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दिल्ली की प्रदूषित हवा के बीच कैसे करें योग? जानिए किस प्राणायाम की मदद से हेल्दी ब्रीदिंग होगी आसान

Yoga To Protect From Air Pollution: प्रदूषण समय पर सलाह दी जाती है कि ऐसे योग न करें जिसे करने से बहुत ज्यादा पसीना बहे और न ही ऐसे योग करें, जिसे करने में मुंह से सांस लेनी पड़े, तो प्रदूषण के दौरान कौन से प्रणायाम करने की सलाह दी जाती है, जानिए...

Yoga in Polluted Air: देश की राजधानी दिल्ली का प्रदूषण से बुरा हाल है.

Pranayama During Pollution: देश की राजधानी दिल्ली का प्रदूषण से बुरा हाल है. हवा का हाल ये है कि इस पार से उस पार देख पाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में वो लोग भी काफी परेशान हैं जो रोज योगा करते हैं. वो लोग इस कंफ्यूजन में हैं कि वो अपनी योगा प्रेक्टिस को कंटिन्यू करें या कुछ दिन के लिए रोक दें. कुछ लोग अब घरों के अंदर ही योग कर रहे हैं. कुछ लोग खिड़कियां बंद करके एयर प्यूरीफायर चला रहे हैं. ऐसे माहौल में किस तरह का योग करना ज्यादा बेहतर होगा. ऐसे समय पर सलाह दी जाती है कि ऐसे योग न करें जिसे करने से बहुत ज्यादा पसीना बहे और न ही ऐसे योग करें, जिसे करने में मुंह से सांस लेनी पड़े. जैसे शीतली या फिर शीतकारी प्राणायाम.

प्रदूषण से बचाव के लिए करें ये प्राणायाम | Do This Pranayam To Protect Yourself From Pollution

1. नाड़ीशोधन

इस प्राणायाम को ऑल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीदिंग भी कहा जाता है. इस प्राणायाम को करने के लिए तन कर बैठ जाएं. अपने लेफ्ट हाथ की हथेली को घुटने पर रखें और राइट हैंड नाक के पास रखें. अब एक तरफ की नॉस्ट्रिल को बंद करें और दूसरी से सांस लें. फिर दूसरे से सांस छोड़ें और सांस लें. इसे आप पांच मिनट तक कर सकते हैं या कम से कम नौ बार करें.

2. भस्त्रिका

ये एक पावरफुल प्राणायाम है. जिसमें जोर से सांस ली जाती है और छोड़ी जाती है. जिससे रक्त का संचार सुचारू रूप से होता है. इस प्राणायाम को करने के लिए तन कर बैठ जाएं. मुट्ठी बांध कर हाथ कंधे पर रखें और गहरी सांस लें और फिर सांस को छोड़ते हुए हाथ ऊपर ले जाएं. इस प्राणायाम की बीस साइकिल एक बार में करें.

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3. कपालभाति

कपालभाति शरीर को ऊर्जा से भर देने वाला प्राणायाम माना जाता है. जो एब्डोमिनल मसल्स को भी मजबूत बनाता है. इस प्राणायाम में एक गहरी सांस ली जाती है. फिर उस सांस को फोर्सफुल एक्जेलेशन के साथ छोड़ा जाता है. शुरुआत में करीब बीस बार में सांस छोड़नी चाहिए. धीरे धीरे इसकी संख्या बढ़ाई जाती है.

4. सूक्ष्म प्राणायाम

इसके नाम से ही जाहिर है. इस प्राणायाम में धीरे धीरे सांस लेते है और धीरे धीरे ही छोड़ते हैं. ताकि शरीर को हल्का सा स्ट्रेच महसूस हो.

5. आईब्रो पिंचेस

माथे का टेंशन रिलीज करने के लिए अपनी आइब्रो को धीरे धीरे पिंच करना चाहिए. अंगूठे और इंडेक्स फिंगर की मदद से ऐसा करें.

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6. आई रोल

आई पिंच के बाद आंखों को पहले क्लॉकवाइज घुमाएं और फिर एंटी क्लॉक वाइज घुमाएं. ये एक्सरसाइज आंखों को हेल्दी रखने में मदद करती है.

7. आई स्क्विच

अपने विजन को बेहतर बनाने के लिए आंख को खोलना और बंद करना है. पहले एक आंख को बंद करें और फिर दूसरी. इसे 2 से 3 बार दोहराएं.

8. इयर पुलिंग

अपने कानों को पकड़ें. फिर दस से पंद्रह सेकंड के लिए उसे हल्के से खींच कर रखें. फिर उन्हें रोटेट करें. नियमित करने से फायदा हो सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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