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एंटरटेनमेंट नहीं Depression बढ़ा रहा है सोशल मीडिया का चस्का, एक्सपर्ट से समझें कैसे Mental Health हो रही प्रभावित

सोशल मीडिया की लत ऐसी है जो छुड़ाए नहीं छूटती. लोग घंटे फोन से चिपके रहते हैं और स्क्रॉल करते रहते हैं. इसका असर उनके दिमाग पर भी होता है. सोशल मीडिया की वजह से याददाश्त कम हो सकती है, और भी कई दुष्प्रभाव होते हैं. जानें इनके बारे में.

एंटरटेनमेंट नहीं Depression बढ़ा रहा है सोशल मीडिया का चस्का, एक्सपर्ट से समझें कैसे Mental Health हो रही प्रभावित

Social Media Side Effects: बच्‍चे हों या बुजुर्ग, हर कोई स्‍मार्टफोन लिए घंटों उस पर बिता रहा है. सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते–करते लोग समझ नहीं पाते कि उन्हें इसकी लत लग गई है. रील्स देखते हुए लोग अब हर जरूरी काम भी निपटा देना चाहते हैं. जैसे ही समय मिला फोन उठा लिया. इस लत का असर न केवल शरीर पर हो रहा है बल्कि इससे मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर हो रहा है. एक डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर पोस्‍ट करके इस बारे में विस्तार से बताया है कि सोशल मीडिया पर चिपके रहने वाले लोगों के दिमाग पर क्या असर देखा गया है.  
 

सोशल मीडिया का चस्का, लत बन सकती है सोशल मीडिया की आदत, दिमाग को पहुंचता है भारी नुकसान, संभलकर करें यूज, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

सोशल मीडिया के इस जमाने में लोग एक-दूसरे से मिलने, बात करने की बजाय फोन पर दोस्ती करने,  कनेक्शन ढूंढने में लगे रहते हैं. सोशल मीडिया के कारण न केवल लोगों की फिजिकल एक्‍ट‍िविटी कम हो रही है बल्कि इससे मेंटल हेल्‍थ पर भी बुरा असर हो रहा है. टीनएजर्स पर तो ये असर और बुरा है क्योंकि उनकी मेंटल हेल्थ काफी सेंसेटिव होती है.
 

डॉक्टर का पोस्ट

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर डॉक्टर सोहेब इम्तियाज ने अपने अकाउंट से एक पोस्ट शेयर की है. जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह सोशल मीडिया का मेंटल हेल्थ पर असर हो रहा है. उन्होंने कहा है कि 3 हजार हाई स्‍कूल के बच्‍चों पर की गई स्टडी में पता चला है कि इससे बच्चों की फोकस करने की क्षमता पर असर होता है. बच्‍चे एंग्जाइटी, मेमोरी लॉस, डिप्रेशन का शिकार तक पाए गए. उन्होंने सुझाव दिया है कि स्क्रीन टाइम को कम करें या बिना दिमाग लगाए स्क्रॉलिंग की आदत को खत्म करें.

देखें पोस्‍ट-


कैसे मेंटल हेल्‍थ खराब कर रहा सोशल मीडिया

सोशल मीडिया एक लत की तरह है. लोग पूरे दिन पोस्‍ट, रील्स देखते रहते हैं. अपडेट्स डालते हैं, कमेंट्स करते हैं और अपनी पोस्ट पर कमेंट्स पढ़ते हैं. खुशियां हों या अचीवमेंट, सब सोशल मीडिया पर पोस्‍ट करते हैं. इससे दूसरे लोगों को लगता है कि केवल वही हैं जो स्ट्रगल कर रहे हैं. बाकी सबके जीवन में आनंद है. इससे उनमें अकेलापन, निराशा, तनाव बढ़ता है. इससे उनमें फोमो बनता है यानी फियर ऑफ मिसिंग आउट.

सोशल मीडिया की लत से नींद ना आने की समस्या, फोकस में कमी जैसी दिक्कतें भी होती हैं. दिन में कई बार सोशल मीडिया चेक करने से लोग उस आभासी दुनिया में जीने लगते हैं. बाहरी दुनिया से संपर्क कम होता जाता है या टूट जाता है. 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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