विज्ञापन

Stages of Menstrual Cycle: कमजोर ही नहीं करते पीरियड्स, मेंस्ट्रुअल साइकिल में मिलती हैं ये 4 सुपर पॉवर भी, जानें क्या है राज

डायटीशियन मनीषा मेहता ने इन बदलावों पर बात करते हुए एक वीडियो अपने इंस्टाग्राम पेज से शेयर किया है. वीडियो में मनीषा साइकिल के चारों स्टेज में मानसिक स्तर पर होने वाले बदलाव के बारे में बात कर रही है.

Stages of Menstrual Cycle: कमजोर ही नहीं करते पीरियड्स, मेंस्ट्रुअल साइकिल में मिलती हैं ये 4 सुपर पॉवर भी, जानें क्या है राज
Stages of menstrual cycle: मेंस्ट्रुअल साइकिल के 4 फेज के बारे में जानिए.

Phase of Menstrual Cycle and Super Powers : बॉलीवुड एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में पीरियड को लेकर बातचीत की थी. इंटरव्यू में जाह्नवी ने बताया था कि शुरुआती साल में हर महीने पीरियड के दौरान वह अपने बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप कर लेती थीं. वहीं पीरियड खत्म होने के बाद खुद जाकर सॉरी बोलती थी. पीरियड के दौरान मूड स्विंग्स होना काफी नेचुरल है. रिसर्च के मुताबिक, हर मेंस्ट्रुअल साइकिल के बाद महिलाओं के ब्रेन केमिस्ट्री में करीब 25 प्रतिशत बदलाव होता है. डायटीशियन मनीषा मेहता ने इन बदलावों पर बात करते हुए एक वीडियो अपने इंस्टाग्राम पेज से शेयर किया है. वीडियो में मनीषा साइकिल के चारों स्टेज में मानसिक स्तर पर होने वाले बदलाव के बारे में बात कर रही है.

मेंस्ट्रुअल साइकिल के चार स्टेज (Does your period cycle give you superpowers)

कई महिलाओं के लिए मेंस्ट्रुअल साइकिल किसी जंग से कम नहीं होता है. ऐसी महिलाएं हर दूसरे दिन किसी नए परेशानी से दो-चार होती रहती हैं. वे मानसिक और भावनात्मक तौर पर काफी थक जाती हैं. लेकिन ऐसा तभी होता है जब आप मेंस्ट्रुअल साइकिल के हर फेज के ब्रेन केमिस्ट्री में होने वाले बदलाव से कुछ विपरीत करने की कोशिश करती हैं. वहीं हर वीक में होने वाले बदलाव के साथ तालमेल बिठाकर आप ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्टिव रह सकती हैं.

डायटीशियन मनीषा मेहता बताती हैं कि मेंस्ट्रुअल साइकिल के चारों फेज - फॉलिक्युलर, ओव्यूलेशन, ल्यूटियल और मेंस्ट्रुएशन फेज हमारे मस्तिष्क पर अलग-अलग प्रभाव डालते हैं. ये बदलाव निगेटिव नहीं होते हैं बल्कि हर स्टेज हमें एक प्रकार का सुपर पॉवर देते हैं. वहीं जब हम अपने लाइफस्टाइल और खानपान को इन अलग-अलग फेज के बदलावों के साथ सिंक में नहीं रहते हैं तो हमारा मूड और इमोशनल बैलेंस नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं.

1. फॉलिक्युलर फेज - पीरियड के तुरंत बाद के पहले सप्ताह को फॉलिक्युलर वीक या फॉलिक्युलर फेज कहा जाता है. इस फेज में महिलाएं आंतरिक मोटिवेशन से भरपूर होती हैं. मानसिक स्तर पर होने वाले इस बदलाव को समझकर आप अपनी क्षमता का पूरा फायदा उठा सकते हैं.

2. ओव्यूलेशन फेज - फॉलिक्युलर वीक के बाद के हफ्ते को ओव्यूलेशन फेज कहा जाता है. इस फेज में भी ब्रेन केमिस्ट्री में बदलाव आता है. अगर आप सोशल स्तर पर कम एक्टिव रहती हैं तो इस फेज का फायदा उठा सकती हैं. इस हफ्ते में सामाजिक उत्साह चरम पर रहता है.


3. ल्यूटियल फेज - ओव्यूलेशन फेज के बाद और पीरियड से तुरंत पहले वाले हफ्ते को ल्यूटियल फेज या ल्यूटियल वीक कहा जाता है. इस फेज में आंतरिक स्तर पर फोकस सबसे ज्यादा रहता है.

4. मेंस्ट्रुएशन फेज - मेंस्ट्रुअल साइकिल के फाइनल स्टेज यानि पीरियड वाले हफ्ते में इंट्यूशन का स्तर सबसे अधिक होता है. इन सभी स्टेज में होने वाले बदलाव का अधिकतम फायदा उठाने के लिए हर हफ्ते मिलने वाले सुपर पॉवर के मुताबिक फूड, लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज का तालमेल बिठाएं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com