस्ट मीनोपॉजल ब्लीडिंग कहा जाता है. जो नॉर्मल नहीं है. 

4. पोस्ट मीनोपॉजल ब्लीडिंग का कारण : पोस्ट मीनोपॉजल ब्लीडिंग के पीछे कारण है इस्ट्रोजन की कमी से यूट्रस की लाइनिंग बहुत ही थिन हो जाति है, जिसको हम एट्रॉफिक कहते हैं. इसमें नीचे का रास्ता नैरो हो जाता है. ये स्थिति तब होती है जब इंटरकोर्स या सेक्स होता है. उसकी वजह से भी ब्लीडिंग हो जाती है. इसके लिए अल्ट्रासाउंड करते हैं और इंटरनल चेकअप भी करते हैं कि ब्लीडिंग का सोर्स क्या है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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