विज्ञापन

फलियों और दालों को फर्मेंट करने से बढ़ सकते हैं उनके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी डायबिटीज गुण : स्टडी

अध्ययन में टीम ने काली बीन्स, काली आंखों वाले मटर, हरी मटर, लाल दाल और पिंटो बीन आटे की अलग-अलग सांद्रता से प्राप्त दालों को फर्मेंट किया. फर्मेंटेड सूक्ष्मजीवों के रूप में बैक्टीरिया लैक्टिप्लांटिबैसिलस प्लांटारम 299वी का उपयोग करके किया गया था.

फलियों और दालों को फर्मेंट करने से बढ़ सकते हैं उनके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी डायबिटीज गुण : स्टडी
Fermented Beans: फर्मेंशन से एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी 83 प्रतिशत तक बढ़ गई.

क्या आपको दालें और फलियां खाना पसंद है? एक अध्ययन के अनुसार उन्हें फर्मेन्टिंग करने से उनके एंटीऑक्सीडेंट को बढ़ाने में मदद मिल सकती है, साथ ही डायबिटीज से लड़ने की उनकी क्षमता भी बढ़ सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस अर्बाना-शैंपेन, यूएस के फूड वैज्ञानिकों ने दालों के लिए बेहतरीन फर्मेंटेड स्थितियों की पहचान की है - दालों के सूखे बीज - जो उनके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी डायबिटिक गुणों और उनके घुलनशील प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाते हैं. अध्ययन में टीम ने काली बीन्स, काली आंखों वाले मटर, हरी मटर, लाल दाल और पिंटो बीन आटे की अलग-अलग सांद्रता से प्राप्त दालों को फर्मेंट किया. फर्मेंटेड सूक्ष्मजीवों के रूप में बैक्टीरिया लैक्टिप्लांटिबैसिलस प्लांटारम 299वी का उपयोग करके किया गया था.

फर्मेंशन से घुलनशील प्रोटीन की मात्रा भी बढ़ी

रिजल्ट से पता चला कि एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी 83 प्रतिशत तक बढ़ गई और टाइप 2 डायबिटी मार्करों को रेगुलेशन करने की उनकी क्षमता 70 प्रतिशत तक बढ़ गई. फर्मेंशन ने इन फूड्स में घुलनशील प्रोटीन की मात्रा भी बढ़ा दी. लाल दाल और हरी मटर ने एंटीऑक्सीडेंट स्कैवेंजिंग एक्टिविटी और प्रोटीन घुलनशीलता में सबसे ज्यादा सुधार दिखाया. इनसे इंसुलिन मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने वाले दो एंजाइमों का सबसे बड़ा मॉड्यूलेशन भी प्रदर्शित हुआ.

यह भी पढ़ें: गर्मियों में आपको सब्जा सीड्स क्यों जरूर खाने चाहिए? जानिए 5 बड़े कारण और सेवन करने का बेस्ट तरीका

विश्वविद्यालय में स्नातक छात्र और प्रथम लेखक एंड्रिया जिमेना वाल्डेस-अल्वाराडो ने बताया, एलपी299वी एक प्रोबायोटिक स्ट्रेन है "जिसमें ऐसे सूक्ष्मजीव होते हैं जो गट हेल्थ को सपोर्ट करते हैं."

"किण्वन के बाद, यह पाचन प्रक्रिया में रहता है. यह न केवल आपके द्वारा उपभोग किए जा रहे फर्मेंटेड प्रोडक्ट्स को संरक्षित करेगा, बल्कि यह इन पेप्टाइड्स या अमीनो एसिड का उत्पादन भी करेगा जो दालों में मौजूद प्रोटीन की तुलना में ज्यादा आसानी से अवशोषित होते हैं," वाल्डेस-अल्वाराडो ने कहा. टीम ने एंटीऑक्सीडेंट्स पत्रिका में प्रकाशित शोधपत्र में कहा कि इसके अलावा, एलपी299वी को सूजन को कम करने, इम्यूनिटी को बढ़ावा देने और आयरन अवशोषण को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है.

विश्वविद्यालय की फूड विज्ञान की प्रोफेसर एल्विरा गोंजालेज डी मेजिया ने कहा, "इन दालों में 18 से 25 प्रतिशत तक अच्छी क्वालिटी वाले प्रोटीन होते हैं, जिनका इस्तेमाल अकेले या अन्य फूड प्रोडक्ट्स में सामग्री के रूप में किया जा सकता है. हमें प्रोपर प्रोसेसिंग कंडीशन को खोजने और डेली बेवरेज फॉर फूड इंडस्ट्री या मांस के विकल्प के रूप में इनका उपयोग करने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है."

Watch Video: वजन कम करने का सही तरीका, उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए, डॉक्टर से जानें

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com