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Chhath 2025: 36 घंटे के कठिन व्रत में कैसे रहें फिट? व्रत तोड़ने के बाद क्या खाएं और क्या नहीं, पढ़ें डॉक्टरों की सलाह

छठ पूजा 2025 : छठ के 36 घंटे के निर्जला उपवास के बाद क्या खाएं क्या नहीं और सेहत का कैसे रखें ख्याल यहां पढ़िए ये सारी महत्वपूर्ण जानकारी...

Chhath 2025: 36 घंटे के कठिन व्रत में कैसे रहें फिट? व्रत तोड़ने के बाद क्या खाएं और क्या नहीं, पढ़ें डॉक्टरों की सलाह
खरना के दिन गुड़ की खीर, रोटी और फल जैसे प्रसाद ग्रहण करने के बाद शरीर को आराम दें.

Chhath puja vrat niyam : लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है, जिसमें 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है. इस व्रत में व्रती को कई कठिन नियमों का पालन करना पड़ता है, लेकिन कुछ सावधानियों के साथ आप इस व्रत को सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से पूरा कर सकते हैं.

36 घंटे का निर्जला उपवास शरीर को ऐसे रखें तैयार - How to Prepare body for a 36-hour chhath nirjala fast

छठ का व्रत खरना के बाद शुरू होने वाले 36 घंटे के निर्जला उपवास के कारण सबसे कठिन माना जाता है. इस दौरान शरीर को स्वस्थ रखना एक बड़ी चुनौती होती है.

खरना का भोजन

खरना के दिन गुड़ की खीर, रोटी और फल जैसे प्रसाद ग्रहण करने के बाद शरीर को आराम दें.

धूप से बचें

उपवास के दौरान सीधे धूप में जाने से बचें और ठंडी जगह पर रहें.

ऊर्जा बचाएं

कम बोलें और ज्यादा मेहनत वाले कामों से दूर रहें, ताकि शरीर की ऊर्जा बची रहे.

मुंह का सूखापन

अगर मुंह बहुत ज्यादा सूखे तो नींबू या तुलसी की पत्ती सूंघ सकते हैं, इससे ताजगी महसूस होती है.

छठ व्रत खोलने का सही तरीका - The right way to break the Chhath fast

36 घंटे के उपवास के बाद सीधे भारी भोजन करना खतरनाक हो सकता है. व्रत खोलने के लिए इन बातों का ध्यान रखें-

पहला घूंट

सबसे पहले एक-दो घूंट सादा या गुनगुना पानी पिएं.

ग्लूकोज की पूर्ति 

इसके बाद नींबू पानी, नारियल पानी या कोई मीठा शरबत लें, ताकि शरीर को तुरंत एनर्जी मिले.

ठंडी चीजों से करें परहेज

व्रत खोलने के तुरंत बाद ठंडा पानी या कोल्ड ड्रिंक बिल्कुल न पिएं. इससे पेट में ऐंठन हो सकती है.

हल्का भोजन

शुरुआत प्रसाद से करें. इसके बाद गुड़ की खीर, रोटी या केला-दूध जैसा हल्का और सुपाच्य भोजन लें.

चाय-कॉफी को कहें 'नो'

उपवास के बाद चाय या कॉफी पीने से एसिडिटी हो सकती है, इसलिए इनसे बचें.

तला-भुना न खाएं

अगले कुछ दिनों तक तला-भुना और मसालेदार खाना खाने से बचें और धीरे-धीरे अपने सामान्य आहार पर लौटें. छठ का महापर्व आस्था और संयम का प्रतीक है. थोड़ी सी सावधानी रखकर आप इस पर्व को पूरी श्रद्धा और स्वस्थ तरीके से मना सकते हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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