
Diet And Routine During Rainy Season : बारिश का मौसम अपने साथ सुकून, हरियाली और ताजगी तो लाता है, लेकिन साथ ही शरीर के लिए कुछ चुनौतियां भी खड़ी करता है. वातावरण में नमी, तापमान में गिरावट और भोजन के पचने की क्षमता में कमी – ये सभी बदलाव हमारे शरीर की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम अपने खानपान और दिनचर्या को मौसम के अनुकूल ढालें. आइए जानते हैं कि वर्षा ऋतु यानी रैनी सीजन में कौन-सी चीज़ें खानी चाहिए, किनसे परहेज़ करना चाहिए और कैसे योग-प्राणायाम से खुद को हेल्दी रखा जा सकता है.
क्या खाएं बारिश में? | Barish me Kya Khaye | Diet During Monsoon
बारिश के मौसम में हल्का, जल्दी पचने वाला और शरीर को ऊर्जा देने वाला भोजन ज़्यादा फायदेमंद होता है.
- मूंग दाल और पुराना चावल: ये दोनों सुपाच्य होते हैं और वात को शांत रखते हैं.
- लौकी, परवल, तुरई जैसी सब्जियां: इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है, लेकिन ये पचने में आसान होती हैं और पेट को ठंडक देती हैं.
- तुलसी-अदरक का काढ़ा: यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और सर्दी-जुकाम से बचाता है.
- सत्तू (जौ या चना): यह पेट को ठंडक देता है, लेकिन भारी नहीं होता, आसानी से पचता है.
- थोड़ी मात्रा में शहद: कफ को नियंत्रित करता है और एनर्जी देता है.
- घी (1-2 चम्मच): पाचन क्रिया को स्टिमुलेट करता है और वात को बैलेंस में रखता है.
- हल्दी, त्रिकटु चूर्ण, सोंठ: यह अग्नि को तेज करते हैं और आम को हटाते हैं.
- नीम या करेला जैसे कड़वे रस: यह ब्लड को साफ करते हैं और स्किन प्रॉब्लम्स से बचाते हैं.
- पके फल जैसे केला, सेव, अनार: हल्के और पोषक होते हैं, साथ ही वात को शांत करते हैं.
क्या न खाएं बारिश में? | Barish Me Kya Na Khaye
कुछ खाद्य पदार्थ इस मौसम में शरीर पर बुरा असर डाल सकते हैं और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
- दही: कफ बढ़ाता है और पाचन को बिगाड़ सकता है.
- उड़द, राजमा, चना: वात को बढ़ाते हैं, जिससे गैस और अपच हो सकती है.
- बासी खाना: आम उत्पन्न करता है, जो शरीर में विष की तरह काम करता है.
- हरी पत्तेदार सब्ज़ियां: इनमें नमी के कारण कीटाणु जल्दी पनपते हैं.
- तला-भुना खाना: अग्नि को धीमा करता है और पाचन को कमजोर बनाता है.
- फ्रिज का पानी और बर्फ: वात दोष को बढ़ाता है, जिससे सर्दी और जोड़ों में दर्द हो सकता है.
- छाछ: ठंडी प्रकृति की होने से सर्दी-जुकाम का कारण बनती है.
- इमली, नींबू, खट्टे फल: पित्त और कफ दोनों को बढ़ाते हैं, जिससे शरीर में असंतुलन हो सकता है.
- हेवी नॉनवेज: अपच और गैस की समस्या को जन्म देता है.
शरीर को क्या-क्या परेशान करता है बारिश में? | Barish me hone wali Bimariya
बारिश के समय शरीर में वात और कफ दोष का प्रभाव अधिक होता है, जिससे कई समस्याएं जन्म लेती हैं:
- पाचन शक्ति कमज़ोर होती है
- गैस, ब्लोटिंग और अम्लता बढ़ जाती है
- सर्दी-खांसी, स्किन संक्रमण और जोड़ों का दर्द
- नींद में गड़बड़ी और मानसिक बेचैनी
- वजन में बदलाव और एलर्जी का खतरा
कौन-से योग और प्राणायाम फायदेमंद हैं? | Barish me nirog kaise rahe
योग और प्राणायाम न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी संतुलन बनाए रखते हैं:
वज्रासन: भोजन के बाद बैठने से पाचन बेहतर होता है
पवनमुक्तासन: गैस और ब्लोटिंग से राहत देता है
भुजंगासन और मार्जरी आसन: रीढ़ की लचीलापन और पाचन संतुलन में सहायक
बालासन और सुखासन: मानसिक शांति और ध्यान के लिए
अनुलोम विलोम: श्वसन को ठीक करता है
भ्रामरी और कपालभाति: तनाव कम करते हैं और पाचन अग्नि बढ़ाते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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