
Jiddi bache ko kaise sudhare: माता- पिता बनना सबसे बड़ी सौभाग्य की बात है, लेकिन जैसे- जैसे बच्चे बड़े होते हैं, उनकी परवरिश के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. बढ़ती उम्र के साथ बच्चे नखरेबाज, जिद्दी (Jiddi Bachcha) और चिड़चिड़े हो जाते हैं, ऐसे में कई बार माता- पिता टेंशन में आ जाते हैं, जिसका सीधा असर बच्चों की परवरिश पर पड़ता है. हालांकि कई मामले में बच्चे माता- पिता की ओर से की गई गलतियों के कारण या उनके बिहेवियर को देखते हुए बच्चे जिद्दी और चिड़चिड़े (Chidchida bachcha) हो जाते हैं और रोने लगते हैं. बता दें, बच्चे जो भी कुछ शुरुआत से देखते हुए उन्हें जल्दी सीखने की कोशिश करते हैं. ऐसे में जानते हैं कि कैसे जिद्दी बच्चों को शांत किया (Jiddi bachche ko kaise sudhare) जा सकता है और बच्चों को संभालने का सही तरीका क्या है.
जिद्दी बच्चों को इस तरह करें शांत करें | Calm down stubborn children in this way| Ziddi Bacho Ko Is Tarah Kare Shant
- अगर आपका बच्चा किसी चीज के लिए रो रहा है और लगातार जिद कर रहा है, तो उसकी डिमांड डायरेक्ट पूरी करने से बचें और इस समय बच्चे को प्यार से ट्रीट करते हुए उनसे बातचीत करें. बता दें, इस समय बच्चा चीज के लिए आपकी हर एक बात सुन सकता है.
- अगर आपका बच्चा किसी चीज को लेकर जिद कर रहा है, तो ऐसी स्थिति में मारने की कोशिश न करें, ऐसा करने से बच्चा और ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाएगा. जिसके बाद और अधिक चीखने- चिल्लाने लगेगा. इसलिए इस समय बच्चे के साथ प्यार से ही पेश आएं.
- जब भी बच्चा रोते- रोते आपसे कुछ चीज मांगे या कुछ बात बताने की कोशिश करें, तो उसे डांटने की बजाय बच्चे की पूरी बात ध्यान से सुनें, कि आखिर बच्चा चाहता क्या है. ऐसा करने से बच्चे को महसूस होगा कि कोई है जो उनकी बात को सुनता है. पूरी बात सुनने के बाद आप बच्चे को प्यार से समझा सकते हैं.
- अगर आपका बच्चा जरूरत से ज्यादा चिड़चिड़ा और जिद्दी है, तो सबसे पहले माता- पिता होने के नाते इस बात को जानने की कोशिश करें कि आपका बच्चा इतना चिड़चिड़ा क्यों हो गया है. अगर चिड़चिड़ापन और जिद्दी होने का कारण मोबाइल है, तो बच्चों को कम से कम मोबाइल दिखाने की कोशिश करें और उसकी आउटडोर एक्टिविटी को बढ़ा दें.

- माता- पिता होने के नाते इस बात का ध्यान रखें कि अगर बच्चे मोबाइल देखते हैं तो वह उसमें किस तरह का कंटेंट देख रहे हैं, क्योंकि अक्सर देखा गया है कि बच्चे यूट्यूब या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ ऐसे वीडियो देख लेते हैं, जिसमें बच्चे जिद करते हुए अपनी हर एक डिमांड पूरी करवा लेते हैं, ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि ज्यादातर बच्चे वीडियो से प्रभावित होकर जिद्दी और चिड़चिड़े बन रहे हैं।
- एक माता- पिता के तौर पर अगर आप चाहते हैं, कि बच्चे जिद्दी और चिड़चिड़े न हों, तो सबसे पहले आपको अपने भीतर भी सुधार लाना होगा. ऐसे में कभी भी दूसरों के सामने अपने बच्चे पर न चिल्लाए और न ही बच्चे के सामने तेज आवाज में बात करें. बता दें, गुस्से में या तेज आवाज में बात करने से बच्चे के मन में डर पैदा हो सकता है और इसी के साथ वह आपकी इस आदत को अपना सकता है.
- अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा हंसता और खेलता रहे हैं, तो सबसे पहले बच्चे को वक्त देना शुरू कीजिए और बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए नियम बनाएं. साथ ही बच्चे को पार्क लेकर जाएं और उनके साथ खूब खेलें. वहीं खेल- खेल में बच्चों को अच्छी बातों के बारे में भी बताएं. बता दें, हो सके तो बच्चे का स्क्रीन टाइम कम दें, ताकि बच्चे का अन्य एक्टिविटी में मन लगा रहे.
- पेरेंट्स को अपने घर का माहौल पॉजिटिव रखने की सलाह दी जाती है. इसी के साथ बच्चे के सामने कभी न लड़ाई न करें और एक दूसरे को अपशब्द बोलने की भूल न करें. ये कुछ जरूरी बातें है, जो हर माता- पिता को ध्यान में रखनी चाहिए.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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