
Health Effects of Ammonia In Water: अमोनिया एक रंगहीन गैस है, जिसे रासायनिक रूप से NH3 के नाम से जाना जाता है. यह पानी में घुलकर अमोनियम हाइड्रॉक्साइड बनाता है, जो एक टॉक्सिन है. पानी में अमोनिया की उपस्थिति और शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. इसे रोकने के लिए पानी की क्वालिटी पर ध्यान देना और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति सतर्क रहना जरूरी है. स्वच्छ पानी और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इन खतरों से बचा जा सकता है. आइए इसे विस्तार से समझते हैं.
पानी में अमोनिया के स्रोत
औद्योगिक कचरा: फैक्ट्रियों से निकलने वाले रसायन और कचरे के कारण पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ सकता है.
सीवेज और कृषि अपशिष्ट: सीवेज और उर्वरकों के उपयोग से भी पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ती है.
प्राकृतिक स्रोत: कुछ प्राकृतिक प्रक्रियाओं जैसे कि जैविक पदार्थों के विघटन से भी अमोनिया का निर्माण होता है.
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पानी में अमोनिया के स्वास्थ्य प्रभाव
पाचन तंत्र पर प्रभाव: अमोनिया युक्त पानी पीने से पेट में जलन, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
त्वचा और आंखों पर प्रभाव: अमोनिया युक्त पानी के संपर्क में आने से त्वचा में जलन और आंखों में खुजली हो सकती है.
श्वसन तंत्र पर प्रभाव: अमोनिया की गंध से सांस लेने में कठिनाई, गले में जलन और फेफड़ों को नुकसान हो सकता है.
लंबे समय तक प्रभाव: लंबे समय तक अमोनिया युक्त पानी का सेवन करने से किडनी और लिवर पर बुरा असर पड़ सकता है.
शरीर में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के नुकसान
लिवर की खराबी: लिवर अमोनिया को यूरिया में बदलकर शरीर से बाहर निकालता है. लिवर की खराबी से यह प्रक्रिया बाधित हो सकती है.
किडनी की समस्या: किडनी की विफलता के कारण अमोनिया शरीर में जमा हो सकता है.
आनुवंशिक विकार: कुछ दुर्लभ आनुवंशिक विकारों के कारण शरीर में अमोनिया का स्तर बढ़ सकता है.
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शरीर में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के लक्षण
सिरदर्द और चक्कर आना: अमोनिया का उच्च स्तर मस्तिष्क पर प्रभाव डाल सकता है.
थकान और कमजोरी: शरीर में टॉक्सिन्स के बढ़ने से ऊर्जा की कमी हो सकती है.
व्यवहार में बदलाव: चिड़चिड़ापन, भ्रम और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है.
उपचार और रोकथाम
पानी का शुद्धिकरण: पानी में अमोनिया की मात्रा को कम करने के लिए क्लोरीन और अन्य शुद्धिकरण तकनीकों का उपयोग करें.
हेल्थ चेकअप: लिवर और किडनी की नियमित जांच कराएं.
डाइट में बदलाव: प्रोटीन की मात्रा को कंट्रोल करें, क्योंकि प्रोटीन के पाचन से अमोनिया बनता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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