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शाम को एक्सरसाइज करने से ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करने में मिलती है मदद : अध्ययन

इंसुलिन रेजिस्टेंस या टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. खासकर उन लोगों के लिए जो इंसुलिन रेजिस्टेंस से ग्रस्त हैं या जिन्हें टाइप 2 फिजिकल एक्टिविटी होने का खतरा है."

शाम को एक्सरसाइज करने से ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करने में मिलती है मदद : अध्ययन
शाम को फिजिकल एक्टिविटी करने से ग्लूकोज रेगुलेशन में सुधार पाया गया है.

ओबेसिटी पत्रिका में प्रकाशित नए अध्ययन के परिणामों के अनुसार, शाम को फिजिकल एक्टिविटी करने से ग्लूकोज रेगुलेशन में सुधार पाया गया है, खासतौर से ज्यादा वजन वाले वयस्कों में. शाम को शाम 6 बजे से मध्य रात्रि 12 बजे के बीच फिजिकल एक्टिविटी करने से ज्यादा वजन या मोटापे से ग्रस्त पुरुषों और महिलाओं में ग्लूकोज कंट्रोल पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है.

शोधकर्ताओं ने कहा, "दिन का आइडियल टाइम चुनना, ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म पर फिजिकल एक्टिविटी के फायदों को बढ़ाने के लिए एक उभरती हुई रणनीति प्रतीत होती है, खासकर उन लोगों के लिए जो इंसुलिन रेजिस्टेंस से ग्रस्त हैं या जिन्हें टाइप 2 फिजिकल एक्टिविटी होने का खतरा है."

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पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान रिजल्ट:

स्पेन के ग्रानाडा विश्वविद्यालय (यूजीआर) के वैज्ञानिकों के अनुसार, फिजिकल एक्टिविटी का फायदा उन लोगों को ज्यादा होता है, जिनमें ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म की कुछ समस्या होती है, जैसे ग्लूकोज का हाई लेवल या फास्ट इंसुलिन रेजिस्टेंस आदि. परिणाम पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान थे.

अध्ययन में कुल 186 ज्यादा वजन या मोटापे से ग्रस्त वयस्कों ने हिस्सा लिया, इनमें से 50 प्रतिशत महिलाएं थीं और उनकी औसत आयु 47 साल थी.

इन प्रतिभागियों ने 14 दिनों तक एक्सेलेरोमीटर और निरंतर ग्लूकोज मॉनिटर पहना, ताकि उनकी फिजिकल एक्टिविटी और ग्लूकोज के स्तर को 24 घंटे मापा जा सके.

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लेखकों ने कहा, "यह जानकारी इन समूहों में एक्सरसाइज हस्तक्षेप की प्रभावशीलता में सुधार करने में जरूरी हो सकती है. पहले इस बात की जानकारी नहीं थी कि दिन के किसी खास समय जैसे- सुबह, दोपहर या शाम के वक्त ज्यादा एक्टिव रहने से फिजिकल एक्टिविटी के कार्डियो-मेटाबोलिक फायदे ज्यादा हो सकते हैं या नहीं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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