Home Remedies For Eye Irritation: अगर आप लगातार आंखों की रेडनेस, जलन या आंखों की ड्राईनेस का अनुभव करते हैं, तो आप आई सिंड्रोम से पीड़ित हो सकते हैं. कई पर्यावरणीय और लाइफस्टाइल फैक्टर बच्चों और युवाओं में आंखों के ड्राई होने की घटनाओं को बढ़ा रहे हैं. ड्राई आई सिंड्रोम तब होता है जब टिअर ग्लैंड्स आंखों को लुब्रिकेट करने में असमर्थ होती हैं, जिससे परेशानी और दर्द हो सकता है. आंखों में नमी की कमी वातानुकूलित स्थानों में रहने, लंबे समय तक कंप्यूटर स्क्रीन पर काम करने, खराब रोशनी, या ऐसी गतिविधियों को करने से हो सकती है जो एकाग्रता की मांग करती हैं. इसके अलावा, कुछ चिकित्सीय स्थितियां, हार्मोनल असंतुलन, एलर्जी और उम्र बढ़ने से भी आंखें ड्राई हो सकती हैं. हालांकि आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय के साथ-साथ आंखों की रेडनेस से छुटकारा पाने के उपाय तक कई तरीके हैं जिनसे अपनी आंखों की देखभाल की जा सकती है.
आंखों की ड्राईनेस से निपटने के प्राकृतिक तरीके | Natural Ways To Deal With Eye Dryness
1. हाइड्रेटेड रहना
सादा पानी पीना सबसे अच्छा है. हाइड्रेटेड रहने से प्राकृतिक आंसू और तेल की एक स्वस्थ मात्रा का उत्पादन करने में मदद मिलती है. जबकि डिहाइड्रेशन ड्राई और आंखों में जलन हो सकती है. ऐसे ड्रिंक्स का सेवन सीमित करें जो शरीर को डिहाइड्रेट करती हैं, जैसे कि कॉफी, शराब, या अन्य कैफीनयुक्त पेय. आंखों की ड्राईनेस को रोकने के लिए तरबूज, आड़ू, खीरा, स्ट्रॉबेरी आदि जैसे पानी से भरपूर फलों का सेवन भी बढ़ा सकते हैं.
2. फैटी एसिड का सेवन करें
डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स को शामिल करने से आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सकती है, क्योंकि वे आंखों की ऑयल फिल्म में सुधार करते हैं और इस प्रकार स्नेहन को बढ़ाते हैं. कई अध्ययनों के अनुसार, पर्याप्त मात्रा में आवश्यक फैटी एसिड का सेवन ड्राई आई सिंड्रोम से पीड़ित होने के जोखिम को कम करता है. ओमेगा -3 से भरपूर कुछ फूड्स में अलसी, अंडे, चिया बीज, वसायुक्त मछली, अखरोट, अंडे आदि शामिल हैं.
3. ब्लिंकिंग का अभ्यास करें
बार-बार पलक झपकना टिअर फिल्म की स्थिरता को बनाए रख सकता है और आंखों की ड्राईनेस से राहत दिला सकता है. पलकें झपकाने से आंखों को प्रोटीन युक्त पोषक तत्वों से नम करने और जलीय परत के वाष्पीकरण को कम करने में मदद मिल सकती है. आदर्श रूप से, प्रति मिनट 15-30 बार पलकें झपकानी चाहिए. ड्राई आई सिंड्रोम से राहत पाने के लिए मॉनिटर पर काम करते समय हर 20 मिनट में, सही ढंग से पलक झपकने के बारे में जागरूक रहें और अपनी आंखों को 20 सेकंड के लिए आराम दें.
4. अपनी आंखें धोएं
अगर आप हर दिन आंखों का मेकअप करती हैं, तो अपनी पलकें और पलकों के आसपास की त्वचा को माइल्ड सोप से साफ कर सकते हैं. आंखों को धोने के बाद एक साफ वॉशक्लॉथ को गर्म पानी से गीला करें और कम से कम एक मिनट के लिए आंखों पर रखें. कंप्रेसर से निकलने वाली गर्मी ग्रंथियों में बंद तेल को ढीला करने और सूजन को कम करने में मदद करती है, जिससे आपकी आंखें बेहतर महसूस कर सकती हैं और जलन कम हो सकती है.
5. बाहर धूप का चश्मा पहनें
धूल, धुएं और प्रदूषकों के लंबे समय तक संपर्क में रहने से आंखें शुष्क हो सकती हैं. इसलिए, रैपराउंड धूप का चश्मा पहनें जो मलबे से आंखों के संपर्क को कम करते हैं और आंखों को सूखने से रोकते हैं. इसके अलावा, चश्मा आंखों को सूरज की हानिकारक यूवी प्रकाश से भी रोकता है जो कॉर्निया, लेंस और रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है और मैकुलर डिजनरेशन के जोखिम को कम करता है.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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