Teacher's Health: टीचर्स होना आसान काम नहीं है क्योंकि, टीचर्स का काम है दिन भर खड़े होकर बच्चों को पढ़ाना. कभी बोर्ड पर लिखने के लिए, कभी बच्चों को कुछ भी एक्सप्लेन करने के लिए, कभी बतौर इंविजीलेटर टीचर्स को बच्चों के बीच रहना पड़ता है. उनकी नौकरी का अधिकांश समय खड़े खड़े ही बीत जाता है. जिसका असर टीचर्स के पैरों पर पड़ता है. इस जॉब प्रोफाइल की वजह से अक्सर टीचर्स के पैरों में तकलीफ होने लगती है. पैरों में वेरिकोज वैन्स डेवलेप होने का खतरा भी बढ़ जाता है. इसकी वजह से पैरों पर लगातार प्रेशर पड़ता है. क्या होती है ये परेशानी और टीचर्स के लिए ये जानना क्यों है जरूरी. इन्हीं सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल.
कैसे बनती है वैरिकोज वेन्स? Varicose Veins:
हमारे पैरों की वेन्स में वन वे वॉल्व होता है. जो ब्लड फ्लो को बैकवर्ड में जाने से रोकता है. जब ये वन वे वॉल्व ठीक से काम नहीं करते तो वेन्स के अंदर प्रेशर बढ़ने लगता है. जिसकी वजह से वेन्स एनलार्ज होने लगती हैं और वैरिकोज वेन्स बनती है.
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टीचर्स को रिस्क ज्यादा क्यों? Risk Of Varicose Veins:
बहुत ज्यादा देर तक खड़े रहने की वजह से सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. ज्यादा देर तक खड़े रहना और खासतौर से एक ही जगह पर खड़े रहने से बैक पेन, फिजिकल फटीग, मसल पेन, लेग स्वेलिंग और टायर्डनेस होने लगती है और वैरिकोज वेन्स डेवलेप होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
कैसे करें लेग और वेन की हेल्थ मजबूत? How To Strengthen Leg And Vein Health?
1. चलते फिरते रहें-
एक ही जगह पर खड़े रहने की जगह क्लास में चलते फिरते रहें. इससे ब्लड सर्कुलेशन बना रहता है. जब भी पैरों को आराम देने का मौका मिले, उस मौके को चूके नहीं. रेगुलर रूप से एक्सरसाइज करने की आदत भी डालें.
2. हेल्दी वेट मेंटेन रखें-
टीचर्स को कोशिश करनी चाहिए कि उनका हेल्दी वेट भी बना रहे. वजन अगर ज्यादा बढ़ा तो पैरो पर भी वजन ज्यादा बढ़ेगा. जिससे वैरिकोज वेन्स जल्दी बन सकती हैं. वजन हाइट के अनुसार सही होगा तो पैरों पर पड़ने वाला प्रेशर कम होगा.
3. पैरों को थोड़ा ऊपर रखें-
रात में सोते समय या जब भी बैठे पैरों को सीधा रखें और थोड़ा ऊपर रखें. सोते समय चाहें तो पैरों की तरफ तकिया रख लें या एक तरफ से पलंग को ऊपर उठा लें. इससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक होगा. और नसों के वॉल्व पर कम प्रेशर पड़ेगा.
4. सही फुटवियर चुनें-
चूंकि टीचर्स के पैरों पर हमेशा ही ज्यादा वजन रहता है. इसलिए सही फुटवेयर भी चुनना चाहिए. फुटवियर ऐसा होना चाहिए जो पैरों में ज्यादा टाइट न हो. जिसका सोल कंफर्टेबल हो.
वैरिकोज वेन्स के कॉम्प्लिकेशन?
वैरिकोज वेन्स बढ़ती हैं तो कुछ और भी परेशानियां होने लगती हैं. इसकी वजह से पैरों की नसों में स्वेलिंग हो जाती है. ब्लीडिंग हो सकती है. ब्लड क्लॉट्स हो सकते हैं कई बार लेग अल्सर की भी नौबत आ जाती है.
वैरिकोज वेन्स के लक्षण-
वैरिकोज वेन्स होने पर पैरों की स्किन के नीचे बड़ी नसें दिखने लगती हैं. पैरों में दर्द और भारीपन लगता है. पैर के निचले हिस्से पर खुजली हो सकती है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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