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मिर्गी की दवा कितने समय तक चलती है? 1 दिन भी दवा छूट जाए तो क्या हो सकता है? जानें क्या कहती हैं डॉक्टर

How Long Does Epilepsy Medication : मिर्गी की दवाइयां मरीज की कंडीशन पर निर्भर करती हैं और इनके सेवन का समय डॉक्टर के जरिए बताया जाता है. दवाइयों का लगातार सेवन मिर्गी के दौरे कंट्रोल करने के लिए जरूरी है. अगर आप मिर्गी के इलाज के लिए दवाइयों का सेवन कर रहे हैं, तो इसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही जारी रखें.

मिर्गी की दवा कितने समय तक चलती है? 1 दिन भी दवा छूट जाए तो क्या हो सकता है? जानें क्या कहती हैं डॉक्टर

How Long Does Epilepsy Medication : मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है जिसमें व्यक्ति को ब्रेन में एब्नॉर्मल इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी के कारण दौरे आते हैं. यह कंडीशन किसी भी उम्र में हो सकती है. मिर्गी के दौरे व्यक्तियों के जीवन पर गहरा असर डाल सकते हैं और इससे न सिर्फ फिजिकल हेल्थ (Health) पर असर पड़ता है, बल्कि मेंटल और सोशल लाइफ में भी कई चैलेंजेस उत्पन्न होते हैं. दवाइयों का सही तरीके से सेवन करने से मिर्गी के दौरे (Mirgi ke Daure) कम हो सकते हैं और मरीज का जीवन सामान्य हो सकता है. हालांकि, यह सवाल अक्सर पूछा जाता है कि मिर्गी की दवाइयां कितने दिन तक लेनी चाहिए? क्या यह जीवन भर के लिए होती हैं? इस आर्टिकल में हम इस सवाल का जवाब जानेंगे डॉक्टर नेहा कपूर से.

मिर्गी की दवा कितने समय तक चलती है? (How Long Does Epilepsy Medication)

मिर्गी की दवा का समय  

मिर्गी की दवा का समय मरीज की कंडीशन पर निर्भर करता है. कई बार डॉक्टर मिर्गी के दौरे पूरी तरह से कंट्रोल करने के बाद दवाइयों का सेवन धीरे-धीरे बंद करने का सुझाव देते हैं. हालांकि, यह फैसला डॉक्टर ही लेते हैं, क्योंकि मिर्गी के इलाज में कई फैक्टर्स काम करते हैं, जैसे कि दौरे के प्रकार, उनकी गंभीरता और मरीज की उम्र.

मिर्गी की दवाइयां- सामान्य जानकारी  

मिर्गी के दौरे कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर एंटी-एपिलेप्टिक दवाइयों का सेवन निर्धारित करते हैं. इन दवाइयों का काम ब्रेन में उन एब्नॉर्मल वेव्स को कंट्रोल करना है, जो दौरे उत्पन्न करती हैं. दवाइयों का सेवन लगातार किया जाना चाहिए और अगर मरीज एक दिन भी दवा छोड़ देता है तो दौरे आने का खतरा बढ़ जाता है. आमतौर पर, दवाइयों कब तक चलेगी ये डॉक्टर निर्धारित करते हैं. जब तक दौरे पूरी तरह से कंट्रोल में नहीं आते, तब तक दवाइयां जारी रखी जाती हैं. एक नॉर्मल कंडीशन में, अगर मरीज को दौरे 2 साल तक नहीं आते, तो डॉक्टर दवाइयां बंद करने पर विचार करते हैं. हालांकि, यह हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है और डॉक्टर लगातार निगरानी करते हैं.

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दवाइयों का प्रभाव  

मिर्गी की दवाइयां दी जाती हैं ताकि दौरे कंट्रोल किए जा सकें. अगर मरीज दवाइयों का लगातार सेवन करता है, तो उसे दौरे आने की संभावना बहुत कम होती है. हालांकि, अगर दवाइयां मिस हो जाती हैं, तो दौरे आने का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए यह अत्यंत जरूरी है कि मरीज दवाइयों का लगातार सेवन करें.

महिलाओं के लिए मिर्गी की दवाइयों का असर 

महिलाओं के लिए मिर्गी की दवाइयां खास ध्यान देने वाली होती हैं. खासकर उन महिलाओं के लिए जिनका शादी करने का या फैमिली आगे बढ़ाने का इरादा होता है. मिर्गी की दवाइयों का असर प्रेगनेंसी पर भी पड़ सकता है. लेकिन अब एडवांस्ड मेडिकल टेक्नीक्स उपलब्ध हैं, जिनमें प्रेगनेंट महिलाओं के लिए सुरक्षित दवाइयां शामिल हैं. यह दवाइयां प्रेगनेंट महिला के लिए भी सुरक्षित होती हैं और बच्चे पर भी उनका कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है.

क्या मां से बच्चे को भी मिर्गी हो सकती है?  

मिर्गी के कारण कभी-कभी यह चिंता होती है कि अगर मां को मिर्गी है तो क्या बच्चे को भी यह समस्या हो सकती है. इसका जवाब यह है कि मिर्गी का संबंध जीन से भी हो सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं है कि अगर मां को मिर्गी है तो बच्चे को भी मिर्गी होगी. हालांकि, परिवार में मिर्गी के मामलों की हिस्ट्री होने पर बच्चे को मिर्गी होने का खतरा थोड़ा बढ़ सकता है.

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मिर्गी और प्रेगनेंसी  

अगर महिला को मिर्गी है और वह प्रेग्नेंट होने की प्लानिंग बना रही है, तो यह जरूरी है कि वह अपनी दवाइयों के बारे में डॉक्टर से चर्चा करें. डॉक्टर दवाइयों का चुनाव इस तरह से करते हैं कि महिला की गर्भावस्था और बच्चे पर कोई बुरा असर न पड़े. हालांकि, यह भी जरूरी है कि प्रेगनेंट महिला लगातार अपनी दवाइयां लें और डॉक्टर की सलाह पर सही डाइट और विटामिन सप्लीमेंट्स लें, जैसे कि फोलिक एसिड.

दवाइयों की नियमितता और हेल्थ  

मिर्गी की दवाइयां जीवन भर भी चल सकती हैं, लेकिन यह पूरी तरह से मरीज की कंडीशन पर निर्भर करता है. अगर मरीज की कंडीशन ठीक हो जाती है और डॉक्टर की निगरानी में दवाइयों का सेवन बंद कर दिया जाता है, तो जीवन की क्वालिटी बेहतर हो सकती है. हालांकि, मिर्गी की दवाइयां कभी भी अपनी इच्छा से नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि इससे दौरे आ सकते हैं, जो गंभीर हो सकते हैं.
 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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