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Diwali 2025 : दिवाली की रात अस्थमा और COPD के मरीज बरतें ये सावधानियां, नहीं तो हो सकती है गंभीर परेशानी

दिवाली की असली खुशी तभी है जब हम और हमारा परिवार स्वस्थ रहें. अस्थमा और COPD मरीज अगर थोड़ी सतर्कता और सही आदतें अपनाएं तो वे भी इस त्योहार की रौनक का पूरा आनंद उठा सकते हैं.

Diwali 2025 : दिवाली की रात अस्थमा और COPD के मरीज बरतें ये सावधानियां, नहीं तो हो सकती है गंभीर परेशानी
अस्थमा एक ऐसी स्थिति है, जिसमें फेफड़ों की नलियां सूज जाती हैं और हवा का प्रवाह रुक जाता है.

Diwali tips for Asthma and COPD : दिवाली का त्योहार रोशनी, खुशियों और मिलन का प्रतीक है, लेकिन इसके साथ वायु प्रदूषण और धुएं का खतरा भी बढ़ जाता है. खासकर अस्थमा और COPD (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) से पीड़ित लोगों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है. ऐसे में अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो आप न केवल आप अपनी सेहत की ख्याल रख कर सकते हैं, बल्कि सुरक्षित और खुशहाल दिवाली भी मना सकते हैं.

अस्थमा और COPD क्या हैं? What are Asthma and COPD?

अस्थमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें फेफड़ों की नलियां सूज जाती हैं और हवा का प्रवाह रुक जाता है, जिससे बार-बार खांसी, घरघराहट, छाती में जकड़न और सांस फूलने जैसी समस्या होती है.

वहीं COPD एक क्रोनिक (लंबे समय तक चलने वाली) फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें फेफड़ों में हवा आने-जाने में रुकावट होती है. इससे मरीज को लगातार खांसी, बलगम और सांस लेने में तकलीफ होती है. भारत में लाखों लोग इन बीमारियों से जूझ रहे हैं, और दिवाली के समय प्रदूषण इनके लिए और भी खतरनाक हो जाता है.

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दिवाली के दौरान प्रदूषण का असर

पटाखों और आतिशबाजी से हवा में PM2.5, PM10 जैसे खतरनाक पार्टिकल और कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड जैसी गैसें बढ़ जाती हैं, जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती हैं और सांस लेना मुश्किल बना देती हैं. इन कणों के कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई इलाकों में “बहुत खराब” या “गंभीर” स्तर तक पहुंच जाता है. यह हवा सांस की बीमारियों को ट्रिगर कर सकती है और अस्थमा या COPD मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.

सांस की सुरक्षा के लिए जरूरी उपाय

बाहर जाने से बचें

दिवाली की शाम और रात में जब प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है, तब घर के अंदर रहें.

मास्क पहनेंघर की हवा को शुद्ध रखें

खिड़कियां बंद रखें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. सफाई करते समय मास्क और ग्लव्स पहनें.

दवाइयों का नियमित सेवन करें

इनहेलर और रेस्क्यू मेडिसिन हमेशा अपने पास रखें.

पानी पिएं और हेल्दी खानपान अपनाएं

हरी सब्जियां, फल और हल्दी-अदरक वाली चाय फेफड़ों को मजबूत बनाती हैं.

योग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें

अनुलोम-विलोम और पर्स्ड-लिप ब्रीदिंग से सांस लेने की क्षमता बढ़ती है.

आपातकालीन स्थिति में क्या करें

अगर सांस फूलने लगे, खांसी बढ़ जाए, सीने में दर्द या होंठ नीले पड़ने लगें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. घर पर रुकने की गलती न करें.

दिवाली की असली खुशी तभी है जब हम और हमारा परिवार स्वस्थ रहें. अस्थमा और COPD मरीज अगर थोड़ी सतर्कता और सही आदतें अपनाएं तो वे भी इस त्योहार की रौनक का पूरा आनंद उठा सकते हैं.


 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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