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Health Explainer: जानलेवा है पेट से जुड़ी ये बीमारी, समय पर नहीं कराया इलाज, तो बन सकती है जानलेवा

Symptoms of peritonitis: पेरिटोनिटिस बेहद खतरनाक और जानलेवा बीमारी है. इसमें पेट की दीवार की अंदरूनी पेरिटोनियम में सूजन की समस्या हो जाती है, लेकिन इस बीमारी के होने पर घबराना नहीं है, बल्कि इसका तुरंत इलाज करवाना है.

Health Explainer: जानलेवा है पेट से जुड़ी ये बीमारी, समय पर नहीं कराया इलाज, तो बन सकती है जानलेवा
क्या है पेट से जुड़ी जानलेवा बीमारी पेरिटोनिटिस? जानें इसके कारण

What is peritonitis: पेट संबंधी बीमारियां शारीरिक विकास में बाधा बनती हैं. पेट में गैस और पाचन तंत्र की समस्या सबसे आम समस्या है. वहीं, पेरिटोनिटिस (Peritonitis) पेट से जुड़ी एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जो जानलेवा है. पेरिटोनिटिस बीमारी क्या है, इसके लक्षण और कारण क्या है, इसका इलाज कैसे होगा, इस बीमारी में किन-किन बातों का ध्यान रखना है, इस बीमारी में आने वाली जटिलताएं क्या हैं, पेरिटोनिटिस की स्थिति का कैसे पता लगाएं और  डॉक्टर से कब संपर्क करें? इन सब बातों को हम इस लेख में बताने जा रहे हैं.

क्या है पेरिटोनिटिस बीमारी? (What is Peritonitis?)

पेरिटोनिटिस बेहद खतरनाक और जानलेवा बीमारी है. इसमें पेट की दीवार की अंदरूनी पेरिटोनियम में सूजन की समस्या हो जाती है, लेकिन इस बीमारी के होने पर घबराना नहीं है, बल्कि इसका तुरंत इलाज करवाना है. अगर इसका इलाज समय पर नहीं करवाया गया तो संक्रमण बढ़ता जाता है और फिर यह संक्रमण धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है. आइए जानते हैं, पेरिटोनिटिस होने के क्या कारण हैं?

पेरिटोनिटिस के कारण क्या हैं? (What causes peritonitis?)

पेरिटोनिटिस का सबसे बड़ा कारण पेट में बैक्टीरियल संक्रमण होता है. पेरिटोनिटिस दो प्रकार के होते हैं. पहला स्पॉन्टेनियस बैक्टीरियल पेरिटोनिटिस (SBP) यह उस स्थिति में होता है, जब पेरिटोनियल गुहा में तरल पदार्थ से संक्रमण फैलता है. पेरिटोनिटिस किडनी और लिवर के फेल होने से भी होता है. दूसरा यह है कि पेरिटोनिटिस पाचन तंत्र में खराबी और उसमें फैले संक्रमण के कारण होता है.

पेरिटोनिटिस के अन्य कारण :

  • पेट में चोट या घाव होना
  • फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण
  • आंत, पित्ताशय, गर्भाशय या मूत्राशय में छेद होना
  • पेट या बृहदान्त्र में छेद होना
  • ट्रामा, जिसमें चोट के कारण शरीर के बैक्टीरिया उदर गुहा में जाने से पेरिटोनिटिस हो सकता है.
  • आखिरी स्टेज की किडनी की बीमारी (पेरिटोनियल डायलिसिस) के इलाज के दौरान हुए संक्रमण
  • लास्ट स्टेज के यकृत रोग (सिरोसिस) से पेट में तरल पदार्थ का संक्रमण
  • महिलाओं में पेल्विक सूजन की बीमारी होना
  • सर्जरी (यदि सर्जरी के दौरान बैक्टीरिया पेट में प्रवेश कर जाता है)

पेरिटोनिटिस के लक्षण क्या हैं? (What are symptoms of peritonitis?)

पेरिटोनिटिस में प्रत्येक व्यक्ति के लक्षण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • पेट में गंभीर दर्द, जो कि जरा सी हलचल से भी बढ़ जाता है.
  • मतली और उल्टी
  • बुखार
  • पेट में दर्द या सूजन
  • पेट में तरल पदार्थ का बढ़ना
  • मल त्याग करने या गैस पास करने में तकलीफ होना
  • सामान्य से कम पेशाब आना
  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • बीपी लो होना और सदमा
  • पेट फूलना, दस्त, कब्ज
  • भूख ना लगना और ज्यादा प्यास लगना
  •  थकान और ठंड लगना

पेरिटोनिटिस का निदान कैसे किया जाता है? (How is peritonitis diagnosed?)

यदि पेरिटोनिटिस के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. पेरिटोनिटिस के इलाज में देरी होने से जान जाने का खतरा बढ़ सकता है. पेरिटोनिटिस के निदान में डॉक्टर पहले मेडिकल हिस्ट्री चेक करते हैं और फिर कुछ फिजिकल टेस्ट करते हैं. इस कंडीशन में डॉक्टर सबसे पहले पेट को दबाकर चेक करते हैं, दर्द कितना तेज है यह पता कर सकें. इसके बाद डॉक्टर कुछ टेस्ट की सलाह देते हैं.

एक्स-रे:  पेरिटोनिटिस में पेट का एक्स-रे किया जाता है, जिससे शरीर के ऊतकों, हड्डियों और अंगों का परीक्षण होता है.
सीटी स्कैन: इस परीक्षण टेस्ट में एक्स-रे और कंप्यूटर की मदद से शरीर की अंदरूनी तस्वीर निकाली जाती है. सीटी स्कैन शरीर के हर अंग को कैप्चर करता है, जिसमें हड्डी, मांसपेशियां, फैट और कई अंग शामिल होते हैं. स्टैंडर्ड एक्स-रे की तुलना में सीटी स्कैन शारीरिक डिटेल देने में ज्यादा सक्षम होता है.
एमआरआई:  एक्स-रे और सीटी स्कैन से भी ज्यादा एडवांस एमआरआई में शरीर के अंदर की बीमारियों को पता लगाने के लिए रेडियो वेव का इस्तेमाल किया जाता है.
सर्जरी: बहुत ही ज्यादा गंभीर स्थिति में संक्रमण को जांचने और उसे खत्म करने के लिए सर्जरी का सहारा लिया जाता है.  

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पेरिटोनिटिस का इलाज कैसे किया जाता है? (How is peritonitis treated?)

  • पेरिटोनिटिस की स्थिति में तुरंत मेडिकल चेकअप कराएं, क्योंकि पेरिटोनिटिस एक गंभीर बीमारी है, जो कई समस्याएं खड़ी कर सकती है.
  • सबसे पहले अस्पताल में भर्ती किया जाता है और फिर पेरिटोनिटिस रोगी को IV(इंट्रावेनस) दिया जाता है, यह एक तरह की एंटीबायोटिक दवाइयां हैं, जो संक्रमण को रोकने का काम करती हैं.
  • अगर कोई ऑर्गन फेल है, तो फिर इस बीमारी में डॉक्टर इलाज का दूसरा तरीका अपनाते हैं.
  • इसके अलावा पेरिटोनिटिस पीड़ित की इमरजेंसी सर्जरी करनी पड़ती है, जिससे संक्रमण का पता लगा उसे खत्म किया जाता है. ऐसा तब किया जाता है जब संक्रमण अन्य स्थितियों के कारण होता है, जैसे कि....
  • अपेंडिक्स में लालपन और सूजन होना
  • पेट या आंत में खुला घाव (छिद्रित पेप्टिक अल्सर)
  • बृहदान्त्र में छोटी थैलियों में सूजन (डायवर्टीकुलिटिस)

पेरिटोनिटिस की संभावित जटिलताएं क्या हैं? (What are possible complications of peritonitis?)

  • पेरिटोनिटिस का समय पर इलाज नहीं करवाया तो यह शरीर में कई समस्याओं को बढ़ा सकता है.
  • पेरिटोनिटिस से संक्रमित तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ती जाएगी, जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है.
  • पेरिटोनिटिस के इलाज में देरी से यह रोग पूरे शरीर में फैलता चला जाएगा और इससे आपके संक्रमण से लड़ने वाले तंत्र (इम्यून सिस्टम) में अत्यधिक प्रतिक्रिया हो सकती है जिसे सेप्सिस कहा जाता है.
  • सेप्सिस तेजी से बढ़ने वाली एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है. ऐसा तब होता है, जब संक्रमण से लड़ने के लिए आपके रक्त प्रवाह में भेजे गए रसायन आपके शरीर में सूजन का कारण बनते हैं, इससे रक्त प्रवाह धीमा होता है. इससे ऊतकों में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है और अंगों को नुकसान पहुंच सकता है.
  • सेप्सिस के गंभीर होने के कारण सदमा भी हो सकता है. इससे अंग विफलता और मृत्यु भी हो सकती है.

हेल्थ केयर प्रोवाइडर से कब संपर्क करें?

पेरिटोनिटिस शरीर में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जन्म दे सकता है. इसके लक्षण महसूस होने पर अगर इसका तुरंत इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है. इसलिए जब भी पेरिटोनिटिस का कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से संपर्क कर तुरंत चिकित्सा सहायता लें.

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पेरिटोनिटिस के बारे में मुख्य बातें (Key points about peritonitis)

  • पेरिटोनिटिस पेट या पेट की परत में रेडनेस और सूजन होती है, जिसे पेरिटोनियम कहा जाता है.
  • यह अक्सर आंत में छेद या चोटिल अपेंडिक्स के संक्रमण के कारण होता है.


हेल्थ केयर प्रोवाइडर विजिट टिप्स

  • विजिट का कारण जानें और आप डॉक्टर से क्या चाहते हैं, इस बारे में चर्चा करें.
  • डॉक्टर विजिट करने से पहले सभी समस्याओं और सवालों को एक पेज पर लिख लें और डॉक्टर से बारी-बारी पूछें.
  • डॉक्टर के पास अकेले ना जाए, घर से किसी को साथ लेकर जाए, ताकि वो डॉक्टर को अच्छे से समस्या बता सके और डॉक्टर की बातों पर ध्यान दे सके.
  • डॉक्टर द्वारा बताए गए निदान, दवा, उपचार या परीक्षण का नाम लिखें और डॉक्टर से मिले सभी निर्देश को भी लिखें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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